जो भाजपा को नहीं जमा, वह शिंदे गुट ने कर दिखाया
शिंदे गुट ने लगाई प्रहार पार्टी में सेंध, विधायक पटेल को किया अपने पाले में
* प्रहार के विधायक बच्चू कडू फिर रह गये अकेले, भरोसेमंद साथी छूटा
अमरावती/दि.8 – शिवसेना व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी जैसे बडे प्रादेशिक दलों में सेंध लगा चुकी भारतीय जनता पार्टी द्वारा जो काम नहीं किया जा सका, उसे शिंदे गुट वाली शिवसेना ने कर दिखाया. विधानसभा में महज दो विधायक रहने वाले प्रहार जनशक्ति पार्टी में सेंध लगाते हुए शिंदे गुट वाली शिवसेना ने प्रहार पार्टी के संस्थापक व विधायक बच्चू कडू के बेहद भरोसेमंद साथी रहने वाले मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र के विधायक राजकुमार पटेल को अपने पाले में कर लिया है. जिसके चलते आगामी विधानसभा चुनाव हेतु पूरे राज्य में घूमघूमकर नये साथियों की खोज करते हुए तीसरी आघाडी का गठन करने और अपने लिए नई राजनीतिक जमीन तैयार करने का प्रयास कर रहे विधायक बच्चू कडू के गृह क्षेत्र में ही शिंदे गुट वाली शिवसेना ने विधायक बच्चू कडू को जबर्दस्त राजनीतिक झटका दिया है.
विशेष उल्लेखनीय है कि, महाविकास आघाडी की सरकार में राज्यमंत्री रहने वाले विधायक बच्चू कडू ने शिंदे गुट द्वारा शिवसेना में की गई बगावत के समय अपने मंत्री पद की परवाह किये बिना शिंदे गुट का साथ दिया था और वे भाजपा-शिंदे गुट का समावेश रहने वाली राज्य की महायुति सरकार में शामिल रहने के बावजूद हमेशा ही भाजपा विरोधी भूमिका में रहे. ऐसे में भाजपा द्वारा हमेशा से विधायक बच्चू कडू को राजनीतिक मात देने का भी प्रयास किया जाता रहा. लेकिन भाजपा को इसमें कभी सफलता नहीं मिली. वहीं अब विधायक बच्चू कडू ने महायुति से बाहर निकलने की घोषणा करने के साथ जैसे ही राज्य में तीसरी आघाडी का गठन किया, वैसे ही शिंदे गुट में अब तक अपने समर्थन में रहने वाले विधायक बच्चू कडू की राजनीतिक जमीन को खोदने का प्रयास करना शुरु कर दिया. जिसके तहत जो काम अब तक भाजपा नहीं कर पायी, उस काम को शिंदे गुट ने अंजाम देते हुए प्रहार पार्टी में सीधी सेंध लगाई और प्रहार पार्टी से मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रहने वाले राजकुमार पटेल को अपने पाले में कर लिया.
इसे विधायक बच्चू कडू के लिए जबर्दस्त झटका माना जा रहा है, क्योंकि विधायक राजकुमार पटेल को प्रहार पार्टी के संस्थापक विधायक बच्चू कडू का सबसे भरोसेमंद साथी माना जाता रहा. विगत विधानसभा चुनाव में जब राजकुमार पटेल को किसी भी राजनीतिक दलों ने तवज्जों नहीं दी थी, तब प्रहार पार्टी के बच्चू कडू ही राजकुमार पटेल के लिए तारणहार बनकर सामने आये थे और बच्चू कडू को राजकुमार पटेल को मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र से प्रहार पार्टी का प्रत्याशी बनाया था. जिसके बाद राजकुमार पटेल विधायक निर्वाचित हुए थे. इसके साथ ही हालिया संपन्न लोकसभा चुनाव दौरान भी प्रहार पार्टी में विधायक राजकुमार पटेल का जबर्दस्त वजन दिखाई दिया. जब विधायक राजकुमार पटेल की पहल पर ही प्रहार जनशक्ति पार्टी ने दिनेश बूब को पार्टी का प्रत्याशी बनाते हुए चुनावी अखाडे में उतारा और प्रहार के सांसद पद प्रत्याशी दिनेश बूब के चुनावी प्रचार की पूरी कमान विधायक राजकुमार पटेल के हाथों में ही दिखाई दी. हालांकि खुद विधायक राजकुमार पटेल का निर्वाचन क्षेत्र रहने वाले मेलघाट से भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा ने 30 हजार वोटों की लीड हासिल की थी. यह विधायक पटेल के लिए भी एक बडा झटका था. जिसे ध्यान में रखने के साथ ही आगामी विधानसभा के मद्देनजर विधायक राजकुमार पटेल द्वारा अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर सोच विचार करना शुरु कर दिया गया था. उस समय तक सर्वसामान्य तौर पर यह माना जा रहा था कि, लोकसभा चुनाव में महायुति प्रत्याशी के खिलाफ अपना प्रत्याशी खडा करने के बावजूद भी महायुति में ही रहने वाली प्रहार पार्टी के लिए महायुति द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान अचलपुर व मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र छोडे जाएंगे, लेकिन जैसे ही प्रहार पार्टी के मुखिया व विधायक बच्चू कडू ने महायुति से अलग होते हुए तीसरी आघाडी का गठन कर अपना अलग रास्ता बनाया. वैसे ही यह स्पष्ट हो गया कि, अब अचलपुर व मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र पर भाजपा अथवा शिंदे गुट द्वारा दावा किया जाएगा. इस बात को ध्यान में रखते हुए विधायक राजकुमार पटेल ने तुरंत ही महायुति के नेताओं से संपर्क करना शुरु किया. इसमें भी उनका सीधा संपर्क शिंदे गुट वाली शिवसेना के मुखिया व राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से रहा और सीएम शिंदे ने उन्हें अपनी नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होने का खुला आफर देते हुए आश्वस्त भी किया कि, यदि वे प्रहार पार्टी छोडकर शिंदे गुट वाली शिवसेना में प्रवेश करते है, तो पार्टी द्वारा उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी का टिकट दिया जाएगा. जिस पर विधायक राजकुमार पटेल ने हामी भी भर दी और अब 10 अक्तूबर को विधायक राजकुमार पटेल का शिंदे गुट वाली शिवसेना में अधिकृत तौर पर प्रवेश भी होने जा रहा है.
विशेष उल्लेखनीय है कि, अब तक करीब चार बार पार्टियां बदल चुके विधायक राजकुमार पटेल किसी समय भाजपा में भी शामिल थे और उन्होंने करीब दो बार भाजपा की टिकट पर मेलघाट क्षेत्र से चुनाव भी लडा था. इसके साथ ही वे बसपा व राकांपा के प्रत्याशी के तौर पर भी मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड चुके है. वहीं अब विधायक राजकुमार पटेल शिंदे गुट वाली शिवसेना में शामिल होने जा रहे है और संभवत: आगामी विधानसभा चुनाव में वे मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र से शिंदे गुट वाली शिवसेना के प्रत्याशी के तौर पर भी दिखाई देंगे. वहीं दूसरी ओर विधायक राजकुमार पटेल को अपने पाले में लाने से चुक गई भाजपा के मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र से वास्ता रखने वाले पदाधिकारियों द्वारा विधायक राजकुमार पटेल की दावेदारी का विरोध करते हुए मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र को इस बार भाजपा के ही कोटे में रखते हुए इस बार मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र से कमल चुनाव चिन्ह पर भाजपा का प्रत्याशी दिये जाने की मांग की जा रही है, ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि, विधायक राजकुमार पटेल के पार्टी प्रवेश और शिंदे गुट वाली शिवसेना की टिकट पर दावे के बाद मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र में राजनीतिक उंट किस करवट बैठता है?