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क्या डील हुई होगी बच्चू-एनडीए में!

अमरावती/दि.20-अचलपुर के चार बार के विधायक ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कडू के भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए की बैठक में सहभागी होने के बाद नाना प्रकार की चर्चा आरंभ हो गई है. अनुमान कई तरह के लगाए जा रहे हैं. किन्तु हमेशा ही अपने पत्ते सीने के करीब रखने वाले और शीघ्र अपनी राजनीतिक चाल भांपने न देने वाले कडू के कदम से कई लोगों को अचरज जरुर हुआ है. यह भी चर्चा चल रही है कि आखिर कडू की एनडीए में शामिल होने को लेकर क्या डील हुई होगी?
* लीक से हटकर उठाया कदम
कडू ने पूर्ववती महाविकास आघाड़ी सरकार में प्रवेश किया था. उन्हें मंत्री पद दिया गया. वे मंत्री पद का जनता और खुद की राजनीति और पार्टी को मजबूत करने के लिए उपयोग करते रहे. अचानक सत्तांतर हुआ. जिसमें कडू ने अब तक की लीक से हटकर कदम उठाया. कई लोगों को आश्चर्य भी हुआ. वे एकनाथ शिंदे का समर्थन करते हुए गुवाहाटी गए. शिंदे सरकार का समर्थन कर रहे हैं. इस बीच उन पर लगाए गए 50 खोखे के आरोपों को कडू ने मजबूती से खारिज भी किया. शिंदे सरकार बनी. तब से कडू राजनीति की सौदेबाजी करते हुए पार्टी को मजबूत भी करते रहे.
* परिपक्व नेता के तौर पर उभरे
बच्चू कडू अचलपुर-चांदूरबाजार-अंजनगांव और परिसर में पिछले दो दशक में उभरकर आया युवा नेतृत्व हैं. कडू ने लोकसभा का भी चुनाव लड़कर दिल्ली पहुंचने की कोशिश की थी. वह भले ही असफल रही. लेकिन आज उन्होंने अपने क्षेत्र में प्रहार से सुदृढ़ स्थान बना दिया है. लोगों ने चार बार राज्य विधानसभा पर कडू को चुनकर भेजा. आज उनके पास केवल दो विधायक हैं. बावजूद इसके उन्हें दिल्ली से एनडीए की बैठक हेतु आमंत्रण आया है. इस न्यौते को कडू ने समय की नब्ज देखकर बराबर अपनाया. वे एनडीए की बैठक में सहभागी होकर लौटे हैं. इससे उन्होंने अपने आपको परिपक्व नेता के रुप में प्रस्तुत किया है.
* राज्य में प्राप्त किया दिव्यांग विभाग
कडू ने अपने और अपने क्षेत्र की जनता के लिए समय-समय पर आंदोलन किए हैं. उसी प्रकार कुछ अलग हटकर यात्राएं भी निकाली है. जिले और राज्य में अपने अनेक समर्थक उन्होंने बनाए हैं. विशेषकर, संगठन पर भी ध्यान दिया है. इसी के बूते कडू राज्य में दिव्यांग विभाग अलग से स्थापित करने में सफल रहे हैं. सीएम शिंदे ने उन्हें विभाग का अध्यक्ष भी बना दिया है. बता दें कि दिव्यांगों के अधिकारों और सुविधाओं के वास्ते कडू अनेक वर्षों से लड़ रहे हैं. उन्होंने दिव्यांगों की बात उठाई तो उन पर उस समय लोग खासकर, सियासतदां हंसते थे. किन्तु धुन के पक्के कडू ने अपनी मांग पूर्ण करवाकर दिखा दी.
* फडणवीस से खटास कायम
बच्चू कडू विदर्भ में एनडीए के बाद सबसे बड़े नेता के तौर पर उभर रहे हैं. केवल उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ उनकी नहीं बनती. बताते हैं कि यह राजनीतिक संबंध उस समय खराब हुए, जब एक आंदोलन के दौरान फडणवीस के सीएम रहते अमरावती के एसपी अभिनाशकुमार ने बच्चू कडू पर हत्या के प्रयास की धारा 307 दाखिल की थी. बताते हैं कि कडू को लंबे समय तक जेल में डालने का प्लान था. यह प्लान विफल हो गया. किन्तु आज भी कडू और फडणवीस के बीच खटास कायम है. विदर्भ में फडणवीस को बच्चू कडू चुभते हैं. राजनीतिक मजबूरी के चलते दोनों नेता सार्वजनिक रुप से एक-दूसरे के प्रति अनबन को बताने से बचते हैं.
* पैंतरे ने डाला अचरज में
बच्चू कडू अभी तक राज्य की राजनीति में ही एक्टीव हैं. उन्होंने राहुल गांधी पर एकाध टिप्पणी के अलावा कभी दिल्ली का रुख नहीं किया था. वे अपने क्षेत्र के लोगों के हित में सदैव सक्रिय रहे हैं. मगर उन्हें पसंद करने वाले सभी लोगों के मन में बच्चू कडू के एनडीए की बैठक में सहभागी होने पर सवाल जरुर कौंधा होगा. भाजपा के शीर्ष नेताओं से कडू की क्या राजनीतिक डील हुई होगी. लोगबाग, राजनीतिक कार्यकर्ता यहीं सोच रहे हैं. बच्चू के पास एक भी सांसद नहीं है. केवल दो विधायक हैं. ऐसे में कडू एनडीए के 38 नेताओं में कैसे घुस गए. क्या डील हुई होगी. क्या आश्वासन मिला होगा. जिसका भविष्य में कडू को अपने संगठन और राजनीति के लिए कितना फायदा होगा?
* यह दो मुद्दे हो सकते हैं
जिन लोगों के जेहन में कडू को लेकर प्रश्न उठ रहे होंगे, उसमें दो मुद्दे मुख्य रुप से आ रहे हैं. पहला कडू को उनके वर्षों से प्रलंबित अचलपुर को जिला बनाने की मांग तथा दूसरा केंद्र में भी दिव्यांग मंत्रालय की स्थापना. इन दो बातों पर कडू की डील का अनुमान लगाया जा रहा है. भविष्य में यह दोनों मांग होती है तो किसी को आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए. कडू भाजपा या एनडीए के लिए लोकसभा चुनाव में काम करेंगे, प्रचार करेंगे. उनकी जितनी ताकत है वह मोदी-शाह (एनडीए) के लिए उपयोग में लाएंगे. बच्चू धीरे-धीरे अपने पत्ते खोलते हैं. एक बात तय है कि इस बार बच्चू विदर्भ में भाजपा के अलावा सबसे बड़े नेता के रुप में उभरे हैं. एक वर्ष के अंदर अचलपुर जिला और केंद्र में दिव्यांग विभाग की घोषणा हो सकती है.
कार्यकर्ताओं से चर्चा उपरांत निर्णय
इस बीच कडू ने एनडीए में सहभागी होने के विषय में प्रहार कार्यकर्ताओं से चर्चा उपरांत निर्णय करने की बात बुधवार को नागपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए की. उन्होंने कहा कि हमारी डिमांड पर दिव्यांग विभाग राज्य में बना है, इसलिए एकनाथ शिंदे को वे दिक्कत में नहीं लाएंगे. ऐसा कोई काम नहीं करेंगे, जिससे शिंदे को परेशानी हो. कडू अपने निर्णय की घोषणा आज-कल में कर सकते हैं.

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