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कांग्रेस को छूटने पर क्या भूमिका लेंगे रिपब्लिकन गुट व पार्टीयां

वंचित सहित गवई व आनंदराज आंबेडकर लगे है संपर्क अभियान में

अमरावती/दि. 20 – अमरावती लोकसभा के लिए 26 अप्रैल को मतदान होना है, 28 मार्च को चुनावी नोटीफिकेशन जारी होगा. यानी लगभग 8 दिनों बाद चुनावी प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी. लेकिन अब तक भारतीय जनता पार्टी (एनडीए), कांग्रेस (मविआ) सहित आरपीआई (गवई गुट), वंचित बहुजन आघाडी किसी ने भी अपने पत्ते नहीं खोले है. हर तरफ उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. हालाकि नवनीत राणा (भाजपा), बलवंत वानखडे (कांग्रेस) अपने आपको उम्मीदवार मानकर जमकर प्रचार व जनसंपर्क में लगे है. दूसरी ओर अमरावती की आरक्षित सीट पर पिछले चार चुनावों से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे आंबेडकरी पार्टीयां भी अभी तक अपने कार्ड ओपन करने तैयार नहीं है. हालाकि इस बार वंचित बहुजन आघाडी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (गवई गुट) और रिपब्लिकन सेना के आनंदराज आंबेडकर अमरावती सीट पर ज्यादा ध्यान दे रहे है.
ऐसा माना जा रहा कि, मविआ में यह सीट कांग्रेस के कोटे में चली गई है और इधर नवनीत राणा की युवा स्वाभिमान पार्टी भी भाजपा के कमल पर चुनाव लडने की मानसिकता बना चुकी है.
वंचित बहुजन आघाडी के प्रकाश आंबेडकर के पिछले 6 महिने में अमरावती में एक विशाल जाहीरसभा और 5 दौरे हो चुके है. उनके पुत्र सुजात भी अमरावती कई बार आ चुके है. हालाकि पिछले तीन चुनावों से प्रकाश आंबेडकर हमेशा संकेत देते रहे कि, वें स्वयं यहां से चुनाव लड सकते है. लेकिन अंतिम समय में वें किसी ओर को उम्मीदवारी या समर्थन दे देते है. लेकिन इस बार वंचित बहुजन आघाडी की जिला शाखा ने प्रकाश आंबेडकर के पुत्र सुजात आंबेडकर के नाम का प्रस्ताव पारित कर वंचित की ओर से अमरावती लोकसभा सीट लडने के लिए उपरी नेताओं को रिक्वेस्ट भेजी है.
दूसरी तरफ रिपाइं (गवई गुट) के नेता डॉ. राजेंद्र गवई इस बार भी फिलहाल तक कन्फ्यूज्ड दिखाई दे रहे है. वें कांग्रेस व नवनीत राणा सहित कईओं को चेतावनी देते रहते है. लेकिन यह तय नहीं कर पाए है कि, उन्हें चुनाव लडना है या नहीं. उनका हर कदम सामनेवाले के हिसाब से तय होगा. वें यह भी कह चुके है कि, यदि वंचित बहुजन आघाडी का उम्मीदवार प्रकाश आंबेडकर परिवार से आता है तो वें बिनशर्त उन्हें समर्थन देंगे. उन्होंने एक बयान यह भी दिया है कि, यदि कांग्रेस या मविआ में उन्हें शामिल नहीं किया तो उनकी पार्टी 5 सीटों पर चुनाव लडेंगी.
आनंदराज आंबेडकर भी पिछले तीन-चार महिनों से अमरावती के कई दौरे कर चुके है. लेकिन उन्होंने कांग्रेसी नेताओं के मुलाकात में यह आश्वासन दिया है कि, मविआ में यदि यह सीट कांग्रेस को छोडती है तो वें समर्थन देने पर सोच सकते है. आनंदराज आंबेडकर का एक मायनस पॉईंट यह है कि, वें पिछले 6 माह से ही अमरावती में सक्रिय हुए है. हालाकि वें मीडिया से कहते आए कि, उनके पिछले दो वर्षो से अमरावती में लगातार दौरे चालू है.

* हम बी नहीं ए टीम है
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (गवई गुट) के डॉ. राजेंद्र गवई ने आज अमरावती मंडल को बताया कि, वें किसी की बी टीम नहीं है. उनकी खुद की पार्टी है और वें ए टीम है.

* यदि कांग्रेस ने आंबेडकर को अमरावती का नाम दिया तो
कल प्रकाश आंबेडकर ने कांग्रेस को महाराष्ट्र में 7 सीटों पर समर्थन देने की बात कही है. यदि कांग्रेस, आंबेडकर का यह प्रस्ताव मान्य कर लेती है तो निश्चित रुप से अमरावती का नाम भी उसमें शामिल रहेगा. यदि ऐसा होता है, तो अमरावती सीट पर कांग्रेस का प्रदर्शन काफी अच्छा रह सकता है.

* लगातार संपर्क में नहीं
अमरावती लोकसभा सीट 2029 तक आरक्षित है. 2029 के चुनाव यहां ओपन रुप से होंगे. इस आरक्षित सीट पर अभी जितनी आंबेडकरी पार्टीयां चुनाव लडने इच्छूक है उनमें से कई, लगातार पांच वर्षों तक आम जनता के संपर्क में नहीं दिखाई देती. जनता के मुद्दो, समस्याएं और विकास के लिए उनका कोई ठोस कार्य नहीं दिखाई देता. इससे भी यहां की जनता नाराज है.
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