इस साल गेहूं का उत्पादन घटने की संभावना
पिछले साल की तुलना में 15 हजार हेक्टेयर से घटा क्षेत्र
प्रतिनिधि/दि.8-इस रबी सीजन में 43 हजार 45 हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई पूरी हो चुकी है, पिछले साल जिले में 58 हजार हेक्टेयर गेहूं का क्षेत्र था. कम क्षेत्रफल एवं प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण इस वर्ष गेहूं की औसत उत्पादकता घटने की सम्भावना है. ऐसे में उत्पादन कम और मांग अधिक होने से कीमत बढ़ने की आशंका है.
मानसून के चार महीनों के दौरान केवल चांदूर बाजार तहसील ने औसत पार किया तथा जबकि शेष 13 तहसील में 31 प्रतिशत वर्षा की कमी है. भूजल का पुनर्भरण नहीं होने के कारण भूजल स्तर में कमी भी गिरावट का एक महत्वपूर्ण कारण है. इसके अलावा, खरीफ का सीजन लंंबा खिंचने के कारण रबी की बुआई देर से हुई और पहले चरण में गेहूं की बुआई के लिए अनुकूल वातावरण नहीं था. कुल मिलाकर गेहूं की गुणवत्ता घटी और किसान प्रभावित हुए. जिले का गेहूं बिक्री के लिए काफी कम होता है, उसकी तुलना में अन्य जिले से व मध्य प्रदेश का गेहूं जिले की बाजार समितियों में बिक्री के लिए आता है. ऐसी स्थिति में इस साल गेहूं की अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है.
गेहूं की मांग बढी
हाल ही में गेहूं की खपत बढ़ने के कारण गेहूं की मांग भी बढी है. इसलिए इस साल गेहूं की कीमत में कमी की संभावना नहीं है.
– हरिचंद्र पाटिल, व्यापारी
जिल के गेहूं की तुलना में मप्र का गेहूं अधिक प्रमाण में बिक्री के लिए आता है. मशीन साफ व कट्टे में होता है. जिले का गेहूं मिल क्वालिटी का है.
-संजय जाजू, व्यापारी.
इस साल रबी सीजन में 43 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुआई हुई है. फसल की स्थिति संतोषजनक होने से अच्छी पैदावार की उम्मीद है.
– राहुल सातपुते, जिला अधीक्षक कृषि अधिकार
* 32 डिग्री तापमान
जिले का अधिकतम तापमान 31 से 32 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25 से 28 डिग्री के बीच है.
* 43 हजार हेक्टेयर में गेहूं
रबी सीजन में जिले में 43 हजार हेक्टेयर में से सबसे ज्यादा गेहूं धामनगांव रेलवे तहसील में है. 1200 हेक्टेयर गेहूं धामणगांव में होता है. सबसे कम रकबा दर्यापुर में 134 हेक्टेयर और 277 हेक्टेयर भातकुली तहसील में है.
* गेहूं 2700 रुपए
शुक्रवार को बाजार समिति में गेहूं को 2450 से 2700 रुपए क्विंटल दाम मिला है.
* ठंड गायब…
जिले में फरवरी माह से ही जिले में कम वर्षा और अधिक वर्षा का क्रम बना हुआ है. इसलिए गेहूं के उत्पादन में कुछ प्रमाण में बदलाव की संभावना है.
* देरी से बुआई का असर पडेगा
मार्च में गेहूं की देरी से बुआई करने से किसानों पर असर पड़ेगा. देरी से बोए गए गेहूं पर बढते तापमान का असर होता है. गेहूं पूरी तरह नहीं भरते, इससे औसत उत्पादन पर बड़ा फर्क पड़ता है. इससे किसानों की चिंता बढ़ गई.