अमरावती

गांवों तक कब पहुंचेगी मुख्यमंत्री ग्राम सडक योजना

सात मार्गों के काम पांच वर्षों से पडे है अटके

* प्रशासन कब देगा ध्यान
अमरावती/ दि.19 – एक ओर समृध्दि महामार्ग की हर ओर प्रशंसा हो रही है. वहीं दूसरी ओर जिले की ग्रामीण इलाकों में समृध्दि ला सकने वाली मुख्यमंत्री ग्राम सडक योजना के सात काम विगत पांच वर्षों से अटके पडे है. इन रास्तों के अभाव की वजह से नागरिकों को संबंधित क्षेत्रों में यात्रा करते समय नाहक ही तकलिफे सहन करनी पडती है.
उल्लेखनीय है कि, नागपुर-मुंबई समृध्दि महामार्ग जिले के धामणगांव रेलवे, चांदूर रेलवे व नांदगांव खंडेश्वर इन तीन तहसीलों से होकर गुजरता है और इस महामार्ग से रोजाना करीब 500-600 वाहनों की आवाजाही होती हैं. सुलभ रास्ते होने की वजह से जलद गति से वाहनों का आवागमन चलता है. लेकिन इससे ठीक उलट स्थिति मुख्यमंत्री ग्राम सडक योजना की है. जिले में विगत तीन वर्षों के दौरान 196 किमी लंबाई वाले रास्तों के 91 काम सरकार व्दारा मंजूर किये गए, लेकिन इसमें से केवल 50 काम पूर्ण होने की जानकारी प्रशासन व्दारा प्राप्त हुई है. वहीं शेष काम प्रगति पथ पर रहने की बात कही गई है.

जिले में 91 काम मंजूर
जिले में विगत तीन वर्षों के दौरान मुख्यमंत्री ग्राम सडक योजनो अंतर्गत 196 किमी की लंबाई वाले 91 काम सरकार व्दारा मंजूर किये गए. जिसमें से केवल 50 काम पूर्ण हुए है. वहीं 82 किमी की लंबाई वाले 46 रास्तों के काम प्रगति पथ पर रहने की बात कही गई है.

110 करोड रुपए की निधि खर्च
28 रास्तों के लिए 110 करोड रुपयो की निधि खर्च हो चुकी है. निधि उपलब्ध रहने के बावजूद कुछ स्थानों पर वन विभाग की अनुमति नहीं रहने के चलते काम अटके पडे है.

विगत पांच वर्षों में मेलघाट के रास्ते वन विभाग की अनुमति नहीं मिलने के चलते अटके पडे है. इन रास्तों के लिए काम करने हेतु निधि बची हुई है. ऐसे में फिलहाल वन विभाग की अनुमति मिलने की प्रतिक्षा की जा रही है.
– नितीन देशमुख,
कार्यकारी अभियंता,
मुख्यमंत्री ग्राम सडक योजना, अमरावती विभाग

पांच वर्ष से लटके काम
चौराकुंड-पोपन, करंजखेडा-हतरु-सेमाडोह भाग-1, करंजखेडा-हतरु-सेमाडोह भाग2, माखला-चुनखडी-खडीमल, जारिदा-आवागड-खंड्डेखेडा, चिलाटी ते कुही, हतरु-मारीता यह रास्ते पांच वर्षों से अटके पडे है.

रास्तों का काम पूरा करने में रहने वाली दिक्कतें
मेलघाट अंतर्गत चिखलदरा परिसर में सर्वाधिक वन परिक्षेत्र है. वन विभाग ने विगत लंबे समय से इन सडकों का काम पूरा करने के लिए अनुमति प्रदान नहीं की है. जिसकी वजह से इस क्षेत्र से होकर गुजरने वाले सात रास्तों का काम विगत पांच वर्षों से अटका पडा है.

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