ये क्या हो रहा, अमरावती में कोई माई-बाप नहीं?
मामला बढे हुए हाउस टैक्स का
* भाजपा को अपने ही पालकमंत्री की घोषणा की फिक्र नहीं
* लोग लगे हैं काउंटर्स पर कतार में
अमरावती/दि.21 – संपत्ति कर बढाये जाने और उसमें रियायत दिये जाने की कथित लफ्फाजी के बीच सामान्य अमरावतीवासी मार्च माह खत्म होने को आने से मनपा के झोन कार्यालयों पर टैक्स काउंटर की कतार में लगे हैं. उन्हें मिले ताजा संपत्ति कर बिल थोडी हिलहुज्जत के बाद उसका भुगतान कर रहे हैं. इस बीच बिल देखने पर साफ हो रहा है कि, 8 हजार का टैक्स दोगुना से अधिक हो जाने के मामलें सामने आ रहे हैं. सत्तारुढ दल के नेताओं द्वारा किये गये दावे के बावजूद यहां के लोग टैक्स की बढी रकम भरने को मजबूर हुए हैं. यह सब क्या हो रहा है, क्या अमरावती में सामान्य लोगों का कोई भी सुनने वाला नहीं?
* पवार भी बात करने से कतरा रहे
निगमायुक्त देवीदास पवार अपनी कुर्सी बचाने के फेर में भारी दबाव में आ जाने की चर्चा मनपा गलियारे में सुनने मिल रही. वे हाउस टैक्स के मुद्दे पर मीडिया से बात करने से कतरा रहे हैं. जबकि चार गुना तक बढाया गया हाउस टैक्स घटाकर डेढ गुना करने के दावेवाली वित्त मंत्री अजीत पवार के साथ की बैठक में पवार उपस्थित थे. पवार ने मनपा नियमों के अधीन पहले से ही जो रियायत देने की मान्यता है, उसी बात पर जोर देकर अधीनस्थों को बिल तैयार करने कहा था.
* नियमों का हवाला, घसारा देखकर छूट
पवार ने पहले मीडिया से बातचीत में कहा था कि, इमारत कितनी पुरानी है, यह देखकर टैक्स की रकम में 5 से लेकर 40 प्रतिशत तक छूट दी गई है. इसके अलावा मनपा के नियमों के अनुसार 3 से लेकर 10 प्रतिशत तक छूट उन बिलों में दी गई, जिनमें पहले ही 2 से 3 गुना हाउस टैक्स कर दिया गया. पुरानी इमारतों के टैक्स की रकम 1200 से बढकर 2000 के रेंज में आयी है. वहां कोई सुनवाई भी नहीं की गई. उसी प्रकार कई लोगों को 2 और 3 वर्षों के बिल एक साथ दिये गये. इसके पीछे भी प्रशासन की सोची समझी योजना है. जैसे 2-3 वर्ष के बिल एकसाथ देने पर टैक्स बढ गया, यह कहना आसान होता है. संपत्तिधारक को ऐसे बिल को मान्य करने समझाया जा सकता है.
* भाजपाई चुप
यहां उल्लेखनीय है कि, पालकमंत्री के रुप में देवेंद्र फडणवीस ने ही सर्वप्रथम मनपा की टैक्स वृद्धि पर रोक लगाने की घोषणा डीपीसी की बैठक दौरान की थी. उस रोक पर अमल हुआ या नहीं, इसकी भी पुष्टि भाजपा नेता करने से कतरा रहे हैं. मनपा को बजट से लेकर साफ-सफाई और अनेक मुद्दों पर सलाह मशवीरा देने लावलष्कर के साथ पहुंचने वाले भाजपा पदाधिकारी हाउस टैक्स के जन-जन से जुडे मुद्दे पर खामोश नजर आ रहे है. अमरावती मंडल ने आज दोपहर कुछ पदाधिकारियों से उनका रुख जानने का प्रयत्न किया, तो उन लोगों ने कहा कि, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने बिलों में रियायत घोषित की है. टैक्स जो बढाया गया था, उसमें कमी आयी है. एक पदाधिकारी ने मोती नगर राजापेठ क्षेत्र के संपत्तिधारक का उदाहरण दिया, जिन्हें 40 हजार का बिल मिला था. उसे कटौती कर कम करने का दावा उन्होंने किया. हालांकि बिल की कॉपी वे पेश नहीं कर सके.
* निर्माण क्वॉलिटी देखकर रियायत
मनपा एक और फंडा पब्लिक के सामने लायी है. पहले उसमें 0 से लेकर 30 वर्ष पुरानी इमारत को 10 से लेकर 30 प्रतिशत तक टैक्स रियायत देने की बात कही थी. अब उसमें नया फंडा बताया है. जिसके अनुसार निर्माणकार्य की गुणवत्ता के आधार पर टैक्स में बडी रियायत देने का दावा किया जा रहा है. उसके अनुसार 6 से 10 वर्ष की अ श्रेणी की इमारत को 5 प्रतिशत, ब श्रेणी को 10 प्रतिशत, क श्रेणी को 15 प्रतिशत, ड श्रेणी को 20 प्रतिशत कर राहत रहेगी. ऐसे ही 35 वर्ष से अधिक पुरानी किंतु ए श्रेणी की क्वॉलिटी इमारत को टैक्स में 40 प्रतिशत और ई श्रेणी तक 45 प्रतिशत छूट देने का दावा मनपा ने जारी पत्रक में किया है. कहा गया है कि, अपेक्षित प्रस्तावित वार्षिक रेट 225 रुपए प्रति वर्ग मीटर था. जिसे घटाकर 135 से 202 रुपए तक कम किया गया है. मनपा ने 2005 से लेकर 2024 तक के दरों का ब्यौरा पत्रक में दिया है.