* जिम्मेदार अधिकारी को प्रस्तुत रहने का निर्देश
नागपुर/दि.04– महामार्ग की अवस्था को लेकर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकारण की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी जताई है. इतना ही नहीं 8 मई को अगली सुनवाई के दौरान एनएएचआई के जिम्मेदार अधिकारी को प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया है. एड. अरुण पाटिल की ओर से हाईवे की दुर्व्यवस्था को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई में नागपुर-फेटरी हाईवे को बगैर प्रादेशिक एनएएचआई कार्यालय की जानकारी के कार्रवाई करते हुए हाईवे की श्रेणी से हटा दिया गया है. ऐसे में अगली सुनवाई के दौरान 8 मई को एनएएचआई के दिल्ली स्थित कार्यालय के जिम्मेदार अधिकारी को प्रस्तुत रहने का निर्देश दिया है.
* पौधारोपण का ब्योरा दें
इस याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने हाईवे पर पौधारोपण को लेकर भी नाराजगी जताई है. न्यायालय में दायर हलफनामों में एनएएचआई की ओर से एक मीटर के अंतर में 129 फीसदी पौधारोपण करने की जानकारी दी गई. ऐसे में इंडियन रोड कांग्रेस की गाइड लाईंस का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता अरुण पाटिल की ओर से न्यायालय मित्र अधिवक्ता फिरदौस मिर्जा ने दावे को निराधार बताया. ऐसे में न्यायालय ने सभी ठेका एजेंसियों को पौधारोपण अंतर्गत होने वाले पौधों की प्रजाति, स्थान समेत जियो टैगिंग कर जीवित होने के प्रमाण का हलफनामा दायर कर देने का आदेश भी दिया है. इसके साथ ही पांडे ले-आऊट में मनपा की ओर से सीवेज लाईन के लिए रास्तों की खुदाई पर मनपा को भी हलफनामा देने का निर्देश दिया है.