* कर्मचारी अब भी हडताल पर अडे हुए
* ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी बस सेवा है पूरी तरह ठप्प
अमरावती/दि.26– राज्य परिवहन निगम को सरकारी सेवा में शामिल किये जाने की मांग को लेकर एसटी कर्मचारियों द्वारा विगत साढे चार माह से लगातार काम बंद आंदोलन करते हुए हडताल की जा रही है. वही दूसरी ओर विगत दिनों राज्य मंत्रिमंडल द्वारा इस संदर्भ में गठित त्रिसदस्यीय समिती की रिपोर्ट को मंजूर कर लिया गया. जिसके चलते रापनि के विलिनीकरण की संभावना लगभग खत्म हो गई है. ऐसे में अब सवाल पूछा जा रहा है कि, हडताली कर्मचारियों और उनकी हडताल का आगे क्या होगा. वही दूसरी ओर हडताली कर्मचारी विलीनीकरण की मांग पूरी होने तक हडताल करने पर अडे हुए है. ऐसे में जिले के दूर-दराज व दुर्गम इलाकों में स्थित ग्रामीण क्षेत्रोें में रापनि की बस सेवा कब शुरू होगी, यह फिलहाल अनिश्चित है.
बता दें कि, विगत साढे चार माह से चल रही हडताल को तोडने और गतिरोध को दूर करने का प्रयास सरकार द्वारा अनेकों बार किया गया और परिवहन मंत्री अनिल परब द्वारा कई बार कर्मचारियों से काम पर लौट आने का आवाहन किया गया. साथ ही काम पर लौट आनेवाले कर्मचारियों को वेतन वृध्दि देने की घोषणा भी की गई. जिसे प्रतिसाद देते हुए 466 कर्मचारी अपनी हडताल को खत्म करते हुए काम पर वापिस लौट आये है. जिसके चलते अब जिले के विभिन्न आगारों की 123 बसें रोजाना अलग-अलग मार्गों पर दौड रही है तथा हर दिन 411 फेरियां पूर्ण कर रही है. जिससे रापनि को रोजाना 13 से 15 लाख रूपयों की आय हो रही है. वही दूसरी ओर करीब 200 से अधिक बसें अब भी बंद है और 1 हजार 266 कर्मचारी हडताल पर है, जो विलीनीकरण की मांग पूर्ण होने तक हडताल जारी रखने पर अडे हुए है. जबकि राज्य सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि, एसटी महामंडल का सरकारी सेवा में विलीनीकरण नहीं हो सकता है. ऐसे में गतिरोध अपनी जगह पर यथावत बना हुआ है.
* ग्रामीण क्षेत्र में चार माह से ठप्प पडी है सेवा
हडताली कर्मचारियों में से कई कर्मचारियों के काम पर लौट आने के चलते कुछ प्रमुख मार्गों पर रापनि की बस सेवा शुरू हुई है. किंतु अब भी दुर्गम व ग्रामीण इलाकों में सरकारी बसों की सेवा शुरू नहीं हुई है. जिससे ग्रामीण इलाकों में आवाजाही के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड रहा है.
* 450 के खिलाफ हुई कार्रवाई
बार-बार आवाहन करने के बाद भी काम पर नहीं लौटनेवाले 450 एसटी कर्मियों के खिलाफ निलंबन व निष्कासन की कार्रवाई की गई है. सेवा से निष्कासित किये गये कर्मचारियों को अपील करने का अवसर भी दिया गया है और अपील करते हुए काम पर लौट आने का आवाहन भी किया गया है. विशेष उल्लेखनीय है कि, कई निलंबीत व निष्कासित कर्मचारी अपील करते हुए काम पर वापिस भी लौट आये है. हालांकि इसका प्रमाण बेहद अल्प है.
एसटी महामंडल का सरकारी सेवा में विलीनीकरण किये जाने की संभावना अब खत्म हो गई है. इससे संबंधित रिपोर्ट को मंत्रिमंडल की बैठक में भी स्वीकार कर लिया गया है. ऐसे में अब कर्मचारियों को अपनी हडताल खत्म करते हुए काम पर लौट आना चाहिए.
– श्रीकांत गभने
विभाग नियंत्रक
* 5 अप्रैल के बाद लेंगे अगला निर्णय
वही विगत साढे चार माह से हडताल कर रहे एसटी कर्मचारियों का कहना रहा कि, उन्हेें पूरी उम्मीद थी कि, उनकी विलीनीकरण संबंधी मांग को मान्य कर लिया जायेगा. किंतु सरकारी स्तर पर ऐसा नहीं हुआ. वही अब आगामी 5 अप्रैल को इसे लेकर अदालत में सुनवाई होनेवाली है. जिसके बाद हडताल को लेकर कोई अगला निर्णय लिया जायेगा. साथ ही कुछ हडताली कर्मचारियों ने यह भी कहा कि, जब तक विलीनीकरण की मांग को मान्य नहीं किया जाता, तब तक वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे.