आखिर कब खुलेगी अमरावती मनपा की नींद?
पूर्व मंत्री सुनील देशमुख ने दागा सीधा सवाल
* मनपा पर लगाया ऑटो पायलट मोड पर काम करने का आरोप
अमरावती/दि.15 – मुंबई के घाटकोपर में तेज आंधी-तूफान की वजह से विशालकाय होर्डिंग ढह जाने के चलते 14 निर्दोष व मासूम लोगों की मौत हो गई. इससे मिलती-जुलती घटना कुछ दिन पहले ही अमरावती शहर में घटित हुई थी. जब इर्विन चौक स्थित एक उंची इमारत पर लगाया गया विशालकाय होर्डिंग नीचे गिर गया था. जिसमें सौभाग्य से कोई जनहानि नहीं हुई थी. लेकिन इसके बावजूद भी अमरावती के नागरिकों के सुरक्षा के दृष्टि से अमरावती महानगरपालिका और मनपा आयुक्त द्वारा कोई बोर्ड नहीं लिया गया. जिसका सीधा मतलब है कि, ऐसी घटनाओं से अमरावती मनपा के अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड रहा, बल्कि अमरावती मनपा का कामकाज ऑटो पायलट मोड पर चल रहा है.
यहा जारी प्रेस विज्ञप्ति में डॉ. सुनील देशमुख ने कहा कि, अमरावती शहर के अधिकांश रास्तों तथा मुख्य बाजार पेठों में सडक किनारे स्थित बडी-बडी इमारतों पर विशालकाय होर्डिंग लगाये गये है. जिसमें से कितने होर्डिंग अधिकृत है और कितने अनधिकृत इसकी कोई भी जानकारी शायद ही प्रशासन के पास हो. इसमें से कई होर्डिंग विगत कई वर्ष से खडे है. जिनका स्ट्रक्चरल ऑडिट करने और उनकी स्टैबिलिटी चेक करने का प्रयास भी प्रशासन द्वारा नहीं किया जाता. सौभाग्य से अब तक होर्डिंग के नीचे दबकर अमरावती शहर में किसी की मौत नहीं हुई है. लेकिन उसका यह मतलब भी नहीं है कि, इसकी ओर बिल्कुल भी ध्यान न दिया जाये. पूर्व विधायक सुनील देशमुख ने यह सवाल भी उपस्थित किया कि, क्या अमरावती मनपा प्रशासन ऐसे किसी हादसे में किसी व्यक्ति की जान चले जाने की प्रतिक्षा कर रहा है और उसके बाद ही आवश्यक कदम उठाये जाएंगे. डॉ. देशमुख के मुताबिक इस समय हो रही मानसून पूर्व बारिश और आगे चलकर होने वाली मौसमी बारिश को देखते हुए समय रहते सावधानी बरतना आवश्यक है. अन्यथा भविष्य में किसी जीवितहानि मामले में मनपा के ही किसी अधिकारी के खिलाफ सदोष मनुष्यबध का अपराध दर्ज करने की नौबत आ सकती है. यदि ऐसा होता है, तो संबंधित अधिकारी सहित उसके वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ निश्चित तौर पर सदोष मनुष्यवध का अपराध दर्ज किया जाएगा, ऐसी चेतावनी भी डॉ. सुनील देशमुख द्वारा दी गई है.
इस विज्ञप्ति में पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख ने इस बात की ओर भी ध्यान दिलाया है कि, प्रशासन की लापरवाही के चलते प्रभात चौक में एक पुरानी व जर्जर हो चुकी इमारत के ढह जाने की वजह से 5 लोगों की जान चली गई थी. जिसके कानूनी परिणाम मनपा के अधिकारियों को ही भोगने पडे थे. लेकिन इसके बावजूद भी मनपा प्रशासन इससे कोई सबक नहीं ले रहा. यह अपने आप में बेहद आश्चर्य वाली बात है. जबकि मनपा प्रशासन ने उस घटना को हमेशा ही याद रखना चाहिए. इसके अलावा पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख ने यह भी कहा कि, विगत 2 वर्षों से प्रशासक राज के दौरान मनपा के कामकाज का विकृत चित्र अमरावती के नागरिकों को देखना पड रहा है. कई तरह के घोटाले, स्वच्छता ठेके के खेल, कमिशनबाजी और नागरिकों पर जबरन लादे गये संपत्तिकर के बोझ के साथ ही जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने आर्थिक हितों के चलते साधे गये मौन की वजह से मनपा प्रशासन की इज्जत तार-तार हो रही है. नागरिकों के जीवन से संबंधित विषयों को लेकर रहने वाली अनास्था, हतदर्जे की लापरवाही और भ्रष्ट कामकाज के चलते इससे पहले भी कई बार आवाज उठाये जाने पर भी स्थिति में कोई सुधार नहीं आया. जिससे स्पष्ट है कि, प्रशासन पर मौजूदा जनप्रतिनिधियों का कोई नियंत्रण नहीं है और प्रशासन ऑटो पायलट मोड में जाकर अपनी मनमर्जी के हिसाब से काम कर रहा है, लेकिन कम से कम प्रशासन ने अपनी आंखें खुली रखनी चाहिए, ताकि अमरावती में घाटकोपर जैसी कोई घटना घटित न हो.