महाराष्ट्र में कब लागू होगा शक्ति कानून?
पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख का पत्र-परिषद में सवाल

अमरावती/दि.17-राज्य में महिला और युवतियों पर होने वाले अत्याचार का प्रमाण कम होने के लिए आंध्र प्रदेश की तर्ज पर महाराष्ट्र में शक्ति कानून लाने के लिए मैंने गृहमंत्री होने के कार्यकाल में प्रयास किए थे. इस कानून में आरोपी को सीधे फांसी की सजा का प्रावधान किया है. इसके बाद इस कानून को विधान परिषद व विधानसभा की मंजूरी कर अंतिम मंजूरी के लिए चार साल पूर्व केंद्र सरकार को भेजा गया. परंतु अभी तक इस कानून को अंतिम मंजूरी नहीं मिली. आरोपी का फांसी देने वाले शक्ति कानून को महाराष्ट्र में कब लागू किया जाएगा? यह सवाल पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मराठी पत्रकार संघ में आज ली पत्र-परिषद के माध्यम से किया है.
पूर्व मंत्री देशमुख ने कहा कि, पुणे में एक युवती के साथ हुई घटना के बाद राज्य में महिलाओं व युवतियों की सुरक्षा का मुद्दा फिरसे गूंज रहा है. ऐसी घटना के बाद आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की जाती है, परंतु महाराष्ट्र में अत्याचार के संदर्भ में जो कानून है, उसमें फांसी की प्रावधान ही नहीं. अत्याचार का प्रमाण कम करने के लिए आंध्र प्रदेश की तर्ज पर महाराष्ट्र में इस कानून को लागू करने का प्रयास गृहमंत्री रहते दौरान हमने किया था, ऐसा अनिल देशमुख ने बताया. इस शक्ति कानून का मसौदा तैयार करने के लिए 21 सदस्यों की समिति तैयार की गई थी. जिसमें विधान परिषद और विधान सभा के सभी दल के विधायकों सहित वरिष्ठ आईपीएस व आईएएस अधिकारी का समावेश था. इस समिति ने मुंबई, औरंगाबाद और नागपुर में बैठक लेकर महिलाओं के लिए काम करने वाली संगठनों से चर्चा कर कानून में प्रावधान संबंधी मंथन किया था. जिसके बाद कानून का मसौदा तैयार कर उसे विधान परिषद और विधान सभा में मंजूर किया गया, किंतु विगत चार वर्षों से अंतिम मंजूरी के लिए यह कानून केंद्र सरकार के पास ठंडे बस्ते में पडा है. राज्य के भाजपा प्रणित सरकार ने लाडली बहन और लाडली लडकियों पर अत्याचार की घटना कम करने के लिए केंद्र सरकार स्तर पर प्रयास कर शक्ति कानून को महाराष्ट्र में जल्द से जल्द अमल लाने की मांग पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पत्र-परिषद के माध्यम से की है.