अमरावती

40 के उम्र के बाद कौन सी सावधानी बरतें महिलाएं?

शारीरिक, मानसिक व भावनिक स्तर पर होते है बदलाव

* समय रहते ध्यान देने पर सकारात्मक परिणाम
अमरावती/दि.15 – महिलाओं में बढती उम्र के साथ-साथ विविध बीमारियों के खतरे भी बढते है. विशेष तौर पर 40 वर्ष की आयु के बाद हार्मोनल बदलाव होने के साथ ही मधुमेह, गर्भाशयमुख का कैंसर व स्तन का कैंसर होने का खतरा होता है. साथ ही प्रजनन क्षमता घटती है और थाईरॉइड व मोटापा घर करने लगता है. बढती उम्र के साथ ही रजोनिवृत्ति यानि ‘मेनोपॉज’ की शुरुआत होती है. जिसकी वजह से शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक स्तर पर कई बदलाव होने लगते है और कई बार कुछ समस्याएं भी पैदा होती है. ऐसे समय प्रत्येक महिला ने अपनी बढती उम्र को ध्यान में रखते हुए अपने स्वास्थ्य को लेकर अतिरिक्त ध्यान देना शुरु करना चाहिए.
40 वर्ष की आयु के बाद अपने आहार व जीवनशैली में कुछ छोटे-छोटे बदलाव करने और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समय रहते इलाज करने के जरिए स्वस्थ्य जीवन जिया जा सकता है.

* 40 के बाद बढती है थकान
40 वर्ष की आयु के बाद शरीर को पर्याप्त आराम देने के बाद भी थकान नहीं जाती है. ऐसी शिकायत अक्सर कई महिलाओं द्बारा की जाती है. इसकी मुख्य वजह थाईरॉइड नामक हार्मोन्स की कमी होती है. जिसकी वजह से थकान महसूस होती है.

* नियमित स्वास्थ्य जांच आवश्यक
40 वर्ष की आयु के बाद महिलाओं में रक्तदाब, थाईरॉइड व रक्त शर्करा की जांच कर लेनी चाहिए. मेनोपॉज के बाद हड्डियों के कमजोर होने जोडो के घिसने, हृदयरोग एवं बार-बार मुत्र प्रवृत्ति होने की संभावना रहती है.

* आहार एवं व्यायाम जरुरी
स्वास्थ्य के लिए आहार एवं व्यायाम बेहद जरुरी है. आहार में स्वास्थ्यदायी वस्तुओं का समावेश करना चाहिए और संतुलित आहार लेना चाहिए. इसके साथ ही भोजन में हरि सब्जियों का समावेश होना चाहिए तथा भोजन का समय भी निश्चित होना चाहिए.

* जिला अस्पताल में 300 महिला मरीज
जिला सामान्य अस्पताल में रोजाना 250 से 300 से अधिक महिला मरीज अपनी स्वास्थ्य जांच के लिए आती है. इन महिलाओं को कई तरह की गंभीर बीमारियां भी होती है. जिनके लक्षणानुसार उन्हें स्वास्थ्य जांच करने की सलाह दी जाती है.

* क्या कहते है स्वास्थ्य विशेषज्ञ?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक 40 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं की रजोनिवृत्ति का समय नजदीक रहता है. जिसके चलते शरीर में कई तरह की कमियां आने लगती है. ऐसे में महिलाओं ने छोटी-मोटी स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं की अनदेखी नहीं करनी चाहिए. बल्कि स्वास्थ्य संबंधित कोई भी समस्या महसूस होने पर तुरंत इलाज व चिकित्सा करवानी चाहिए.

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