हरियाणा के परिणामों से महाराष्ट्र में क्या-क्या खोएगी कांग्रेस!
मुंबई /दि. 9- हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद महाराष्ट्र में शीघ्र होनेवाले चुनाव से पूर्व कांग्रेस को होने जा रहे नफा-नुकसान की जोरदार चर्चा छिड गई है. जिसके अनुसार कांग्रेस को अब गठजोड में सहयोगी दलों की सीट शेयरिंग से लेकर अनेक बातों में सुननी पडेगी. उसी प्रकार उसके मुख्यमंत्री पद के दावेदारी को भी सीमाएं आ गई है. जानकारों का कहना है कि, हरियाणा के रिजल्ट कांग्रेस के लिए बडा धक्का पहुंचाने वाले हैं. इन रिजल्ट का इफेक्ट महाराष्ट्र और झारखंड में भी होने की संभावना जानकार देख रहे हैं.
* उद्धव ठाकरे की प्रतिक्रिया
हरियाणा नतीजों को लेकर शिवसेना उद्धव ठाकरे की प्रतिक्रिया आई है. जिसमें कहा गया कि कांग्रेस का जहां भाजपा से सीधा मुकाबला रहता है वहां कांग्रेस कमजोर हो जाती है. इसलिए कांग्रेस ने अपनी राजनीति पर ध्यान देना चाहिए. सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने यह भी कह दिया कि, सीधे मुकाबले में कांग्रेस यह भाजपा को परास्त नहीं कर सकती. कांग्रेस को इसके लिए मित्र दलों की आवश्यकता होती है. अंदाज है कि, प्रियंका चतुर्वेदी के इस बयान से कांग्रेस को संकेत दिए जा रहे हैं. महाराष्ट्र में विधानसभा के लिए अधिक सीटें कांग्रेस से मांगी जा रही है.
* बार्गेनिंग पॉवर कम
राजनीति के जानकार कह रहे हैं कि, चार माह पहले लोकसभा चुनाव के नतीजो में कांग्रेस 13 सांसदों के साथ सबसे बडे दल के रुप में उभरी थी. मगर हरियाणा विधानसभा में पार्टी के प्रदर्शन से महाराष्ट्र में भी पार्टी को नर्म रुख लेना पड सकता है. कांग्रेस की बार्गेनिंग पॉवर कम होने का दावा जानकार कर रहे है. आघाडी में शिवसेना उबाठा और राकांपा शरद पवार अब अधिक सीट शेयरिंग पर अड सकते हैं. विधानसभा चुनाव की घोषणा अति शीघ्र होनेवाली है.
* मविआ में मतभेद
विधानसभा चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री पद उम्मीदवार को लेकर आघाडी में मतभेद चल रहे है. उद्धव ठाकरे ने कह दिया है कि, मविआ जिसे चाहे उम्मीदवार घोषित करें, उनकी पार्टी समर्थन के लिए तैयार है. किंतु कांग्रेस और राकांपा दोनों ही इस मांग पर अनुकूल राय नहीं रखते. उनकी भूमिका ऐसी है कि, नतीजों के बाद इस बारे में निर्णय हो. ऐसे में 2019 में कांग्रेस और राकांपा ने मिलकर चुनाव लडा था. कांग्रेस 125 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बाद 44 प्रत्याशियों को विधायक के रुप में विधानसभा में भेज सकी.