अमरावती

पुलिस कब कर सकती है ‘लाठीचार्ज’

अमरावती/दि.21– कई बार पुलिस द्बारा किसी एक ही स्थान पर इकठ्ठा होकर उग्र प्रदर्शन कर रही अथवा कानून व व्यवस्था की स्थिति के लिए खतरा या बाधा पैदा कर रही भीड को तितर-बितर करने हेतु लाठीचार्ज किया जाता है. कई बार पुलिस की ओर से किए गए लाठीचार्ज पर सवालियां निशान भी लगाए जाते है. ऐसे में यह जानना बेहद जरुरी है कि, आखिर पुलिस द्बारा किन वजहों और किस तरह की स्थिति में बल प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज करने का निर्णय लिया जाता है. जानकारी के मुताबिक सीआरपीसी की धारा 144 के अनुसार यदि कोई समूह गैर कानूनी तरीके से किसी एक स्थान पर इकठ्ठा हुआ है और चेतावनी देने के बावजूद वहां से हटने से इंकार कर रहा है, तो ऐसी स्थिति में पुलिस द्बारा भीड को हटाने के लिए बल प्रयोग किया जा सकता है. इस प्रावधान के मुताबिक सार्वजनिक शांतता तथा कानून व व्यवस्था की स्थिति भंग होने का खतरा रहते समय और नियमों व निर्देशों का उल्लंघन करते हुए किसी एक ही स्थान पर 5 अथवा 5 से अधिक लोगों का समूह एकठ्ठा होने पर पुलिस को लाठीचार्ज करने का अधिकार होता है. इसके तहत नियम व कानून का उल्लंघन कर रहे व्यक्ति अथवा समूह के खिलाफ लाठीचार्ज के नियमों का पालन करते हुए पहले सौम्य लाठीचार्ज किया जाता है. साथ ही बार-बार निर्देश देने के बावजूद भी यदि भीड हटने के लिए तैयार नहीं होती, तो पुलिस द्बारा आंसू गैस के गोले का भी प्रयोग किया जाता है.
* कब होता है लाठीचार्ज?
यदि किसी स्थान पर गैर कानूनी तरीके से कोई सभा हो रही है अथवा नियमों का उल्लंघन कर कोई मोर्चा निकाला गया है, तो ऐसे समय भीड को तितर-बीतर करने के लिए पुलिस द्बारा बल प्रयोग किया जा सकता है.
* लाठीचार्ज का आदेश देने का अधिकार किस?
लाठीचार्ज का आदेश देने का अधिकार एसडीएम यानि उपविभागीय दंडाधिकारी के पास होता है. साथ ही दंडाधिकारी द्बार प्राधिकृत किए गए और घटनास्थल पर मौजूद नायब तहसीलदार या पुलिस उपनिरीक्षक को भी लाठीचार्ज का आदेश देने का अधिकार है.
* लाठीचार्ज से पहले किसकी अनुमति जरुरी?
यदि भीड उग्र हो रही है और पुलिस के साथ मारपीट करने पर उतारु है तथा यदि भीड की वजह से कानून व व्यवस्था की स्थिति के लिए किसी भी तरह का कोई खतरा पैदा हो रहा है, तो ऐसी स्थिति में पुलिस को राजस्व विभाग के वरिष्ठाधिकारियों से लाठीचार्ज की अनुमति लेनी होती है.
* 8 माह में कोई घटना नहीं
जिले के ग्रामीण इलाकों में तथा 31 पुलिस थाना क्षेत्र में विगत 8 माह के दौरान लाठीचार्ज की एक भी घटना घटित नहीं हुई. क्योंकि जिले में इस दौरान ऐसी कोई स्थिति ही नहीं बनी. विगत 8 माह के दौरान अनेकों मोर्चे व आंदोलन आदि हुए, परंतु ग्रामीण पुलिस द्बारा हर बार हर तरह की तनावपूर्ण स्थिति को बडे कौशल्य के साथ संभाला गया. जिसकी वजह से लाठीचार्ज करने का प्रसंग ही पैदा नहीं हुआ.
* बल प्रयोग को पुलिस भी टालती है
जिला ग्रामीण पुलिस अधीक्षक अविनाश बारगल के मुताबिक पुलिस हमेशा ही बलप्रयोग करने वाली स्थिति से बचना चाहती है और जहां तक संभव हो, पुलिस द्बारा हर तरह की तनावपूर्ण स्थिति को सामंजस्य स्थिति के साथ निपटाने पर जोर दिया जाता है. लेकिन यदि इसके बाद भी स्थिति नियंत्रण में नहीं आती और भीड कुछ भी सुनन और समझ में के लिए तैयार नहीं होती, तो पुलिस को मजबूरी में बलप्रयोग का रास्ता अपनाते हुए लाठीचार्ज करना पडता है, ताकि कानून व व्यवस्था की स्थिति को संभाला जा सके.

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