अमरावती

अमरावती के शासकीय मेडिकल कॉलेज का मामला कब सुलझेगा ?

जनप्रतिनिधियों की उदासीनता

* अभी तक मंजूरी की प्रतीक्षा
अमरावती/दि.22– राजनीतिक खींचतान और श्रेय लेने की स्पर्धा में अमरावती शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय को अभी तक राज्य शासन की मंजूरी नहीं मिली है. जिले के नागरिकों को केवल आश्वासन दिए जा रहे है. पिछले 7 साल से मेडिकल कॉलेज का प्रश्न लंबित है. कहां मामला अटका पडा है यह पता नहीं चल रहा है. शहर से सटकर तीन जगह निश्चित की गई. वैद्यकीय समिति व्दारा सकारात्मकता दर्शायी गई फिर भी अभी तक शासकीय मेडिकल कॉलेज कागजों पर ही है. इस मामले का निवारण कब होगा यह प्रश्न निर्माण हो गया है. फिर भी अभी से ‘जीएमसी’ को शहर के बाहर न ले जाने की मांग होने लगी है.
तत्कालीन उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने ‘जीएमसी’ देने की घोषणा की. लेकिन वह केवल घोषणा बनकर ही रह गई. अब राज्य के उपमुख्मंत्री व जिले के पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस विदर्भ के हैं. उनका अमरावती से नजदीकी संबंध है. साथ ही अमरावती शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय कृति समिति के अध्यक्ष पद पर शहर भाजपाध्यक्ष किरण पातुरकर रहने के बावजूद अभी तक शासन की तरफ से ‘जीएमसी’ को मंजूरी नहीं मिली है. केवल अंजनगांव बारी, नांदगांव पेठ और कोंडेश्वर की जगह निश्चित कर रखी गई है. ‘जीएमसी’ को मंजूरी भले ही न मिली हो फिर भी शहर से यह तीनों जगह काफी दूरी पर रहने से इन तीनों स्थानों पर शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय के निर्माण को लेकर नागरिकों का विरोध है.

* हमारे लगातार प्रयास जारी
शहर में किसी भी हालत में ‘जीएमसी’ शुरु हो इस बााबत हमारे प्रयास जारी है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के साथ भी बातचीत हुई है. उन्होंने भी सकारात्मकता दर्शायी है.
– किरण पातुरकर,
अध्यक्ष जीएमसी कृति समिति

* अधिवेशन में प्रस्ताव रख मंजूरी लेंगे
आगामी अधिवेशन में जीएमसी का प्रस्ताव रख मंजूरी ली जाएगी. पहले से ही हमने इसके लिए जगह निश्चित की है. साथ ही जगह की मंजूरी बाबत कार्रवाई पूर्ण हुई है. जीएससी जल्द ही अमरावती में आएगा.
– रवि राणा, विधायक

* काम कहां अटका पता नहीं
शहर में शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय शुरु होने के लिए मैंने मंत्री पद पर रहते पूरे प्रयास किए. नांदगांव पेठ में जगह भी दिलवाई. लेकिन उसके बाद काम कहां अटका यह पता नहीं है. यह जगह शहर से सटकर है.
– एड. यशोमति ठाकूर, विधायक

Related Articles

Back to top button