अमरावती/दि.31 – हाल ही में हरिसाल वन परिक्षेत्र की आरएफओ दीपाली चव्हाण की आत्महत्या अधिकारियों द्बारा की जानेवाली प्रताडना से हुई. जिसमें अधिकारियों की मनमानी एक बार फिर सामने आयी है. हम महिला सशक्तिकरण की बात करते है. किंतु महिलाए आज सुरक्षित नहीं है. महिला कर्मचारियों की प्रताडना आखिरकार कब रुकेगी ऐसा सवाल जिले के पूर्व सांसद अनंत गुढे ने उठाया है.
पूर्व सांसद गुढे ने कहा कि प्रशासकीय कार्यालयों में अति दुर्गम क्षेत्रों में कार्यरत महिला कर्मियों को अनेको समस्या का सामना करना पडता है. वास्तव में पुरुषो की मानसिकता बदलने के लिए स्वयं पहल करना आवश्यक है. दीपाली चव्हाण की आत्महत्या के समाचार की स्याही अभी सूखी भी नहीं थी कि भूमि अभिलेख कार्यालय चांदूरबाजार में एक महिला कर्मचारी की शिकायत दर्ज हुई है.
ऐसी शिकायतों में तत्काल पुलिस व वरिष्ठ अधिकारियों को दखल लेनी चाहिए जिससे इस प्रकार की घटनाओं की पुर्नावृत्ती न हो सके. इस बात की सावधानी बरतना अत्यावश्यक है इसके लिए जिलाधिकारी को पुलिस आयुक्त, पुलिस अधीक्षक के साथ बैठक लेकर ऐसी घटनाओं को बारिकी से देखना चाहिए और आदेश दिए जाने चाहिए ऐसा मत पूर्व सांसद अनंत गुढे ने व्यक्त किया.