महिला दिवस पर अग्रवाल समाज की नारियों का कहना
‘’नारी होकर नारी के उत्थान का कारण बनना है

अमरावती/ दि. 7- महिला दिवस की धूम सर्वत्र दिखाई दे रही है. सार्वजनिक जीवन में सक्रिय नारियां नानाविध कार्यक्रमों के जरिए महिला दिवस मना रही है. प्रत्येक एक्टीव महिला अपार प्रसन्न है. उसी प्रकार बधाई व शुभकामना संदेशों का समाज माध्यमों पर आदान प्रदान खूब हो रहा है. ऐसे ही फिजा में नारी दिवस की खुशी झलक रही है. अग्रवाल समाज की एक्टीव महिलाओं ने एक दूसरे को बधाई तो दी ही. उसी प्रकार सार्थक संदेश भी देने का उनका प्रयत्न है.
महिला चाहे तो पत्थर को रत्न बना दे
महिलाएं प्रत्येक कार्य में सक्षम होती है. मैंने देखा है किसी भी आयु में कोई नई बात, कला अथवा कुकींग डिश बनाना उत्साह से महिलाएं सीखती है. यही बात उन्हें उर्जावान बना देती है. वे चाहे तो पत्थर को हीरा बना दें. इतनी क्षमता नारियों में होती है. अनेकानेक उदाहरण मौजूद है.
– मंजू धामोरियाा
नन्हीं सी कली बहुत जल्दी फूल बन जाती है
पहले बाबुल का आंगन
फिर पिया का उपवन महकाती है
शिक्षा और संस्कार लेकर
सपनों की दुनिया सजाती है
कुछ को ख्वाबों का आसमान मिलता है
कुछ पिया के आंगन में ही
सपनों का आशियाना बनाती है
अब असहाय या अबला नहीं कहलाती
सूझबूझ से लोहा अपना मनवाती
नारी होकर नारी के उत्थान का कारण
बनना है
सभी सखियों को बहुत शुभकामना है
-प्रतीति मनोज अग्रवाल
छोडी है कामों की छाप
महिलाआेंं ने अपनी कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण के बहुतेरे उदाहरण पेश किए हैं. किसी भी क्षेत्र में मिली जिम्मेदारी का निर्वहन खूबी से किया है. अपने कार्यो की छाप छोडी है. आज नगर में होनेवाला प्रत्येक सांस्कृतिक, धार्मिक, आध्यात्मिक आयोजन केवल और केवल महिलाओं के साथ सहयोग, सहभाग से सफल होता है. हालांकि नाम उनके यजमानों का अधिक होता है. किंतु नारियां अपने प्रयासों की सफलता मात्र से ही प्रसान्न हो जाती है. महिला दिवस पर यही संदेश है कि प्रत्येक दायित्व का हमें इसी प्रकार समर्पण और सदभाव से निर्वहन करना है.
– मीना सुनील केडिया
संतानों को संस्कार
आज के दौर को देखते हुए महिला दिवस पर मेरा संदेश सभी नारियों को यही है कि अपनी संतानों को संस्कारवान करें. आज नारियां, युवतियां और बालिकाएं बुरी नजर का शिकार बन रही है. ऐसे में संस्कारवान समाज की रचना महिलाओं का दायित्व है. वे चाहे तो संस्कारवान समाज अपनी
संतानों को बेहतर संस्कार देेकर निर्मित कर सकती है. अपितु नारियों को यह कार्य वरियता से करना चाहिए. लडकपन से ही बच्चों को संस्कार देना आवश्यक है.
– निकिता गिरीश गोयनका
आसमान पर भी छाई नारियां
नारियों ने विविध क्षेत्र में अपने कर्तव्य की छाप छोडी. अब वे आसमान पर छाने की जुगत में हैं. देश में रक्षा मंत्रालय ने नारियों को लडाकू विमान उडाने वाली स्कावाड्रन का मुखिया बना दिया है. यहां भी वे अपना कमाल दिखाए बगैर नहीं रहेगी. अनेक दशकों, सदियों तक नारियों को अवसरों से दूर किया गया. अब वे अवसर मिले हैं तो उन्हें सतत भुना रही है. अपनी मेधा, प्रतिभा, परिश्रम के बलबूते वे नाम कमा रही है. नारी दिवस पर यही संदेश है कि एक दूसरे का साथ सहयोग करें और अपने अधिकार के आधे हिस्से पर बराबर छा जाए. मोदी सरकार ने संसद और विधानसभा में नारियों के लिए आरक्षण व्यवस्था का प्रावधान कर दिया है. जिससे राजकारण में भी नारियां देश में इंदिराजी, प्रतिभा जी जैसी मिसाल बननेवाली हैं.
– सीमा सतीश दलाल
नारी है तो जहान सुंदर है
महिलाओंं ने अनादि काल से ही अपनी कल्पकता और कलात्मक गुणों का सदुपयोग किया है. ईश्वर ने उसे ही जीवनदायिनी बनाया है. ऐसे में सहज है कि नारियां है तो यह सृष्टि सुंदर बनी है. नारियों ने अपने शील की रक्षा करते हुए देश समाज को अग्रणी किया है. आज भी प्रत्येक क्षेत्र में नारियां समर्पण से कार्य कर रही है. वह क्षेत्र शिक्षा हो या विज्ञान. आधुनिक तकनीक में भी महिलाओं की मेधा अद्बितीय सिध्द हुई है. भारत के मंगलयान अभियान सहित प्रक्षेपास्त्र निर्मिति में भी संगर्व कहना चाहती हूं कि महिला वैज्ञानिको का योगदान बडा रहा. जिससे नारी दिवस की महत्ता सदैव बढ रही है. सभी महिलाओं को बधाई देते हुए इतना ही संदेश है कि कोई नारी किसी कारणवश मुख्यधारा से दूर है तो उसे प्रगति की राह पर लाने के लिए यथोचित प्रयत्न करें.