अमरावती

ओबीसी पर ‘सुप्रीम’ फैसले का हर ओर स्वागत

स्वागत के साथ ही अब फैसले के राजनीतिक श्रेय का भी दावा

अमरावती/दि.21- गत रोज सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण को कायम रखने का फैसला सुनाया. जिसका हर ओर स्वागत किया जा रहा है. हालांकि इसके साथ ही अब अलग-अलग राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों द्वारा ओबीसी आरक्षण को लेकर मिली सफलता को लेकर अलग-अलग दावे किये जा रहे है. कोई इस सफलता का श्रेय महाविकास आघाडी को दे रहा है, तो कोई शिंदे-फडणवीस सरकार के प्रयासों से यह सफलता मिलने की बात कह रहा है. हालांकि हर किसी के द्वारा इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे ओबीसी संवर्ग के लिए न्यायपूर्ण बताया और कहा कि, अदालत के इस फैसले के चलते स्थानीय स्वायत्त निकायों में ओबीसी समाज को समूचित प्रतिनिधित्व प्राप्त होगा.
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* ‘सुप्रीम एक्टिव’ है नई सरकार
ओबीसी संवर्ग को राजनीतिक आरक्षण मिलने का पूरा श्रेय राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार को जाता है. नई सरकार इस मुद्दे को लेकर ‘सुप्रीम’ तरीके से ‘एक्टिव’ रही. जिसके चलते सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में न्यायपूर्ण फैसला सुनाया और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ओबीसी समाज को उनका हक वापिस दिलाया, जो महाविकास आघाडी की नाकामियों की वजह से खतरे में पड गया था. इस सफलता का पूरा श्रेय शिंदे-फडणवीस सरकार को ही दिया जाना चाहिए.
– नवनीत राणा
सांसद, अमरावती
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* ओबीसी संवर्ग को मिला इन्साफ
सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज ओबीसी आरक्षण को लेकर बेहद महत्वपूर्ण फैसला लिया गया. विगत ढाई वर्ष से महाविकास आघाडी सरकार इस मामले को सुलझा नहीं पायी थी. वहीं भाजपा ने सत्ता में आने के कुछ ही दिनों बाद इस मामले को सुलझा लिया तथा मुख्यमंत्री शिंदे व उपमुख्यमंत्री फडणवीस की जोडी ने ओबीसी समाज को न्याय दिलाया है. जिसके चलते स्थानीय स्वायत्त निकायों के आगामी चुनाव में ओबीसी समाज को यथोचित प्रतिधित्व मिलेगा.
– प्रवीण पोटे पाटील
विधान परिषद सदस्य

* अब तक टाईमपास कर रही थी महाविकास आघाडी
ओबीसी आरक्षण के मामले को लेकर विगत ढाई वर्षों से महाविकास आघाडी द्वारा चलताउ निती पर काम करते हुए केवल टाईमपास ही किया जा रहा था. खुद ओबीसी समाज से वास्ता रखनेवाले छगन भुजबल, नाना पटोले व विजय वडेट्टीवार ने भी नहीं सोचा होगा कि, ओबीसी आरक्षण लागू होगा, क्योंकि राकांपा के कुछ बडे नेता इसके आडे आ रहे थे और ओबीसी को आरक्षण नहीं देने का एकमात्र एजेंडा महाविकास आघाडी सरकार में चलाया जा रहा था. परंतु अब शिंदे व फडणवीस ने राज्य की सत्ता में आते ही इस मामले को सुलझा दिया. शिंदे व फडणवीस ने इस मामले को लेकर पूरी गंभीरता दिखाते हुए मामले में सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे वकीलों से मुलाकात की और मुद्दे को कोर्ट के सामने कैसे उठाया जाये इसपर चर्चा की. सुनियोजीत ढंग से किये गये काम के चलते ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बंठिया आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार किया और अब राज्य में ओबीसी समाज को राजनीतिक आरक्षण मिलने का रास्ता खुल गया. जिसके लिए शिंदे-फडणवीस सरकार बधाई की पात्र है.
– डॉ. अनिल बोंडे
राज्यसभा सांसद
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* पूरा श्रेय महाविकास आघाडी का
ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया फैसला पूरी तरह से सही व स्वागतयोग्य है. ओबीसी समाज के लिए राजनीतिक आरक्षण की मांग सर्वदलिय थी, जो अब पूरी हो गई है और इसका पूरा श्रेय महाविकास आघाडी को जाता है. महाविकास आघाडी सरकार ने भी विगत मार्च माह में बंठिया आयोग गठित किया था. जिसने महाविकास आघाडी सरकार के कार्यकाल में ही अपनी रिपोर्ट तैयार करते हुए सुप्रीम कोर्ट में पेश की थी. हालांकि इस दौरान कुछ राजनीतिक घटनाओं के चलते महाविकास आघाडी सरकार का पतन हो गया, लेकिन इस सफलता का पूरा श्रेय महाविकास आघाडी सरकार को ही दिया जाना चाहिए. क्योंकि 30 जून को अस्तित्व में आयी नई सरकार द्वारा महज 20 दिन में सुप्रीम कोर्ट के किसी मामले को सुलझाने हेतु कुछ नहीं किया जा सकता, यह सभी को पता है.
– डॉ. सुनील देशमुख
पूर्व पालकमंत्री

* ओबीसी समाज के लिए लाभी है शिंदे व फडणवीस
ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को लेकर राज्य की महाविकास आघाडी सरकार हमेशा ही विफल रही है और इस मामले को लेकर आघाडी सरकार को हर बार सुप्रीम कोर्ट में मुंह की खानी पडी. जिसका खामियाजा ओबीसी समाज को भुगतना पडा. लेकिन अब राज्य की सत्ता संभालनेवाले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बडे नियोजीत ढंग से इस विषय पर काम करते हुए ओबीसी समाज को न्याय दिलाया है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, ओबीसी समाज के लिए शिंदे व फडणवीस की जोडी लाभी रही.
– रवि राणा
विधायक, बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र

* ओबीसी समाज को अधिकार मिलने की खुशी
सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण को लेकर सुनाया गया फैसला पूरी तरह से स्वागतयोग्य है. जिसके चलते आज ओबीसी समाज को उनका अपना अधिकार प्राप्त हुआ है. हालांकि यह अधिकार हासिल करना अपने आप में काफी चुनौतीपूर्ण था. परंतु तत्कालीन मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे व मंत्री छगन भुजबल ने काफी नियोजनपूर्ण ढंग से काम किया और प्रशासनिक अधिकारी झगडे सहित अन्य ने 7 जुलाई को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी. जिसे सरकार के सामने पेश किया गया. जिसके आधार पर मध्यप्रदेश की तर्ज पर ही महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण लागू किया जा सका है. जिससे अंतत: ओबीसी समाज को न्याय मिला है तथा आगामी चुनाव में उन्हें उनका हक मिलेगा.
– संजय खोडके
प्रदेश उपाध्यक्ष, राकांपा

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* दमदार सरकार का शानदार काम
ओबीसी आरक्षण के मामले को लेकर इससे पहले राज्य की सत्ता में रहनेवाली महाविकास आघाडी सरकार ने पूरी तरह से टाईमपास ही किया था और समन्वय का अभाव रहने के चलते ओबीसी आरक्षण पर खतरा मंडराने लगा था. लेकिन अब राज्य की सत्ता में रहनेवाली भाजपा ने ओबीसी समाज से किया अपना वादा निभाया है और शिंदे-फडणवीस सरकार ने इमानदार प्रयास किये. जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण को लागू किया. इस हेतु शिंदे-फडणवीस सरकार का अभिनंदन किया जाना चाहिए.
– चेतन गावंडे
पूर्व महापौर

* महाविकास आघाडी की मेहनत आयी काम
ओबीसी आरक्षण को लेकर महाविकास आघाडी सरकार ने बडी मेहनत के साथ कोर्ट को इम्पिरिकल डेटा उपलब्ध कराया था. जिसकी वजह से ओबीसी समाज को राजनीतिक आरक्षण प्राप्त हो सका. यह आठ-दस दिन पहले अस्तित्व में आयी सरकार के बस का काम नहीं है और सुप्रीम कोर्ट में भी मामला आठ-दस दिन में नहीं निपटता, बल्कि ऐसे मामलों के पीछे लंबी न्यायिक प्रक्रिया होती है. यह बात सभी जानते है और इस प्रक्रिया के तहत महाविकास आघाडी सरकार ने ही योग्य तरीके से काम किया था. जिसका परिणाम सबके सामने है.
– बबलू देशमुख
पूर्व अध्यक्ष, अमरावती जिप
जिलाध्यक्ष, कांग्रेस

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* भाजपा के प्रयासों का नतीजा है फैसला
भारतीय जनता पार्टी हमेशा से ही ओबीसी आरक्षण की पक्षधर रही है और हमारे नेता व राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेेंद्र फडणवीस ने हमेशा ही ओबीसी आरक्षण को लेकर सकारात्मक रूख दर्शाया और सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण को लेकर पूरी मजबूती के साथ राज्य का पक्ष रखा गया. जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को कायम रखने का फैसला सुनाया. यह सीधे तौर पर शिंदे-फडणवीस सरकार और भाजपा की उपलब्धि है. विगत ढाई वर्षों के दौरान महाविकास आघाडी ने ओबीसी आरक्षण को लेकर किस तरह का ढुलमूल रवैय्या अपना रखा था, यह सभी को बताया. इसके बावजूद महाविकास आघाडी के नेताओें द्वारा ओबीसी आरक्षण का श्रेय लेना पूरी तरह से हास्यास्पद है.
– किरण पातुरकर
शहराध्यक्ष, भाजपा

* हमने अपना वादा निभाया
हमारे नेता देवेंद्र फडणवीस ने ओबीसी आरक्षण को लेकर जो वादा किया था, उसे आखिरकार पूरा करके भी दिखाया और ओबीसी समाज को उनका अधिकार दिलाया. इससे पहले राज्य की सत्ता में रहनेवाली महाविकास आघाडी की सरकार केवल ढुलमूल तरीके से काम कर रही थी. जिसका खामियाजा ओबीसी समाज को भुगतना पड रहा था. लेकिन शिंदे-फडणवीस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जिस तरीके से इस मामले को संभाला ओर कोर्ट के समक्ष सरकार के पक्ष को रखा, उसकी बदौलत आज ओबीसी समाज को राजनीतिक आरक्षण दुबारा प्राप्त हुआ. इसके लिए शिंदे-फडणवीस सरकार बधाई व अभिनंदन हेतु पात्र है.
– निवेदिता चौधरी दिघडे
जिलाध्यक्ष, भाजपा

* नई सरकार ने दिलाया ओबीसी समाज को न्याय
सुप्रीम कोर्ट में शिंदे-फडणवीस सरकार द्वारा जिस तरीके से ओबीसी आरक्षण को लेकर पैरवी की गई, उसके दम पर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में ओबीसी समाज के राजनीतिक आरक्षण को कायम रखा है. जिससे अब ओबीसी समाज को स्थानीय स्वायत्त निकायों में सही मायनों में प्रतिनिधित्व व न्याय मिलेगा.
– धीरज बारबुध्दे
शहर उपाध्यक्ष, भाजपा

* पूरा श्रेय मविआ सरकार का
हकीकत यह है कि, इससे पहले राज्य की सत्ता में रहनेवाली भाजपा सरकार की वजह से ओबीसी आरक्षण पर संकट आया था और महाविकास आघाडी सरकार ने हर तकनीकी बाधा को दूर करते हुए ओबीसी आरक्षण के लिए बंठिया आयोग का गठन किया था. लेकिन कमाल की बात यह है कि, अब भाजपा द्वारा इसका श्रेय लेने का प्रयास किया जा रहा है. जबकि खुद भाजपा के आरक्षण विरोधी षडयंत्र पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाम लगायी है. ऐसे में भाजपा और उसके समर्थक दलों ने ओबीसी आरक्षण का श्रेय नहीं लेना चाहिए, बल्कि खुले मन से इस कार्य हेतु महाविकास आघाडी के प्रयासों को स्वीकार करना चाहिए.
– मिलींद चिमोटे
प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस
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* मविआ सरकार की वजह से मिली सफलता
महाविकास आघाडी सरकार की बदौलत ओबीसी आरक्षण प्राप्त हुआ है. मविआ सरकार ने ही बंठिया आयोग का गठन किया था और इस आयोग की सिफारिशों के आधार पर ही सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण को लागू किया. जिससे मौजूदा सरकार और भाजपा का कोई लेना-देना नहीं. ऐसे में भाजपा एवं उसके समर्थकों ने बेवजह इस उपलब्धि का श्रेय नहीं लेना चाहिए.
– बबलू शेखावत
शहराध्यक्ष, कांग्रेस

* कोई राजनीति न हो
सुप्रीम कोर्ट का फैसला पूरी तरह से स्वागतयोग्य है. इस जरिये ओबीसी समाज को उनका संवैधानिक अधिकार मिला है. इस मामले को लेकर अब किसी तरह की राजनीति या श्रेय की लडाई नहीं होनी चाहिए. साथ ही जिस तरह ओबीसी समाज को आरक्षण का अधिकार मिला है, उसी तरह मुस्लिम समाज को भी आरक्षण का अधिकार दिया जाना चाहिए.
– अ. नाजीम
पूर्व पार्षद, एमआईएम

* अब मुस्लिम आरक्षण का है इंतजार
महाविकास आघाडी सरकार के इमानदार प्रयासों से ओबीसी समाज को आरक्षण प्राप्त हुआ है. कांग्रेस ने हमेशा से ही ओबीसी समाज को आरक्षण दिलाये जाने की भूमिका अपनायी थी और जब तक ओबीसी समाज को आरक्षण नहीं मिलता, तब तक स्थानीय निकायों के चुनाव नहीं करवाने की मांग की थी. अब जिस तरह से ओबीसी समाज को सही मायनों में न्याय मिला है, उसी तरह से मुस्लिम समाज को भी आरक्षण मिलने का हमे इंतजार है.
– आसीफ तवक्कल
प्रदेश उपाध्यक्ष, कांग्रेस

* चुनाव को लेकर जल्दबाजी न हो
सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को लागू रखने के साथ ही दो सप्ताह के भीतर चुनाव करवाने का निर्णय दिया है. लेकिन दो सप्ताह में चुनाव करवाना संभव नहीं है. साथ ही इस समय राज्य में कोई संवैधानिक व पूर्ण सरकार भी नहीं है. ऐसे में इस फैसले को गति कैसे मिलेगी यह अपने आप में एक बडा सवाल है. अत: चुनाव करवाने को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए.
– किशोर बोरकर
प्रदेश सचिव, कांग्रेस

* मविआ सरकार की शानदार सफलता
ओबीसी समाज को स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव में राजनीतिक आरक्षण दिलाने हेतु महाविकास आघाडी सरकार ने शुरूआत से प्रयास किये और बंठिया आयोग का गठन किया. जिसकी रिपोर्ट के आधार पर ओबीसी समाज को 27 फीसद आरक्षण देने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट में हुआ. यह सीधे तौर पर मविआ सरकार की सफलता है.
– अमोल पाटील भारसाकले
अध्यक्ष, रायुकां, भातकुली तहसील

* ठाकरे सरकार को जाता है पूरा श्रेय
महाविकास आघाडी सरकार में मुख्यमंत्री रहनेवाले उध्दव ठाकरे द्वारा बंठिया आयोग स्थापित किये जाने के चलते ही यह सकारात्मक निर्णय हुआ और ओबीसी समाज को राजनीतिक आरक्षण मिलने का रास्ता खुला. इसका पूरा श्रेय महाविकास आघाडी और तत्कालीन मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को जाता है.
– बालू धानोरकर
सांसद

* स्वागतयोग्य निर्णय
ओबीसी समाज को राजनीतिक आरक्षण मिलना ही चाहिए था. क्योंकि यह ओबीसी समाज का संवैधानिक अधिकार है. ऐसे में हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये फैसले का तहे दिल से स्वागत करते है. साथ ही ओबीसी आरक्षण के लिए किये गये प्रयासों हेतु महाविकास आघाडी के प्रति आभार ज्ञापित करते है.
– विलास इंगोले
पुर्व महापौर
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* अब सभी को मिलेगा न्याय
ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बेहतरीन निर्णय लिया गया है. इस आरक्षण की वजह से सभी को न्याय मिलेगा. सभी राजनीतिक दलों ने ओबीसी आरक्षण के लिए सम-समान रूप से प्रयास किये थे. ऐसे में एक आम नागरिक के तौर पर ओबीसी आरक्षण के लिए सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया जा सकता है..
– राजेंद्र महल्ले
अध्यक्ष, डॉ. पंजाबराव देशमुख बैंक

* अदालत के फैसले का स्वागत
हम सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते है. यह किसी सरकार का फैसला नहीं है, बल्कि देश की सर्वोच्च अदालत का फैसला है. अत: किसी भी सरकार या राजनीतिक दल ने इसका श्रेय लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए. इस फैसले के जरिये ओबीसी समाज के साथ ही सर्वसामान्यों को न्याय मिला है.
– अभिजीत ढेपे
पूर्व जिप सदस्य

* शिंदे-फडणवीस सरकार का अभिनंदन
बीते ढाई साल से ओबीसी आरक्षण का मुद्दा अधर में अटका हुआ था. लेकिन शिंदे व फडणवीस की सरकार के बनते ही ओबीसी समाज को राजनीतिक आरक्षण हासिल हुआ. इस सरकार ने बेहद अल्प समय में अपने वकीलोें के जरिये सुप्रीम कोर्ट में मामले की पैरवी शानदार ढंग से करवायी. जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को कायम रखा.
– रविंद्र मुंदे
पूर्व नेता प्रतिपक्ष, जिप

 

 

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