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‘एनआरएचएम’ के लिए 10 करोड के प्रारुप को मंजूरी कब?

अप्रैल शुरु होने के बाद भी सरकार स्तर पर अटकी ‘पीआईपी’

अमरावती/दि.14 – जिले में माता व बालमृत्यु का साया मंडराते रहने के बावजूद केंद्र व राज्य सरकार की संयुक्त निधि से शुरु किए जानेवाले राष्ट्रीय आरोग्य मिशन (एनआरएचएम) जारी वर्ष हेतु 10 करोड रुपयों के नए प्रारुप को अब तक मंजूरी नहीं मिली है. जिसके चलते स्वास्थ मिशन का भविष्य अधर में लटका हुआ है और कर्मचारियों को अब तक मार्च माह का वेतन भी प्राप्त नहीं हुआ है, ऐसी जानकारी सामने आई है.
बता दें कि, ग्रामीण स्वास्थ व्यवस्था को मजबूत करने हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन को शुरु किया गया है, जिसके तहत केंद्र व राज्य सरकार की निधि से गांव की स्वास्थ सेवाओं को मजबूत कर नागरिकों को अच्छी स्वास्थ सुविधाएं देना अपेक्षित है. परंतु विगत एक वर्ष से राज्य सरकार ने ‘एनआरएचएम’ निधि देने के मामले में अपना हाथ सिकोडकर रखा है. वहीं केंद्र सरकार की निधि के जरिए स्वास्थ मिशन का काम जैसे-तैसे चल रहा है और निधि के अभाव में विगत तीन-चार माह से स्वास्थ कर्मचारियों का वेतन नहीं हो पा रहा है.
ज्ञात रहे कि, प्रत्येक जिले में स्वास्थ मिशन के लिए 80 से 90 करोड रुपयों का प्रस्तावित प्रारुप होता है. इसके अनुसार स्थानीय जिला स्वास्थ अधिकारी डॉ. सुरेश आसोले ने स्वास्थ विभाग के पास 90 करोड रुपए का ‘पीआईपी’ तैयार करके भेजा था.

* मेलघाट की स्वास्थ सेवाओं पर परिणाम होने की आशंका
अमरावती जिले का मेलघाट क्षेत्र आदिवासी बहुल परिसर है. जहां पर कुपोषण की वजह से होनेवाली माता व बाल मौतो को रोकना स्वास्थ विभाग के समक्ष बडी चुनौती है. इन दिनों मेलघाट के अधिकांश प्राथमिक स्वास्थ केंद्रो के एंबुलेंस वाहन नादुरुस्त पडे है और निधि का अभाव रहने के चलते उनकी दुरुस्ती नहीं की जा रही. जबकि हकिकत में स्वास्थ सेवा के लिहाज से मेलघाट बेहद संवेदनशील परिसर है. जहां पर एंबुलेंस सेवा के अभाव की वजह से मरीजों को असुविधा होने तथा किसी मरीज की जान चली जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. ऐसे में एंबुलेंस वाहनों की दुरुस्ती हेतु कम से कम 40 फीसद निधि का प्रावधान किया जाए, ऐसी मांग जिला स्वास्थ अधिकारी द्वारा राज्य सरकार से की गई थी. परंतु इसमें से अब तक एक रुपया भी नहीं मिला है.

* एंबुलेंस की दुरुस्ती हेतु नहीं मिल रही निधि
अमरावती जिले के उपजिला अस्पतालों में 2, प्राथमिक स्वास्थ केंद्रों में 60 व स्वास्थ उपकेंद्रों में 12 ऐसे कुल 73 एंबुलेंस वाहन है. जिसमें से ज्यादातर एंबुलेंस वाहन नादुरुस्त खडे है और उनकी दुरुस्ती के लिए सरकार की ओर से निधि भी प्राप्त नहीं हो रही. जिसके चलते अमरावती जिले में एंबुलेंस वाहनों की दुरुस्ती हेतु 47 लाख 50 हजार रुपए की निधि उपलब्ध कराई जाए, ऐसी मांग का पत्र जिला स्वास्थ अधिकारी डॉ. सुरेश आसोले ने 20 मार्च 2025 को स्वास्थ सेवा सहसंचालक डॉ. सरिता हजारे के नाम भेजा था. परंतु एंबुलेंस वाहनों की दुरुस्ती हेतु अब तक कोई निधि प्राप्त नहीं हुआ है. जिसके चलते लगभग आधे एंबुलेंस वाहन अपनी ही जगह पर खडे है.

 

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