आप जो कचरा फेंकते हो उसका क्या किया जाता है?
सुकली और अकोली में कचरे से खाद निर्मिती का प्रकल्प
अमरावती /दि.29– मनुष्य के दैनंदिन जीवन में उपयोगी रहनेवाली वस्तु का काम समाप्त होने के बाद उसे फेंक दिया जाता है. लेकिन इस कचरे के कारण पर्यावरण पर विपरित परिणाम होता है. इस पर उपाययोजना के रुप में सरकार फेके गए कचरे का इस्तेमाल मनुष्य के जीवन में फिर से किस तरह किया जा सकता है, वह प्रक्रिया करती है. अमरावती मनपा के कचरा डिपो में कचरे पर प्रक्रिया कर खाद निर्मिती हो रही है. वर्तमान में घरेलू, व्यवसायिक दुकान से भारी मात्रा में कचरा निकलने का प्रमाण बढा है. ऐसे में पंखे, बल्ब, कूलर, एसी, मोबाइल चार्जर आदि कचरा भी निकलता है.
* कचरा डिपो कहां?
– सुकली : शहर के पश्चिम भाग में सुकली में कचरा संकलन डिपो निर्मित किया गया है. यहां हर दिन 190 से 200 टन कचरा जमा किया जाता है. यह डिपो अमरावती के मध्यवर्ती भाग से 4 से 5 किलोमीटर दूरी पर है.
– अकोली : मनपा प्रशासन द्वारा साईनगर के पीछे अकोली क्षेत्र में 300 टीपीटी कचरे से खाद निर्मिती का प्रकल्प साकार किया गया है. वह फिलहाल कार्यान्वित नहीं है.
* शहर में हर दिन निकलता है 200 टन कचरा
अमरावती मनपा क्षेत्र के पांचो जोन से कचरा इकठ्ठा कर उसे सुकली के कंपोस्ट डिपो में लाया जाता है. कचरा डिपो के पंजीयन के मुताबिक हर दिन 190 से 200 टन कचरा आता है. इस कचरे पर प्रक्रिया कर खाद निर्मिती की जाती है.
* कचरे से आगे क्या किया जाता है?
– कचरे से खाद निर्मिती का मुख्य प्रकल्प कार्यान्वित है. गिले और सूखे ऐसे दो तरह के कचरे पर प्रक्रिया डिपो में की जाती है.
– सुकली में रोज 200 टन कचरे को समाप्त करने की जिम्मेदारी मनपा स्वच्छता विभाग पूरी कर रहा है. इसके लिए स्वतंत्र रुप से मनुष्यबल है.
– कचरा संकलन के लिए 132 घंटागाडी, 30 ट्रक और 17 डंपर प्लेसर कार्यरत है.
* मासिक खर्च 4.80 करोड रुपए?
कचरा संकलन, वहन और डिपो में कचरे पर प्रक्रिया आदि को देखते हुए मनपा का मासिक खर्च 4.80 करोड रुपए है.
* कचरा और स्वच्छता के लिए 40 करोड का खर्च अपेक्षित
वित्तिय बजट के प्रावधान के मुताबिक कचरा और स्वच्छता के लिए 40 करोड रुपए खर्च अपेक्षित है. सुकली और अकोली इन दो डिपो में कचरा इकठ्ठा कर उस पर प्रक्रिया कर खाद निर्मित किया जाता है.
– डॉ. अजय जाधव, स्वच्छता अधिकारी, मनपा.