‘क्या मजाक लगा रखा है, सर्टिफिकेट देते क्यों नहीं!’
जब काऊंटिंग सेंटर पर यशोमति का उग्र रुप सामने आया
* कलेक्टर और ऑब्झरवर को लताडा
अमरावती/दि. 5 – गत 26 अप्रैल को हुए लोकसभा चुनाव के वोटिंग के 39 दिनों पश्चात मंगलवार 4 जून को लोकशाही भवन में बडे तामझाम के साथ मतगणना शुरु हुई. प्रशासन ने बडी तैयारियों के दावे किए थे. किंतु मतगणना प्रगति पर रहने के साथ प्रशासन का आपसी तालमेल का अभाव और चुनाव आयोग के निर्देशो की आड में किया जा रहा विलंब दिखाई पडा. घंटो की देरी से आखिर विधायक यशोमति ठाकुर को रुद्र रुप दिखाना पडा.
मतगणना स्थल पर प्रशासन का नियोजन ठीक न था. मीडिया सेंटर को उपलब्ध करवाए जा रहे आंकडो और अंदर प्रत्यक्ष मतगणना के आंकडो में तालमेल न था. उसकी बजाए ऑनलाइन आंकडे सटीक और पटापट मिल रहे थे. अमरावती मंडल को अंदर से मिली जानकारी के आधार पर दोपहर 2 बजे खबर दे दी थी कि, बलवंत वानखडे चुनाव जीत गए हैं.
* काऊंटिंग 2.30 बजे पूरी
अमरावती लोकसभा अंतर्गत सभी 6 विधानसभा क्षेत्रो की मतगणना दोपहर ढाई-पौने तीन बजे पूरी हो गई थी. अमरावती मंडल के ब्रेकिंग न्यूज में 2.45 बजे वानखडे की विजय का समाचार इसी आधार पर दिया गया था. उसी प्रकार नवनीत राणा के समर्थक दोपहर पौने तीन बजे से बाहर आना शुरु हो गए थे. राणा के लोग लौट रहे थे. खुद सुनील राणा लौट गए. जिससे साफ हो गया कि, मतगणना का मुख्य कार्य हो गया है.
* दो घंटे का विलंब
दोपहर ढाई-तीन बजे मतगणना पूरी होने के बावजूद फेरी निहाय आंकडों की घोषणा चुनाव आयोग प्रशासन ने धीमी कर दी थी. जिसे लेकर कांग्रेस प्रत्याशी और उनके समर्थको को शक हुआ. वानखडे के प्रतिनिधियों ने बाहर आकर फोन से इसकी जानकारी अपने लीडरान तक पहुंचाई. कांग्रेस के बडे नेता मालटेकडी के पास कांग्रेस भवन में डटे थे. पल-पल की खबर ले रहे थे.
* यशोमति पहुंची, अफसरान की मीटिंग
घोषणा में जानबूझकर विलंब किए जाने और इसके पीछे कोई बात होने की भनक अनेक चुनाव लड चुकी यशोमति ठाकुर को हो गई थी. उन्होंने चुनाव निर्णय अधिकारी अर्थात जिलाधीश से बात की. विधायक ठाकुर को इस बात की भी भनक लगी थी कि, राणा समर्थक भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क का प्रयत्न कर रहे हैं. इसी के साथ जिलाधीश और चुनाव आयोग के दोनों निरीक्षक अंजली पांडा एवं रजनीकांतम लोकशाही भवन के एक कमरे में बंदद्वार चर्चा में मशगूल थे.
* एक घंटा इंतजार, दरवाजे को पीटा
अमरावती मंडल को प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि, विधायक ठाकुर ने देखा कि, प्रशासनिक अधिकारी नाहक चुनाव नतीजे की अधिकृत घोषणा में देर लगा रहे हैं. उन्होंने काफी देर सब्र रखा. घंटाभर बीत जाने पर यशोमति का पेशंस जवाब दे गया. उन्होंने जिस कक्ष में तीनों अधिकारी मीटिंग कर रहे थे, दो बार उसका दरवाजा खटखटाया. कुछ देर तक रिस्पांस न मिलने पर यशोमति तिलमिला उठी. उन्होंने दरवाजा जोर से पीटा. कहा कि, ‘क्या मजाक लगा रखा है, सर्टिफिकेट देते क्यों नहीं!’ इतने पर ही वे नहीं रुकी. उन्होंने यह भी कहा कि, देशभर में काऊंटिंग पूरी हो गई है. नतीजे धडाधड घोषित किए जा रहे हैं. अपने उम्मीदवार बलवंत वानखडे को विजय का सर्टिफिकेट देने की मांग करते हुए यशोमति ने यह भी कहा कि, कांग्रेस समर्थक बेकाबू हो रहे हैं. उन्होंने कुछ किया तो फिर मैं जिम्मेदार नहीं रहूंगी. यशोमति ने कलेक्टर और आयोग के दोनों आब्झरवर को खूब खरी-खोटी सुनाई. जिसके बाद मामला सुलझाया गया. शाम 6 बजे के बाद वानखडे को विजय का प्रमाणपत्र दिया गया. प्रशासन अभी तक घंटो की देरी का जवाब नहीं दे सका है.
* शाह से संपर्क की कोशिश
अमरावती मंडल को पता चला है कि, अमरावती में भी जीत का फासला कम रहने से यहां के रिजल्ट को रुकवाने अथवा रिकाऊंटिंग के लिए प्रयास किए गए. देश के गृह मंत्री अमित शाह से संपर्क का प्रयास किया गया. शाह खुद अपने गृह क्षेत्र गांधी नगर में व्यस्त थे. शायद इस वजह से उनसे संपर्क नहीं हो पाया. सांसद डॉ. अनिल बोंडे मतगणना स्थल पर पहुंचे. उन्होंने भी दोबारा मतगणना की मांग रखी थी.