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आरोप लगाने में क्या जाता, दम है तो सामने आकर सबूत दिखाओ

विधायक राजकुमार पटेल ने राणा दम्पति को दिया ‘ओपन चैलेंज’

* खुले में आमने-सामने जनता के समक्ष चर्चा करने की दी चुनौती
* जहां बोलोगे, वहां आकर चर्चा करने की दिखाई तैयारी
* अपने पास भी राणा के 5 साल का लेखाजोखा रहने की बात कही
* होली पर नाचने व दहीहांडी फोडने से विकास नहीं होने को लेकर कसा तंज
* राणा के आरोपों को हार से उपजी हताशा और झल्लाहट का बताया नतीजा
अमरावती/दि.31 – गत रोज धारणी शहर में युवा स्वाभिमान पार्टी द्वारा आयोजित दहीहांडी स्पर्धा के दौरान जिले की पूर्व सांसद नवनीत राणा व बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रवि राणा ने मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल पर डेढ सौ करोड रुपयों का भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था. साथ ही यह भी कहा था कि, विगत 5 वर्ष के दौरान विधायक राजकुमार पटेल ने मेलघाट की भलाई के लिए कोई काम नहीं किया है. ऐसे में जनता उनसे तंग आ गई है और अगले विधानसभा चुनाव में विधायक राजकुमार पटेल के भ्रष्टाचार की हंडी जरुर फूटेंगी. जिस पर पलटवार करते हुए विधायक राजकुमार पटेल ने राणा दम्पति द्वारा लगाये गये आरोपों को कोरी गप और पूरी तरह से बकवास बताते हुए कहा कि, मुंह उठाकर किसी पर आरोप लगा देना बहुत आसान है. अगर राणा दम्पति में वाकई दम है, तो उन्होंने अपने द्वारा लगाये गये आरोपों को लेकर सभी के समक्ष पूरे सबूत रखने चाहिए. साथ ही विधायक राजकुमार पटेल ने यह भी कहा कि, चाहे तो राणा दम्पति अमरावती के सायंस्कोर मैदान या दशहरा मैदान जैसी किसी खुली जगह पर आम जनता के बीच खुली चर्चा का आयोजन करते हुए उन्हें बुलाए. वे किसी भी जगह पर चर्चा हेतु आने के लिए तैयार है. ऐसी चर्चा के दौरान जनता के समक्ष राणा दम्पति द्वारा उनके पास रहने वाले सबूतों को रखा जाये. साथ ही वे खुद भी अपने पास रहने वाले राणा दम्पति के कामों का लेखाजोखा जनता के सामने रखेंगे, जिससे जनता के सामने ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
गत रोज धारणी शहर में विधायक राजकुमार पटेल को लेकर राणा दम्पति द्वारा लगाये गये आरोपों के संदर्भ में प्रतिक्रिया हेतु संपर्क किये जाने पर विधायक राजकुमार पटेल ने दैनिक अमरावती मंडल के साथ विशेष तौर पर बातचीत करते हुए कहा कि, लोकसभा चुनाव में हुई हार की हताशा से राणा दम्पति अब तक बाहर नहीं निकल पाये है और उसी झल्लाहट के चलते वे बच्चू कडू और उन्हें लेकर बेसिर पैर के आरोप लगा रहे है. विधायक राजकुमार पटेल के मुताबिक उन पर 5 साल तक कोई काम नहीं करने का आरोप लगाने वाली नवनीत राणा ने यह बताना चाहिए कि, सांसद के तौर पर खुद उन्होंने आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र के लिए क्या किया. जबकि वर्ष 2014 से लेकर अब तक तीनों लोकसभा चुनाव में मेलघाट की जनता ने नवनीत राणा का पूरा साथ दिया. लेकिन इसके बावजूद भी नवनीत राणा ने इस क्षेत्र में कई विकास कामों के लिए केंद्र सरकार की ओर से कोई मंजूरी नहीं दिलाई और पूरे 5 साल तक वे केवल ‘बातों का बाजार’ ही सजाती रही.
इसके साथ ही विधायक राजकुमार पटेल ने राणा दम्पति द्वारा आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र में प्रतिवर्ष होली के अवसर पर नाच-गाने और साल में एक बार दहीहांडी का कार्यक्रम आयोजित किये जाने पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि, शायद उन लोगों ने नाच-गाना करने और दहीहांडी फोडने को ही विकास समझ लिया है तथा ऐसे ही आयोजनों के जरिए वे लोग मेलघाट के भोले भाले आदिवासियों को इतने साल से बेवकुफ बना रहे है. विधायक राजकुमार पटेल ने यह भी कहा कि, जिस समय नवनीत राणा जिले की सांसद थी, तब वे खुद कई बार कई विकास कामों की फाइलों को केंद्र सरकार की मंजूरी हेतु उनके पास लेकर गये थे. लेकिन नवनीत राणा ने सांसद रहते समय मेलघाट के जंगल क्षेत्र से होकर गुजरने वाली किसी सडक तक को केंद्र सरकार की अनुमति नहीं दिलाई. ऐसे लोगों के मुंह से विकास की बात सुनना अच्छा नहीं लगता.
* 70 करोड रुपयों की निधि अब भी पडी है अखर्चित
खुद पर लगे डेढ सौ करोड रुपए के भष्ट्राचार के आरोप पर विधायक राजकुमार पटेल का कहना रहा कि, उन डेढ सौ करोड रुपए में से सांसद नवनीत राणा की गलती के चलते विकास कामों को मंजूरी नहीं मिलने की वजह से 70 करोड रुपयों की निधि अब भी प्रशासन के पास अखर्चित पडी है. वहीं शेष 80 करोड रुपयों की निधि से धारणी में बस स्थानक की इमारत बनाने के साथ ही छात्र-छात्राओं के लिए समाज कल्याण विभाग के 2 स्वतंत्र छात्रावासों का निर्माण कर उनका दर्जा बढाया गया. इसके अलावा कई दुर्गम आदिवासी गांवों तक सडके बनाई गई. जिसके चलते जहां पर धारणी से पहुंचने में पहले 4 घंटे का समय लगता था, अब उन गांवों तक महज एक से सवा घंटे के भीतर पहुंचा जा सकता है. साथ ही विधायक पटेल ने यह तंज भी कसा कि, वे जिन दुर्गम व अतिदुर्गम गांवो तक सडके बना चुके है, उन गांवों तक शायद ही राणा दम्पति आज तक कभी पहुंच पाये होंगे.
* हमने हमारा प्रत्याशी खडा करके कोई गलती थोडी की
क्या लोकसभा चुनाव में प्रहार पार्टी के प्रत्याशी की वजह से हुई हार के चलते राणा दम्पति की आप को और बच्चू कडू को लेकर नाराजगी है, यह सवाल पूछे जाने पर विधायक राजकुमार पटेल ने कहा कि, हर पार्टी यह चाहती है कि, उसके लोग विधायक व सांसद बने. इसके लिए चुनाव में अपने प्रत्याशी खडे करने का हर पार्टी को अधिकार है. इसी अधिकार के तहत हमने लोकसभा चुनाव में दिनेश बूब को अपना प्रत्याशी बनाकर खडा किया था. जिन्हें दुर्भाग्य से हार का सामना करना पडा. ऐसे में दिनेश बूब ने हम पर नाराज होना चाहिए कि, हमने उन्हें चुनाव में खडा किया और वे हार गये. लेकिन ऐसा होने की बजाय कोई दूसरा ही हम पर अपनी हार का ठिकरा फोड रहा है. मानो हमने ही उन्हें चुनाव में खडा करके बाद में उनके खिलाफ काम किया हो. हमने न तो राणा की दावेदारी का समर्थन ही किया था और न ही उनकी दावेदारी के खिलाफ कुछ बोला था, बल्कि हमने चुनाव में अपना प्रत्याशी खडा किया था. अब चुनाव है, तो किसी न किसी की हार तो होगी ही और कोई एक जीतेगा. ऐसे में चुनावी हार को लेकर दूसरों पर झल्लाने की बजाय खुद अपनी हार पर आत्मचिंतन करना चाहिए. लेकिन ऐसा करने की बजाय वे लोग दूसरों पर अपनी झल्लाहट निकाल रहे है.
* कांग्रेस व भाजपा ने की मेलघाट की अनदेखी
इस बातचीत के दौरान विधायक राजकुमार पटेल ने कहा कि, उनका कांग्रेस या भाजपा से कोई लेना-देना नहीं है. क्योंकि वे यह बात जान चुके है कि, इन दोनों दलों में से सरकार चाहे किसी की भी रही. दोनों ने भी आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र की अनदेखी की है. वहीं जबसे वे प्रहार जनशक्ति पार्टी मे आये है, तब से प्रहार पार्टी के मुखियां व विधायक बच्चू कडू के नेतृत्व में उन्होंने मेलघाट क्षेत्र के लिए जमकर विकास निधि लायी है और अपने निर्वाचन क्षेत्र में कई विकास कार्य भी करवाये है.
* एमआईडीसी व गडगा प्रकल्प से मिल रहा रोजगार
आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र में रोजगार के अवसर बहुत कम है. यही वजह है कि, यहां के आदिवासियों को स्थलांतरीत होते हुए अन्य शहरों में जाकर मेहनत मजदूरी करनी पडती है. इसे लेकर लगाये गये आरोप के बारे में पूछे जाने पर विधायक राजकुमार पटेल ने कहा कि, खुद उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान धारणी में एमआईडीसी को मंजूरी दिलाई है. साथ ही गडगा प्रकल्प का काम भी शुरु करवाया है. जिससे क्षेत्र के आदिवासियों को बढे पैमाने पर रोजगार मिल रहा है. शायद यह बात आरोप लगाने वाले लोग नहीं जानते.
* जब जीते थे, तब मुंबई-दिल्ली के सामने मेलघाट की याद नहीं आयी
इस बातचीत के दौरान विधायक राजकुमार पटेल ने यह भी कहा कि, जब मेलघाट के भरोसे नवनीत राणा जिले की सांसद निर्वाचित हुई थी, तो पूरे 5 साल तक उनके मुंबई व दिल्ली के ही दौरे चला करते थे और उस समय उन्हें कभी भी मेलघाट की याद नहीं आयी. वहीं अब चुनाव हारते ही वे दनादन मेलघाट का दौरा कर रही है. विधायक राजकुमार पटेल के मुताबिक अगर राणा दम्पति द्वारा पहले ही मेलघाट की अनदेखी न की जाती, तो शायद आज उन्हें यह दिन देखना नहीं पडता.
* काले भाजपा में या स्वाभिमान में, पता ही नहीं चलता
किसी समय कांग्रेस की टिकट पर मेलघाट के विधायक रहे केवलराम काले कुछ दिन पहले भाजपा में चले गये और इन दिनों राणा दम्पति के साथ कुछ अधिक ही दिखाई दे रहे है. इस बात की ओर इशारा करते हुए विधायक राजकुमार पटेल ने कहा कि, पूर्व कांग्रेसी विधायक केवलराम काले इस समय भाजपा में है, या युवा स्वाभिमान पार्टी यह पता ही नहीं चलता. साथ ही विधायक पटेल ने यह भी कहा कि, भाजपा तो शायद केवलराम काले को टिकट देने से रही, ऐसे में अगले विधानसभा चुनाव के समय केवलराम काले युवा स्वाभिमान पार्टी के प्रत्याशी हो सकते है.
* महायुति में रहने अथवा नहीं रहने को लेकर बच्चू कडू लेंगे फैसला
क्या प्रहार जनशक्ति पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भी महायुति में बनी रहेगी और क्या महायुति की ओर से आप मेलघाट में ्रप्रत्याशी होंगे. इस सवाल पर विधायक राजकुमार पटेल ने कहा कि, प्रहार पार्टी महायुति में रहेगी अथवा नहीं, इसका फैसला तो पार्टी के मुखिया विधायक बच्चू कडू द्वारा लिया जाएगा. आज प्रहार पार्टी के दो विधायक है तथा हमने अगले चुनाव में महायुति के तहत और कुछ सीटें मांगी है. यदि हमारी मांग पूरी होती है, तो हम महायुति के साथ बने रहेंगे. या फिर कोई दूसरा रास्ता पकडेंगे.
* हमारा समर्थन करना है या नहीं, उन्हें खुद तय करना होगा
इस समय जब विधायक पटेल से यह प्रश्न किया गया कि, अगर आप अगले चुनाव में मेलघाट से महायुति के प्रत्याशी रहते है, तो महायुति में ही रहने वाले राणा दम्पति की क्या भूमिका होनी चाहिए. तब विधायक पटेल का कहना रहा कि, महायुति का घटक दल होने के नाते राणा दम्पति ने उनकी दावेदारी का समर्थन करना चाहिए. हालांकि ऐसा करना राणा दम्पति की कोई मजबूरी भी नहीं है और यदि राणा दम्पति द्वारा ऐसे समय उनका समर्थन नहीं किया जाता है, तो वे भी आगे चलकर राणा दम्पति के बारे में सोचने पर मजबूर रहेंगे. इस समय जब विधायक पटेल का ध्यान इस ओर दिलाया गया कि,खुद उनहोंने लोकसभा चुनाव में महायुति प्रत्याशी नवनीत राणा के खिलाफ प्रहार पार्टी के प्रत्याशी को खडा किया था. ऐसे में अब वे राणा दम्पति से समर्थन की उम्मीद कैसे रख सकते है, तो विधायक पटेल का कहना रहा कि, वे ऐसी कोई उम्मीद नहीं रख रहे, बल्कि इस बारे में खुद राणा दम्पति को निर्णय लेना होगा.

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