अमरावतीमहाराष्ट्र

कब रुकेंगी किसानों की आत्महत्या?

शासन-प्रशासन से आजाद समाज पार्टी पूछा सवाल

* जिलाधिकारी कार्यालय के सामने किया तीव्र प्रदर्शन
अमरावती/दि.23– महाराष्ट्र राज्य में सर्वाधिक आत्महत्या पश्चिम विदर्भ में हो रही है. जिसमें सर्वाधिक आत्महत्या अमरावती जिले में है. पिछले 6 महिने में राज्य में कुल 557 किसानों ने मौत को गले लगाया है. जिसमें से अमरावती जिले में 170 किसानों ने आत्महत्या की है. शासन-प्रशासन का इस पर कोई ध्यान नहीं है. दुष्काल, प्राकृतिक आपत्ती, फसल की बर्बादी, कर्जबाजारी, बिमारी, कर्जवसुली, बेटी की शादी ऐसे कारणों से हर दिन तीन किसानों की बली चढ रही है. अमरावती विभाग में वर्ष 2001 से आज तक 20 हजार 630 किसानों ने आत्महत्या की है. अमरावती जिले में सर्वाधिक किसानों की आत्महत्याएं हुई है. अमरावती जिले के सर्वाधिक किसान आत्महत्या क्यों हो रही है? इस पर रोक कब लगेगी? इस पर अभी तक कोई ठोस उपाय योजना शासन व स्थानीय प्रशासन ने क्यों नहीं किए? ऐसे सवाल लेकर आज जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष आजाद समाज पार्टी व्दारा तीव्र प्रदर्शन किया गया व जिलाधिकारी को निवेदन सौंपा गया.
किसान कंगाल बीमा कंपनी मालामाल
सौंपे गए निवेदन में कहा गया कि गत वर्ष किसानों को 8 हजार 80 करोड मिले थे. जिसमें से कंपनी का कुल नफा 4 हजार करोड रुपये हुआ था. खेती के लिए रहने वाले अनुदान सरकार ने फसल बीमा कंपनी के पास रखा. बीमा संरक्षित रकम की कुल 70 प्रतिशत नुकसान भरपाई मिलना अपेक्षित रहने पर भी 2023 के खरीप-रब्बी हंगाम के 6.61 प्रतिशत, 0.19 प्रतिशत नुकसान भरपाई मिले. मतलब किसान कंगाल व कंपनी मालामाल करने की निती केंद्र व राज्य सरकार की दिखाई दे रही है. ऐसा ज्ञापन में आरोप लगाया गया. आज अमरावती जिलाधिकारी कार्यालय के सामने आजाद समाज पार्टी की ओर से तीव्र आंदोलन किया गया. इस समय महाराष्ट्र राज्य मुख्य महासचिव मनिष साठे, प्रदेश प्रवक्ता किरण गुडधे, जिलाध्यक्ष सनी चव्हाण, शहराध्यक्ष विपुल चांदे, भीम आर्मी जिलाध्यक्ष रितेश तेलमोरे, संजय गडलिंग, रविंद्र फुले, जितेंद्र रामटेके, संजय आठवले, अन्सार बेग, मुजफ्फर खान, सुरज रामटेके, मिना नागदिवे, लक्ष्मण चाफलकर, विजय सवई, अशोक इंगोले, अतुल गायगोले, रवी बागडे, हंसराज मेश्राम, विकी भगत, दिपक खंडारे, सुरेंद्र नितनवरे, सुरेश ठाकरे, ब्रिजेश प्रधान, जंजीर सिंग, सुनिल घटाले, धम्मापाल मेश्राम, मंजु खांडेकर, नानासाहेब धुले, वासुदेव पात्रे, रंजना डोंगरे, रवी हजारे अनेक कार्यकर्ता व पदाधिकारी उपस्थित थे.

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