अमरावती

बच्चे कब क्या गिटक लें, कोई भरोसा नहीं

छोटे बच्चों की ओर special attention

* अन्यथा अभिभावकों को हो सकती है परेशानी
अमरावती/दि.28 – अमूमन छोटे बच्चे अपनी आंखों के सामने दिखाई देने वाली किसी भी वस्तू को उठाकर मुंह में डाल लेते है. कई बार ऐसी वस्तुएं आकार में छोटी रहने पर बच्चे उसे मुंह में डालकर निगल भी लेते है. ऐसी वस्तुओं में अंगूठी, सिक्के, पिन या क्लिप जैसी वस्तुओं का समावेश रह सकता है. जिसके बाद इन वस्तुओं को शल्यक्रिया करते हुए ही बाहर निकाला जा सकता है. ऐसे में बेहद जरुरी होता है कि, छोटे बच्चों की ओर विशेष ध्यान दिया जाए. साथ ही इस बात को लेकर भी विशेष सावधानी बरती जाए कि, छोटे बच्चों के हाथों में निगल लेने लायक कोई वस्तु ना आने पाए. अत: ऐसी वस्तुओं को बच्चों की पहुंंच से दूर रखने की ओर विशेष ध्यान दिया जाना बेहद जरुरी होता है.
अमूमन 2 से 3 वर्ष की आयु तक छोटे बच्चों को अच्छी व बुरी वस्तु की पहचान नहीं होती और अपने हाथ में आने वाली किसी भी वस्तु को छोटे बच्चें अपने मुंह में डाल लेते है. छोटी उम्र में जमीन पर रेंगते समय या घुटनों के बल चलते समय छोटे बच्चों में खेलते-खेलते हाथ में आने वाली किसी भी वस्तु को मुंह में डाल लेने की एक तरह से आदत ही होती है. यदि ऐसी वस्तुएं बच्चों द्बारा निगल ली जाती है और वह वस्तु बच्चों की श्वासनलिका में जाकर अटक जाती है, तो बच्चों की जान के लिए खतरा पैदा हो सकता है. ऐसे में श्वासनलिका में अटकी उस वस्तु को बाहर निकालने के लिए शल्यक्रिया ही अंतिम पर्याय रहती है. जिले में विगत वर्ष के दौरान ऐसे करीब 35 मामले सामने आए है. जिनमें छोटे बच्चों की शल्यक्रिया करते हुए उनके द्बारा निगल ली गई वस्तुओं को बाहर निकालना पडा.

* जिले में 35 शल्यक्रियाएं
विगत एक वर्ष के दौरान जिले के सरकारी व निजी अस्पतालों में 35 ऐसे बच्चों की शल्यक्रियाएं की गई. जिन्होंने कोई भी छोटी मोटी वस्तु मुंह में डालकर निगल ली थी और वह वस्तु उनकी श्वासनलिका में जाकर फंस गई.

* किसी ने गोटी निगली, किसी ने अंगूठी
– चॉकलेट समझकर गोटी निगल ली
एक छोटे बच्चों ने चॉकलेट समझकर अपने हाथ में आयी गोटी को निगल लिया. जिसके बाद बच्चे के माता-पिता उसे इलाज के लिए दवाखाने लेकर पहुंचे. पश्चात डॉक्टरों ने तुरंत शल्यक्रिया करते हुए बच्चे द्बारा निगल ली गोटी को उसकी श्वासनलिका से बाहर निकाला.
– गले में अटक गया चॉकलेट
एक छोटे बच्चे को उसके अभिभावकों ने खाने के लिए चॉकलेट दिया था. जो बच्चे द्बारा चूसते-चूसते उसके गले में जाकर अटक गया. काफी प्रयासों के बाद भी जब चॉकलेट नहीं निकला, तो अभिभावक बच्चे को लेकर तुरंत ही डॉक्टर के पास दौडे और डॉक्टर ने काफी प्रयास करने के बाद बच्चे के गले से चॉकलेट निकाला.
– चॉकलेट समझकर सिक्का निगल लिया
एक छोटे बच्चे ने खेलते-खेलते हाथ में आए सिक्के को चॉकलेट समझकर निगल लिया था. यह बात ध्यान में आते ही बच्चें के अभिभावक उसे लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे और डॉक्टर ने शल्यक्रिया करते हुए उस सिक्के को बाहर निकाला. इसके साथ ही एक मामले में एक बच्चे ने अंगूठी निगल ली थी, जो उसके गले में जाकर फंस गई थी. इस अंगूठी को भी बच्चे के गले से शल्यक्रिया करते हुए निकालना पडा था.

* बच्चा कुछ निगल लें, तो क्या करें?
छोटे बच्चे के गले अथवा नाक या कान में कोई भी वस्तु अटक जाने या बच्चें द्बारा कोई भी वस्तु को निगल लिए जाने की बात ध्यान में आते ही उस पर घर में कोई इलाज ना करें. बल्कि ऐसे समय उसे तुरंत अपने नजदीकी डॉक्टर के यहां लेकर जाए और डॉक्टर से उसका इलाज करवाए.

* छोटे बच्चे द्बारा कोई भी वस्तु निगल लिए जाने की बात ध्यान में आने पर अभिभावकों ने घरेलू तरीकों से बच्चों का इलाज करने में समय नष्ट नहीं करना चाहिए, बल्कि तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करते हुए डॉक्टर की सलाह के अनुसार बच्चे का इलाज करना चाहिए. क्योंकि यदि बच्चे द्बारा निगली गई वस्तु उसकी श्वासनलिका में जाकर अटक गई है, तो ऐसे समय हर एक मिनट बेहद किमती होता है और इलाज में थोडी सी भी देरी होने पर बच्चे की जान के लिए खतरा भी पैदा हो सकता है.
– डॉ. सतीश तिवारी,
बालरोग विशेषज्ञ.

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