अमरावती

एसीडीटी बढने पर क्या करें

अमरावती/दि.4- दीपावली वाले दिनों में खाने-पीने पर कोई नियंत्रण नहीं रहने के चलते कई लोगों को एसीडीटी की तकलीफ होने लगती हैं. इन दिनों दौडभाग भरी जीवनशैली की वजह से होने वाली तकलिफों में एसीडीटी यानी आम्लपित्त का विकार होना बेहत आम बात हो गई हैं. इसके अलावा मानसिक तनाव की वजह से भी एसीडिटी बढती है. जिसके तहत सीने में जलन होना, पीठ में तेज दर्द होना, उल्टी होना, जी मचलाना व सिरदर्द होना जैसी तकलिफें होती हैं. इन तकलिफों की ओर अनदेखी न करते हुए तुरंत अस्पताल जाकर डॉक्टर को दिखाना बेहद जरुरी होता हैं. अन्यथा यह बिमारी आगे चलकर गंभीर रुप भी ले सकती हैं.

क्यों होती है एसीडिटी
एसीडिटी होने के लिए गलत जीवनशैली सबसे प्रमुख वजह है, साथ ही ध्रूमपान व मद्यपान करने पर शरीर में पित्त का प्रमाण बढ जाता है, साथ ही तीखे व मसालेदार खाद्य पदार्थो का सेवन भी बेहद घातक साबित होता हैं. इसके अलावा बेसमय भोजन करने, भूखे रहने व पर्याप्त नींद नहीं लेने जैसे कारणों की वजह से भी एसीडिटी की तकलीफ होती हैं.

क्या खाएं
एसीडिटी होने पर आधा ग्लास ठंडा दूध पीए. इस दूध में एक छोटा चम्मच खाने का सोडा डालकर पीने से एसीडिटी तुरंत कम होती हैं. भोजन के बाद सौंफ खाने से पाचनक्रिया में सहायता होती हैं. दालचीनी भी प्राकृतिक एन्टासिड हैं. जिससे पाचनक्रिया सुधरती है और शरीर में पोषण मूल्य को सुरक्षित करने का काम सुचारु होता है, साथ ही समय पर भोजन करना बेहद आवश्यक होता हैं.

इन बातों को टालें
भूखे पेट रहने की आदत को टालना जरुरी हैं. भोजन का समय निश्चित होना चाहिए. हर चार घंटे में थोडा-थोडा खाते रहना चाहिए, साथ ही ज्यादा तिखा, मसालेदार और तला हुआ भोजन करना टालना चाहिए. भोजन करते समय धीरे-धीरे हर एक कौर को चबाकर खाना चाहिए. जल्दबाजी में भोजन करने से भी अपचन होगा. एसीडिटी होने की संभावना होती है. ज्यादा देर तक नहीं जागना चाहिए. रोजाना कम से कम 6-7 घंटे की नींद लेना बेहद जरुरी हैं.

संतुलित आहार व व्यायाम
एसीडिटी टालने हेतु संतुलित आहार लेना जरुरी हैं. मानसिक तनाव की वजह से भी एसीडिटी बढती है इन बातों पर नियंत्रण रखने हेतु मेडिटेशन व व्यायाम करना जरुरी है. हाल फिलहाल ही दीपावली का पर्व बिता है, ऐसे में इन दिनों लोगबाग भोजन की बजाए बडे पैमाने पर दीपावली का फरहाल करते है जिसकी वजह से एसीडिटी की तकलिफ होती हैं. ऐसे में इन तमाम बातों की ओर ध्यान दिया जाना जरुरी हैं.

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