* नये प्रस्ताव फाइलों में, जिले का नुकसान होने की भावना
अमरावती – दि.12 उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ननिहाल अंबानगरी को संभाग मुख्यालय होने के बावजूद नई सरकार में अभी तक पालकमंत्री की नियुक्ति नहीं हो सकी हैं. जिससे अमरावती के विकास की अनेक योजनाओं के प्रस्ताव फाइलों में दब जाने की भावना व्यक्त हो रही हैं. वार्षिक योजनाओं के भी काम ठप पडे हैं. करोडों के विकास कार्य लटक गये हैं. फंड भी आवंटीत हुआ हैं. उधर जानकार इसे जिले का नुकसान बता रहे हैं. विपक्ष खासकर कांग्रेस और राकांपा नेताओं ने पालकमंत्री के मनोनयन में हो रही देरी के लिए बीजेपी और शिंदे गुट को घेरा. उनका कहना रहा कि, शिंदे-भाजपा की युती अमरावती का नुकसान कर रही हैं.
* जिले का कौन खिवैया
2 माह होने आये शिंदे-फडणवीस सरकार को. अमरावती जिले का पालकमंत्री पद रिक्त पडा हैं. आजादी की वर्षगांठ भी बगैर मंत्री के मनानी पडी. जिले का नेतृत्व कौन करेंगा, किसके नेतृत्व में अमरावती आगे बढेगा, यह सवाल सभी आपस में पूछ रहे हैं.
* कांग्रेस ने किया हमला
कांग्रेस जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख ने आरोप लगाया कि, शिंदे-फडणवीस सरकार को अमरावती जिले के विकास से कोई सरोकार नहीं हैं. आघाडी सरकार के कार्यकाल में डीपीसी ने 350 करोड रुपए का नियोजन किया था. नई सरकार ने इन कामों को स्थगित कर दिया हैं. पालकमंत्री नहीं होने से भी विकास कामों को ब्रेक लगा हैं. बबलू देशमुख ने आरोप लगाया कि, शिंदे सरकार किसान, खेतीहार मजदूर और आम लोगों की समस्यां पर ध्यान नहीं दे रही.
* जिले का दुर्भाग्य- खराटे
शिवसेना जिला प्रमुख सुनील खराटे ने दावा किया कि, पालकमंत्री नहीं होना, जिले की बदनसीबी हैं. जिले का विकास कुंठीत हो गया हैं. सत्ताधारी कक्ष के जनप्रतिनिधि भी अवहेलना कर रहे हैं. जिले का 400 करोड का विकास का नियोजन डीपीसी ने किया था. उसे स्थगित कर दिया गया हैं. सबकुछ दुर्भाग्य पूर्ण हैं.
* समूचे विदर्भ पर दुर्लक्ष
राकांपा जिलाध्यक्ष सुनील वर्हाडे ने कहा कि, नई सरकार बनने के बाद केवल मुंबई मनपा और कोंकण पर फोकस हैं. समूचा विदर्भ अवहेलना का शिकार बना हैं. अमरावती जैसे संभाग मुख्यालय में पालकमंत्री नहीं होने से करोडों के विकास कार्य रुक गये हैं. केवल अपनी सरकार कैसे बचे, इस पर इन लोगों का ध्यान हैं.
* भाजपा शहराध्यक्ष की सफाई
भाजपा नेता किरण पातुरकर ने दावा किया कि, नवरात्री में जिले को पालकमंत्री मिल जाएंगा. विकास कामों को प्राधान्य दिया जा रहा हैं. नई सरकार अत्यंत गति से काम करने वाली हैं. सभी के लिए सर्वसमावेशक विकास काम गति लेंगे. इस बात की पातुरकर ने आशा व्यक्त की.