जब न्या. भूषण गवई ने खुद उठकर किया था वझ्झर के संत का अभिनंदन
पद्मश्री शंकरबाबा ने न्या. गवई के साथ जुडी यादों को किया ताजा

अमरावती /दि.14– मुलत: अमरावती के निवासी रहनेवाले सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति भूषण गवई की देश के 52 वें मुख्य न्यायमूर्ति के तौर पर नियुक्ति की गई है. जिन्हें आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई. ऐसे में न्या. भूषण गवई के सर्वोच्च पद पर पहुंचने को लेकर हर कोई खुशी मना रहा है. इसी दौरान वरिष्ठ समाजसेवी पद्मश्री डॉ. शंकरबाबा पापलकर ने न्या. भूषण गवई के साथ जुडी अपनी यादों को ताजा किया.
पद्मश्री शंकरबाबा पापलकर ने बताया कि, 28 मई 2024 को उन्हें राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उस समय सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति रहनेवाले न्या. भूषण गवई अपनी जगह से उठाकर खुद उनके पास आए थे और कहा था कि, ‘काका, मैं आपका अभिनंदन करता हूं.’ इसके साथ ही वर्ष 2018 में चार प्रशासनिक अधिकारियों को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने सजा सुनाई थी. जिन्हें दिनभर अदालत में बैठाकर रखा गया था. साथ ही उस समय हाईकोर्ट के न्या. भूषण गवई ने उन चारों प्रशासनिक अधिकारियों को सजा सुनाई थी कि, वे अपनी एक माह का वेतन शंकरबाबा पापलकर की अनाथ व अपंग संस्था को देें और उसकी रसीद लाकर अदालत को दिखाएं तभी उन्हें छोडा जाएगा. इन दोनों यादों को ताजा करते हुए पद्मश्री शंकरबाबा पापलकर ने कहा कि, इन दोनों घटनाओं के जरिए साबित होता है कि, न्या. भूषण गवई दिल के सच्चे आदमी है और उनका अमरावती के साथ गहरा जुडाव है.
* मेरे गवई परिवार के साथ घनिष्ट पारिवारिक संबंध है और आज न्या. भूषण गवई के देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचने का मुझे गवई परिवार के सदस्यों की तरह ही अभिमान है. इस उपलब्धि के लिए न्या. भूषण गवई सहित उनकी माताजी प्रा. डॉ. कमलताई गवई भी अभिनंदन के पात्र है.
– पद्मश्री डॉ. शंकरबाबा पापलकर