अमरावती

विद्यापीठ में कब बनेगा राष्ट्रसंत विचारधारा केंद्र

प्रा. मनीष गवई ने उठाया सवाल

  • कुलगुरू को सौंपा निवेदन

अमरावती/दि.26 – संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ में विगत लंबे समय से राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज अध्यासन केंद्र शुरू करने का प्रस्ताव प्रलंबित है. इसे जल्द से जल्द पूर्ण किया जाना चाहिए. इस आशय की मांग सीनेट सदस्य मनीष गवई द्वारा कुलगुरू व कुलसचिव को निवेदन सौंपकर की गई है.
इस निवेदन में कहा गया है कि, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज ने अंधश्रध्दा व जातीभेद निर्मूलन के लिए भजन व कीर्तन का प्रभावी प्रयोग किया और उनके द्वारा किये गये ग्राम प्रबोधन का समाज व्यवस्था पर बेहद सकारात्मक परिणाम हुआ. ऐसे में राष्ट्रसंत के विचार एवं कार्य समाज तक पहुंचाने हेतु संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ में राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज की विचारधारा पर आधारित अध्यासन केंद्र त्वरित शुरू किया जाना चाहिए. यहां पर राष्ट्रसंत की विचारधारा पर आधारित शॉर्ट टर्म कोर्स भी शुरू किया जाना चाहिए. ऐसी मांग भी मनीष गवई द्वारा अपने निवेदन में की गई है.
निवेदन सौंपते समय मनोज भिष्णुरकर, राजकुमार बोके तथा ऋषिकेश वासनकार आदि उपस्थित थे.

भारत छोडो आंदोलन में था सक्रिय सहभाग

वर्ष 1942 के भारत छोडो आंदोलन में राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज द्वारा सक्रिय सहभाग लिया गया था. जिसके लिए उन्हें उस समय ब्रिटीश सरकार द्वारा गिरफ्तार भी किया गया था. राष्ट्रसंत द्वारा रचित ‘आते हैं नाथ हमारे’ नामक पद्य उस समय स्वाधीनता संग्राम का स्फूर्तिगान बन गया था और बच्चे-बच्चे की जुबान पर यह गीत था. उनके ऐसे महान कार्यों की जानकारी नई पीढी तक पहुंचे, इस हेतु उनके विचारों को पाठ्यक्रम में शामिल करते हुए आम समाज तक पहुंचाना बेहद जरूरी है. ऐसा भी इस निवेदन में कहा गया है.

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