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कब होंगे स्थानीय निकायों के चुनाव?

इच्छुक निराश, विकास काम भी अटके

* प्रभाग रचना और आरक्षण का सियासी पेच
अमरावती/दि.28-पहले कोरोना के कारण और बादमें प्रभाग रचना तथा ओबीसी आरक्षण के मुद्देपर कोर्ट में कानूनी लडाई शुरु होने से प्रलंबित स्थानीय निकाय के चुनाव कब होंगे, यह सवाल पूछा जा रहा है. चुनाव लडने के इच्छुक अब तो निराश हो चले है. वहीं राजनीतिक जानकारों के अनुसार अब विधान सभा के बाद भी निकाय चुनावों का नंबर लगेगा. इस बीच बतादें कि, ओबीसी आरक्षण सीटों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में अगली सुनवाई 12 जुलाई को होनी है. इस सुनवाई की ओर लोगों की नजरें टिकी है.
पहले कहा जा रहा था कि, लोकसभा चुनाव से पूर्व स्थानीय निकायों के चुनाव होंगे. विविध कारणों से निकाय चुनाव प्रलंबित होते रहे है. प्रशासकीय राज में पूर्व जनप्रतिनिधियों पर कार्यकर्ताओं का दबाव बढ रहा है. प्रशासन स्थानीय स्तर पर नागरिकों को सीधे उत्तरदायी न होने से विकास कार्य प्रलंबित होने के आरोप हो रहे है.
मनपा, पालिका और जिला परिषद चुनाव के लिए गत कुछ वर्षों से तैयारी कर रहे इच्छुक अब निराश हो रहे है. गिनती के इच्छुक बचे है जो चुनाव लडने का जोश अब भी कायम रखे हुए है. जबकि, कुछ इच्छुक इस विचार में पडे हैं कि, पहले की प्रभाग रचना से की गई तैयारी जाया तो नहीं हो जाएगी, अब कितने माह बाद चुनाव होंगे, यह कोई कह नहीं सकता. राजनीतिक दलों का कामकाज फिलहाल रुका है. वरिष्ठ स्तर से आए गए कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के अलावा कुछ खास उपक्रम नहीं है. विधान सभा चुनाव की तैयारी कुछ बडे पदाधिकारी, कार्यकर्ता कर रहे है. जबकि, छोटे कार्यकर्ताओं में उत्साह नहीं दिखाई दे रहा.
बतादें कि, प्रभाग पद्धति में तीन अथवा चार सदस्य को लेकर खींचतान चल रही है. मामला न्यायालय में पहुंचा है. उसी प्रकार कोर्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण रद्द किए जाने से उस पर दोबारा विचार के लिए भी याचिकाएं दायर की गई हैं. कुछ नेताओं ने प्रभाग रचना पर आपत्ति उठा रखी है. यह सभी मामले कोर्ट में होने से कब सुनवाई होगी और निर्णय होगा, यह कोई सीना ठोककर नहीं कह पा रहा.

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