जब मिश्रा जी ने किया तपोवनेश्वर का बखान
शृंगी ऋषि की तपोभूमि, उनके व्दारा बनाए गए अनेक शिवलिंग आज भी विराजमान
* कल स्वयं पूज्य प्रवक्ता जाएंगे दर्शनार्थ
अमरावती/दि. 18- चांदूर रेलवे रोड पर अमरावती से बमुश्किल 15 किमी दूर बोडना स्थित अलौकिक शिव मंदिर तपोवनेश्वर की अदभूत महत्ता का बखान रविवार को व्यासपीठ से पूज्य प्रदीप जी मिश्रा व्दारा किया गया. जिससे अमरावती निवासी अनेक लोगों को तपोवनेश्वर शिवलिंग की सच्चाई का पता चला. मिश्रा जी ने उल्लेख किया कि रामायण में वर्णित कामेष्ठी यज्ञ के लिए शृंगी ऋषि को तपोवनेश्वर से ही सादर सम्मानपूर्वक आमंत्रित किया गया था. महाराजा दशरथ ने महर्षी वशिष्ठ के आदेश से यह यज्ञ किया था. मिश्रा जी कल मंगलवार को तपोवनेश्वर दर्शनार्थ जाने की संभावना है.
* क्या बतलाया व्यासपीठ ने
हनुमान गढी में प्रारंभ शिवमहापुराण के द्बितीय दिवस पर प्रदीप जी मिश्रा ने बताया कि कामेष्ठि यज्ञ के लिए परमशिव भक्त की पुरोहित के रुप में आवश्यकता थी. तब उन्हें बताया गया कि शृंगी ऋषि शिव के परम भक्त हैं. वे उस समय कौंडण्यपुर अंतर्गत तपोवनेश्वर में शिव की आरधना कर रहे थे. वे प्रतिदिन पार्थिव शिवलिंग की रचना करते. उसका पूजन अर्चन पश्चात ही भोजन प्रसाद ग्रहण करते थे. महाराजा अज की पत्नी इंदूमती अर्थात राजा दशरथ की माताजी कौंडण्यपुर नरेश की पुत्री थी. अत: नरेश ने शृंगी ऋषि के पास ससम्मान संदेश भेजकर उन्हें आदरपूर्वक अयोध्या में कामेष्ठि यज्ञ के लिए जाने का अनुरोध किया. महर्षी ने आरंभ में शिवभक्ति खंडित कर जाने से मना कर दिया. तब वे उस दिन जो पार्थिव शिवलिंग गढ रहे थे उसी से महादेव प्रकट हुए और उन्हें नारायण अवतार हेतु अयोध्या जाने कहा. तब अपने ईष्ट के आदेश पर वह शिवलिंग कुछ अधूरा छोडकर शृंगी ऋषि अयोध्या चले गए. यही शिवलिंग आज का तपोवनेश्वर शिवलिंग होने का उल्लेख मिश्रा जी ने किया. आज भी शिव लिंग का स्वरुप कुछ अपूर्ण रहने की जानकारी वहां नित्य विशेषकर श्रावण मास और महाशिवरात्रि की पूजा हेतु जाने वाले भक्तों ने अमरावती मंडल से चर्चा करते हुए दी.
* महाराज जी ने व्यक्त की दर्शन की इच्छा
तपोवनेश्वर कथा स्थल से कुछ ही किमी की दूरी पर स्थित होने की जानकारी सांसद नवनीत राणा ने महाराज जी को तत्काल दी. तब प्रदीप जी मिश्रा ने तपोवनेश्वर की दर्शन की अभिलाषा व्यक्त की. जिसे संभवत: कल मंगलवार को पूर्ण किया जा सकता है. संस्थान के पदाधिकारियों ने महाराज जी के यथोचित आदर सत्कार की भावना अमरावती मंडल से बातचीत में व्यक्त की. पदाधिकारियों में अनिल साहू, लच्छूराम पवार, प्रवीण सावले, हरीभाउ बाहेकर, रामचंद्र गुप्ता, साहबराव ठाकरे, रुपचंद्र खंडेलवाल, नीलेश कुबडे, राजेश आचलिया, दिलीप ठाकरे, रवि पंजापी का समावेश है.