अमरावती

जब लता दीदी ने राष्ट्रसंत से कहा था, ‘महाराज जी पहले आप गाईये’

जनार्दनपंत बोथे गुरूजी ने याद किया स्मृतियों को

  • गुरूकूंज आश्रम में गानकोकिला को दी गई भावपूर्ण श्रध्दांजलि

अमरावती/दि.7 – वर्ष 1961 में राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज अपने भजन के रिकॉर्डिंग के लिए मुंबई स्थित एचएमवी स्टुडिओ में गये थे. जहां पर लता मंगेशकर पहले ही अपनी रिकॉर्डिंग के लिए पहुंच चुकी थी. किंतु जैसे ही उन्होंने स्टुडिओ में राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज को देखा, तो वे नतमस्तक होकर बोली कि, ‘महाराजजी पहले आप गाईये’ इसके पश्चात उन्होंने महाराज का आशिर्वाद लिया और महाराज के भजनों के रिकॉर्डिंग होने के बाद ही उन्होंने अपने गीत की रिकॉर्डिंग की. कई वर्ष पुरानी ये यादें गत रोज भारतरत्न लता मंगेशकर के देहावसान के बाद ताजा हुई है. जिस समय लता मंगेशकर व राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज की वह भेंट हुई थी, तब राष्ट्रसंत के तत्कालीन निजी सचिव के रूप में कार्यरत रहनेवाले जनार्दनपंत बोथे, महाराज के भजन साथी मारोतराव कर्डीकर, दिगंबर हिरपूरकर, बालासाहब इंगले, शेषराव आमले, राम पूरी तथा एचएमवी कंपनी के व्यवस्थापक जी. एन. जोशी भी उपस्थित थे. लता मंगेशकर व राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के बीच विशेष स्नेह था और रिकॉर्डिंग खत्म होते ही लता मंगेशकर ने राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज को पुष्पहार अर्पित करते हुए उनका आशिर्वाद लिया था. इन यादों को राष्ट्रसंत के तत्कालीन निजी सचिव जनार्दनपंत बोथे ने ताजा किया है.
गानसाम्राज्ञी व गानकोकिला जैसे विविध नामों से प्रसिध्द रहनेवाली लता दीदी के मृदुल स्वभाव एवं विनम्रता को भी जनार्दनपंत बोथे गुरूजी ने याद किया. साथ ही रविवार 6 फरवरी को श्री गुरूकूंज आश्रम में सामूदायिक प्रार्थना के दौरान भारतरत्न लता मंगेशकर को भावपूर्ण श्रध्दांजलि अर्पित की गई. इस समय गुरूकूंज मोझरी गांव के अनेकोें नागरिक उपस्थित थे.

दीदी को महाराज का खंजिरी वादन था पसंद

राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज भजन गायन करते समय खंजिरी बजाया करते थे और महाराज का खंजिरी वादन लता दीदी को भी बेहद पसंद था. ऐसे में महाराज के साथ चर्चा करते समय लता दीदी ने खंजिरी वाद्य और इसे बजाने की कला के बारे में महाराज से जानकारी हासिल की थी.

राष्ट्रसंत ने हिंदी व मराठी में गाये हैं सैंकडों भजन

राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज ने समाज प्रबोधन हेतु हिंदी व मराठी भाषा में सैंकडों भजन गाये है. चूंकि उस समय भजनों की रिकॉर्डिंग करने की सुविधा अन्य कहीं नहीं थी. अत: रिकॉर्डिंग के लिए सीधे मुंबई ही जाना पडता था. ऐसे में जिस समय महाराज के भजनों की रिकॉर्डिंग होती थी, तब वे अपने भजनी मंडल के सहयोगियों के साथ मुंबई स्थित एचएमवी स्टुडिओ में जाया करते थे. मुंबई के फोर्ट परिसर में स्थित इसी स्टुडिओ में राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज और गानकोकिला लता दीदी की भेंट हुई थी.

सन 1961 में एचएमवी स्टुडिओ में भजन गायन करते हुए राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज

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