अमरावतीमहाराष्ट्र

आदिवासी कृषि ग्रामविकास व वनविभाग में अधिकारियों के तबादले कब?

कई अधिकारी बैठे है 3-4 वर्षों से ठिया जमाये हुए

* तबादलों की ओर निर्वाचन आयोग की अनदेखी
अमरावती /दि.1– आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए राजस्व एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों के तबादले किये गये. लेकिन आम नागरिकों के साथ सीधे संपर्क में रहने वाले कृषि, वन, आदिवासी व ग्रामविकास विभाग के सभी अधिकारी अपने-अपने पदों पर यथावत कायम है. जबकि इन विभागों में कई ऐसे अधिकारी है, जिन्होंने एक ही स्थान पर 3 से 4 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है.
उल्लेखनीय है कि, इस समय लोकसभा चुनाव की आहट सुनाई देने लगी है. यद्यपि अभी चुनाव की तारीखे घोषित होने में थोडा वक्त है. लेकिन जिला प्रशासन ने अपनी ओर से चुनावी तैयारियां करनी शुरु कर दी है. जिसके तहत प्रत्येक जिले में नोडल अधिकारी, समन्वयक एवं सहायक निर्वाचन अधिकारी को नाम निर्देशित किया गया है. साथ ही चुनाव को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन प्रक्रिया में लगाये जाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रशिक्षण हेतु कार्यशालाओं के आयोजन किये जा रहे है. इसके साथ ही भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार राजस्व विभाग ने जिलाधीश से लेकर तहसीलदार के पद पर रहने वाले अधिकारियों को इधर से उधर करना शुरु कर दिया है. साथ ही पुलिस विभाग में भी तबादलों की रफ्तार अच्छी खासी है. चुनाव संबंधित कामकाज पर अधिकारियों द्वारा किसी तरह का कोई प्रभाव न डाला जा सके. इस हेतु प्रशासन हर तरह की सतर्कता बरत रहा है. परंतु लोगों के साथ सीधे संपर्क में आने वाले कृषि, वन, आदिवासी व ग्रामवविकास जैसे विभागों के अधिकारी अपने-अपने स्थान पर कायम है. इन सभी विभागों के अधिकारी भी आम जनता के साथ सीधे संपर्क में रहते है. जिसके चलते इन विभागों के अधिकारियों पर निर्वाचन आयोग द्वारा नजर रखना जरुरी माना जाता है.

* निर्वाचन आयोग के आदेश की अवहेलना
21 सितंबर 2019 को निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक वन विभाग में कार्यरत आरएफओ से लेकर वनरक्षक तक के अधिकारियों व कर्मचारियों को चुनावी कामकाज में शामिल नहीं करने की बात स्पष्ट की गई है. लेकिन इसके बावजूद भी वर्ष 2024 के चुनाव संबंधित कामकाज में प्रादेशिक वनविभाग के आरएफओ को प्रशासन द्वारा काम पर लगाया गया है. चुनावी ड्यूटी से छुट मिली रहने के बावजूद आरएफओ स्तर के वनअधिाकरियों को चुनाव संबंधित काम सौपे जा रहे है. वहीं सहायक वनसरक्षकों को इसमें छुट दी गई है. जिसके चलते प्रशासन द्वारा निर्वाचन आयोग के आदेश की अवहेलना किये जाने की बात सामने आ रही है.

* जयोति बैनर्जी अमरावती जिले में 8 वर्ष से
भारती वनसेवा एवं राज्य वनसेवा के कई अधिकारी विगत 3 से 4 वर्षों से एक ही स्थान पर ठिया जमाये बैठे है. इसमें भी अमरावती की मुख्य वनसंरक्षक जयोति बैनर्जी को अमरावती जिले में विगत 8 वर्षों से कार्यरत है. वे वर्ष 2006 में पूर्व मेलघाट में उप वनसरक्षक पद पर लगातार 3 साल कार्यरत थी. जिसके बाद वर्ष 2009 से 2011 तक सामाजिक वणीकरण विभाग में उपवनसंरक्षक के पद पर पदस्थ थी. इसके पश्चात कुछ समय के लिए तबादला होने के बाद वे वर्ष 2021 में मुख्य वनसंरक्षक के तौर पर एक बार फिर अमरावती आयी, ऐसे में जयोति बैनर्जी की अमरावती जिले में 8 वर्ष की सेवा हो चुकी है और उनका अमरावती जिले से सीधा संबंध भी बना हुआ है. इसके अलावा वनविभाग में विभागीय वनअधिकारी से लेकर वनपरिक्षेत्र अधिकारी जैसे पदों पर कई अधिकारी विगत 3-4 वर्षों से एक ही स्थान पर टिके हुए है, जिनका तबादला कब होता है, इस ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है.

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