* शिंदे सेना को भाजपा नहीं दे रही भाव!
अमरावती/दि.29 – भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र में शीघ्र होने वाले विधानसभा चुनाव हेतु तैयारी, बैठकें, सम्मेलन प्रारंभ कर चुकी है. उसी प्रकार चुनाव को ध्यान में रखकर राजनीतिक नियुक्तियां भी हो रही है. विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके धुरंधर पार्टी नेता मराठवाडा के हरिभाउ बागडे को राजस्थान जैसे बडे सूबे का गवर्नर बनाया गया है. राज्यपाल नियुक्ति में वादे के बावजूद शिंदे शिवसेना को कोई पद नहीं दिया गया है. ऐसे में अमरावती के दो बार सांसद रह चुके आनंदराव अडसूल क्या करेंगे, यह सवाल यहां राजनीतिक जानकार पूछ रहे हैं.
* अडसूल को दिया था आश्वासन
उल्लेखनीय है कि, हाल ही के लोकसभा चुनाव के समय अमरावती सीट भाजपा को देने के एवज में आनंदराव अडसूल को राज्यपाल बनाये जाने का वादा किया गया था. अडसूल ने भी मीडिया के सामने यह बात स्वयं कही थी. अब 9 राज्यों के गवर्नर बदल दिये गये हैं. सभी स्थानों पर भाजपा और संघ से जुडाव रखने वाले लोगों को नियुक्त किया गया है. इस सूची में अडसूल का नाम नहीं है.
* शिवसेना की परंपरागत सीट
अमरावती संसदीय क्षेत्र शिवसेना का किला रहा है. धनुष्यबाण चुनाव निशानी इस वर्ष के चुनाव को छोडकर हर बार बैलेट पेपर पर रही है. इतना ही नहीं, तो पांच बार शिवसेना यहां से सतत विजयी भी रही. पहले अनंत गुढे तीन बार यहं से लोकसभ पहुंचे, तो सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित होने पर आनंदराव अडसूल यहां से चुनाव लडे और दो बार विजयी होकर लोकसभा में अमरावती के लिए आवाज उठायी.
* भाजपा ने लडा चुनाव
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पहली बार अमरावती सीट से कमल का प्रत्याशी उतारा. इससे पूर्व वह शिवसेना के साथ तालमेल रखकर अमरावती में धनुष्यबाण प्रत्याशी के लिए जी-जान से जुटी रही थी. इस चुनाव में भाजपा ने वर्तमान सांसद नवनीत राणा को अपने पाले में कर उन्हें कमल निशानी देकर मैदान में उतारा हालांकि भाजपा को चुनाव में पराजय का सामना करना पडा. क्योंकि सहयोगी पार्टी शिवसेना से अमरावती सीट के लिए किये गये वादें को भाजपा ने पूरा नहीं किया.
* अडसूल को अब भी आशा
आनंदराव अडसूल से अमरावती मंडल ने संपर्क किया. उनसे बात नहीं हो सकी. उनके पुत्र कैप्टन अभिजीत अडसूल ने इस विषय पर आवश्य बात की और कहा कि, भाजपा ने लिखित आश्वासन का भंग किया है. इस बारे में अब निर्णय शिवसेना पार्टी को करना है. हम तो पार्टी के निर्णय से बंधे शिवसैनिक है. जब उनसे पूछा गया कि, क्या अब भी आशा है, तब पूर्व विधायक अडसूल ने कहा कि, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पार्टी क्या निर्णय करती है, इस पर काफी कुछ निर्भर है. अमरावती सीट को लेकर वादा हुआ था. इस बात का पुनरुच्चार कैप्टन अडसूल ने किया.
* शनिवार शाम भी दिया पत्र
अभिजीत अडसूल ने रहस्योद्घाटन करते हुए अमरावती मंडल को बताया कि, गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च में लिखित आश्वासन दिया था. आनंदराव अडसूल के सिनियर होने और उन्हें नई सरकार आने के बाद गवर्नर बनाने का भरोसा दिलाया था. कैप्टन अडसूल के अनुसार गत शनिवार की शाम भी सीएम शिंदे की ओर से केंद्र को इस बारे में पत्र भेजा गया था. तब तक राष्ट्रपति नये राज्यपालों के नामों की घोषणा कर चुकी थी.