अमरावती

आदिवासी विद्यार्थियों को शोषण कब थमेगा

संयुक्त रिपब्लिकन आघाडी का प्रशासन से सवाल

अमरावती/ दि.14– आदिवासी विद्यार्थी संगठना व अमरावती में पढाई कर रहे विद्यार्थी अपनी 16 मांगों को लेकर गर्ल्स हाईस्कूल के पास श्रृंखलबध्द तरीके से अन्नत्याग आंदोलन कर रहे है. इसके पहले भी आंंदोलन किया था तब 12 मुद्दों पर लिखित आश्वासन दिया गया था. परंतु उसका कोई लाभ नहीं हुआ. इस वजह से फिर आंंदोलन करते हुए संयुक्त रिपब्लिकन आघाडी ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा.
उन्होंने सौंपे ज्ञापन में कहा कि नांदगांव पेठ के ई-क्लास में 15 एकड जमीन छात्रावास के लिए दी गई थी. यह जमीन दूर होने के कारण तत्कालीन जिलाधिकारी शैलेश नवाल ने मौजा म्हसला की 3 हेक्टेयर जमीन कब्जे में दी थी. उस जमीन का मूल्यांकन प्रति 1800 चौरस मीटर के अनुसार 4 करोड 68 लाख 90 हजार इतनी मूल्यांकन रकम भरने के लिए अनुदान उपलब्ध कराने हेत आदिवासी विकास महाराष्ट्र राज्य नाशिक के आयुक्त ने मंत्रालय के आदिवासी विकास विभाग सचिव को पत्र दिया था. इतना सबकुछ होने के बाद भी शासकीय छात्रावास नहीं होना यह काफी दुख की बात है. विधायक अब तक सभागृह में बोलने के लिए राजी नहीं है. इस वजह से बच्चों को अन्नत्याग आंदोलन करना पड रहा है. इस आंदोलन में संयुक्त रिपब्लिकन आघाडी के प्रा.डॉ.गोपीचंद मेश्राम, जगत सहारे, रमेश रामटेके, गोवर्धन मेहरे, किरण गुडधे, वैशाली काले, सतिश मेश्राम, विशाल उईके, अजय ढंगारे, स्वाती पांडे, मृणाल कुते, सागर थोडे, दिलीप नागदीवे समेत अन्य विद्यार्थियों का समावेश है.

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