
* रापनि को कबाड से मिलेगी लाखों की आय
अमरावती/दि.7- राज्य परिवहन महामंडल में हर वर्ष भारी मात्रा में कबाड साहित्य और खराब वाहनों को नीलाम किया जाता हैं. इसके जरिए महामंडल को करोडो की आय होती हैं. इस तरह का कबाड लेने वाली अनेक कंपनियां हैं. यह कंपनियां बोली लगाकर महामंडल के वर्कशॉप से निकलने वाला कबाड खरीदती हैं.
राज्य परिवहन महामंडल के मध्यवर्ती कार्यालय से प्रत्येक विभाग के कबाड की नीलामी का नियोजन किया जाता हैं. वर्कशॉप में निकलने वाला कबाड साहित्य कितना है, उस हिसाब से नीलामी प्रक्रिया होती हैं. जिले के 8 एसटी डिपो में 363 एसटी बस हैं. इसमें से 45 बस बंद पडी हैं. वर्ष 2019-2021 में 64 बसों को निकाल दिया गया था. इसके अलावा 17 मालवाहक ट्रक हैं. आठ डिपों में 363 बस है जो सडको पर दौड रही हैं. जिले में 448 से अधिक बस की आवश्यकता हैं. लेकिन प्रत्यक्ष में संख्या कम रहने से फेरियां कम हो रही हैं.
वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2022 में बस भले ही कम रही तो भी विद्यार्थियों के लिए फेरियां अनिवार्य की हैं. इस कारण बहुल इलाकों की फेरियां कम नहीं की गई हैं. लेकिन एक तहसील से दूसरे तहसील और तहसील से जिला तथा लंबी दूरी की फेरियां कम हुई हैं, यह वास्तविकता हैं. बंद पडी 45 बसेस अमरावती, बडनेरा, दर्यापुर, परतवाडा, चांदूर बाजार,मोर्शी, वरुड, चांदूर रेलवे डिपो की हैं. इसमें से आरसी, आरटीओ, दुर्घटना और इंजन में खराबी के कारण बंद पडी बसोें को दुरुस्त कर शुरु किया जाएगा ऐसी जानकारी एसटी महामंडल ने दी हैं.
* 100 बसों का प्रस्ताव
एसटी महामंडल के जरिए बढते यात्रियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए 100 नई ई-बस के लिए प्रस्ताव वरिष्ठों के पास प्रस्तुत किया हैं. जल्द ही यह बस यात्रियों की सेवा के लिए यहां पहुंच जाएगी ऐसी आशा व्यक्त की गई हैं.
* कम बस के बावजूद आवश्यक फेरियां शुरु
वर्ष 2019 की तुलना में अमरावती जिले के 8 डिपों में बस कम रही तो भी आवश्यक फेरियां चलाई जाती हैं. नई इलेक्ट्रीक बस के लिए प्रस्ताव भेजा गया हैं. जल्द ही यह बस अमरावती पहुंच जाएगी. यात्रियों की आवश्यकता पूर्ण करने का प्रयास महामंडल का हैं.
– निलेश बेलसरे, विभाग नियंत्रक अमरावती