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जब आयजी ऑफीस पर अचानक ही आत्मदहन करने पहुंची 7 से 8 महिलाएं

शहर पुलिस में मचा जमकर हड़कंप, आंदोलनकारी महिलाओं को तुरंत समझाया-बुझाया गया

वाशिम के रिसोड तहसील की रहने वाली थी महिलाएं
अमरावती-/दि.17  स्थानीय शहर पुलिस आयुक्तालय के बगल में स्थित विशेष पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय परिसर में उस समय हड़कंप मच गया, जब वाशिम जिले की रिसोड तहसील अंतर्गत करडा गांव निवासी करीब सात से आठ महिलाएं अपनी मांगों को लेकर यहां पहुंची और उन्होेंने आत्मदहन आंदोलन करने की चेतावनी दे डाली. बिना किसी पूर्व सूचना के अकस्मात ही सात से आठ महिलाओं द्वारा आत्मदहन करने से संबंधित चेतावनी दिये जाने पर आयजी ऑफीस सहित शहर पुलिस महकमे में अच्छी खासी खलबली व्याप्त हो गई. देखते ही देखते आयजी ऑफीस मेंं फ्रेजरपुरा पुलिस सहित शहर पुलिस की स्थानीय अपराध शाखा तथा विशेष शाखा के पुलिस अधिकारी व कर्मचारी पहुंच गये. जिन्होंने आत्मदहन करने की चेतावनी देने वाली महिलाओं के चारों ओर ऐहतीयाती बंदोबस्त लगाने के साथ ही उन्हें समझाना-बुझाना शुरु किया और उनकी समस्याओं पर योग्य कार्यवाही करने का आश्वासन दिया.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक, वाशिम जिले के रिसोड तहसील अंतर्गत करडा गांव में रहने वाली इन महिलाओं का कहना रहा कि उनके गांव में वार्ड क्रमांक 434 पर विगत 16 सितंबर को बौद्ध धम्म के पंचरंगी झंडे की अवमानना हुई थी. जिसके बारे में उन्होंने रिसोड पुलिस थाने में नियमानुसार अपनी शिकायत दर्ज करायी थी. लेकिन इसे लेकर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. साथ ही गांव में रहने वाले दबंगों द्वारा इस मामले में शिकायत करने वाले लोगों को गांव से निकाल देने और उनका सामाजिक बहिष्कार करने की धमकी दी जा रही थी. जिसके बारे में उन्होंने कई बार वाशिम के जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी शिकायत दर्ज करायी, लेकिन इसके बावजूद उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में उन्होंने अमरावती में पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय पहुंचकर आत्मदहन आंदोलन करने का निर्णय लिया. जिसके बाद उज्जवला विजय धांडे, कल्पना ब्रह्मदेव धांडे, उषा पांडुरंग धांडे, गीताबाई मारोती धांडे, लक्ष्मी किशोर धांडे, लता बबन धांडे तथा नर्बदा धांडे नामक महिलाएं अमरावती पहुंची और उन्होंने आयजी चंद्रकिशोर मीना को जाकर अपनी समस्या का निवेदन देने का प्रयास किया. लेकिन इस निवेदन में आत्मदहन व उपोषण लिखा हुआ पढ़ते ही आयजी ऑफीस में हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्थानीय पुलिस को मौके पर बुलाकर इन महिलाओं की घेराबंदी कर दी गई. साथ ही महिला पुलिस कर्मियों की सहायता से इन महिलाओं की तलाशी ली गई. ताकि यदि उनके पास कोई ज्वलनशील पदार्थ मौजूद है तो उसे तुरंत अपने कब्जे में लिया जा सके और इन महिलाओं को आत्मदहन करने से रोका जा सके.

गलती से टाईप हुआ था आत्मदहन
पूरे मामले को लेकर मचे हड़कंप व हंगामे को देखते हुए वाशिम के ग्रामीण इलाके से आयी महिलाएं भी काफी हद तक सकपका गई थी और जब उन्हें पता चला कि उनके द्वारा निवेदन में उल्लेखित आत्मदहन शब्द की वजह से उनके आसपास पुलिस का कड़ा पहरा लगाया गया है तो इन महिलाओं ने बताया कि वे यहां पर आत्मदहन के लिये नहीं बल्कि आमरण अनशन करने के लिये आयी थी और निवेदन की टाइपिंग कराते समय आमरण अनशन की बजाय गलती से आत्मदहन अनशन कंपोज हो गया. यह जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस के अधिकारी व कर्मचारियों से राहत की सांस ली. यहां यह भी विशेष उल्लेखनीय है कि ये तमाम महिलाएं विशेष पुलिस महानिरीक्षक से मिलने और उन्हें ज्ञापन देने के लिए आयी थी. लेकिन उन्होंने जो लिखित निवेदन अपने साथ लाया था, वह विशेष पुलिस महानिरीक्षक की बजाय शहर पुलिस आयुक्त के नाम पर था. जबकि वाशिम जिले से संबंधित किसी भी मामले से अमरावती शहरक पुलिस आयुक्त का कोई संबंध ही नहीं आता. ऐसे में स्थानीय पुलिस ने यह मान लिया कि संभवतः टाईपिंग मिस्टेक की वजह से इस निवेदन में आमरण अनशन की बजाय आत्मदहन अनशन और विशेष पुलिस महानिरीक्षक की बजाय शहर पुलिस आयुक्त अंकित हो गया. ऐसे में सभी महिलाओं को इस मामले में जल्द से जल्द समुचित कार्रवाई करने का आश्वासन देते हुए समझा बुझाकर रवाना किया गया.

 

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