अमरावती

शहर के अवैध होर्डिंग के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई?

मुंबई उच्च न्यायालय का मनपा से सवाल

* 12 दिसंबर को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश
अमरावती/दि. 8– शहर अवैध होर्डिंग के संदर्भ में अमरावती मनपा को आगामी 12 दिसंबर को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश मुंबई उच्च न्यायालय ने दिए है. मनपा व्दारा कितनी कार्रवाई की गई और इस संबंध में पुलिस में कितनी शिकायतें और मामले दर्ज हुए है, इसकी जानकारी मांगी गई है. विशेष यानी पिछले तीन माह में मनपा ने तीन एफआईआर किए है. इसमें सर्वाधिक होर्डिंग वाले क्षेत्र मध्य जोन से कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
वर्ष 2011 में सातारा की सुुसुराज्य सामाजिक संस्था ने मुंबई उच्च न्यायालय में महाराष्ट्र विद्रुपीकरण अधिनियम के प्रावधान निमित्त मुंबई उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है. इस याचिका पर कार्रवाई के दौरान सभी मनपा को तीन तिमासिक की रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा है. पिछले तीन माह में अमरावती मनपा क्षेत्र में केवल 3 एफआईआर दर्ज हुई है. यह एफआईआर दस्तुरनगर, रामपुरी कैम्प और बडनेरा जोन की है. शहर के सर्वाधकि होर्डिंग की संख्या रहने वाले मध्य जोन से कोई कार्रवाई नहीं की गई है. पांचों जोन से 2011 से अब तक 60 एफआईआर दर्ज हुई है. शहर के अधिकांश होर्डिंग बाजारपेठ परिसर में लगते हैं. यह परिसर मध्य जोन अंतर्गत आता है, लेकिन इस जोन में कार्रवाई नहीं हुई है. अधिकांश होर्डिंग राजनीतिक दल के रहते है. उसे निकालने में मनपा के कर्मचारी हिचकिचाते हैं. राजनीतिक दबाव के कारण उनकी कुछ नहीं चलती. इस कारण जगह-जगह होर्डिंग लगे हुए दिखाई देते हैं. मनपा को अब 12 दिसंबर को न्यायालय में रिपोर्ट प्रस्तुत करना है. न्या. रफीक डॉक्टर और न्या. देवेंद्र उपाध्याय की खंडपीठ के सामने सुनवाई होने वाली है.

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