गेहूं की पिसाई हुई महंगी
एक किलो गेहूं पिसने की दर हुई पांच रुपए

* पिसाई की दरें शहरी क्षेत्र में अधिक
अमरावती/दि.12– विद्युत की बढती दरें और जगह के किराए की वजह से इन दिनों आटा चक्की धारकों ने भी पिसाई की दरें बढा दी है और बढती महंगाई, तथा मेंटेनंस व विद्युत दरों में हुई वृद्धि के चलते अब पिसाई की दरें प्रति किलो पांच रुपए कर दी गई है.
आटा चक्की संचालकों के मुताबिक विद्युत दरों में बार-बार होनेवाली वृद्धि के चलते पिसाई की दरों में बढोतरी करने के अलावा अन्य कोई पर्याय ही उपलब्ध नहीं था और अब पुरानी दरों में अनाज की पिसाई करना संभव भी नहीं है. आटा चक्की के लिए बडे पैमाने पर बिजली का प्रयोग होता है. साथ ही साथ आटा चक्की के मेंटेनंस में भी अच्छा-खासा पैसा खर्च होता है और लगभग प्रति सप्ताह आटा चक्की मशीन की देखभाल व दुरुस्ती करनी पडती है. इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए आटा चक्की संचालकों ने पिसाई की दरों को बढाने का निर्णय लिया है और अब गेहूं व ज्वार जैसे अनाज की पिसाई हेतु प्रति किलो पांच रुपए की दर तय की गई है.
* टकाई का काम भी हुआ मुश्कील
ज्ञात रहे कि, आटा चक्की में पत्थर से बने पाटों का प्रयोग किया जाता है. जिनकी समय-समय पर टकाई करनी पडती है. इन दिनों पत्थर से बने पाटों की टकाई करनेवाले कारागिरों की संख्या कम हो गई है. जिसके चलते आटा चक्की चलानेवाले को ही पत्थर से बने पाटों की टकाई करनी पड रही है. यदि यह टकाई सही ढंग से नहीं हुई तो अनाज की पिसाई बराबर नहीं होती और मोटा आटा निकलता है. जिसके चलते यह काम काफी सिरदर्द वाला हो गया है.