निजी अभियांत्रिकी, फार्मसी व पॉलीटेक्नीक के कर्मचारियों को वेतन कब?
दो वर्ष से हो रही वेतन की प्रतीक्षा
अमरावती/दि.26 – राज्य के निजी अभियांत्रिकी, फार्मसी व पॉलीटेक्नीक महाविद्यालयों के प्राध्यापकों व कर्मचारियों को विगत 9 से 27 महिने से वेतन नहीं मिला है. ऐसे में कोविड संक्रमण काल एवं लॉकडाउन के दौरान जीवन-यापन कैसे किया जाये, इस समस्या से सभी संबंधित प्राध्यापक व कर्मचारी जूझ रहे है. इस मामले में महाविद्यालयीन शुल्क समिती की नीतियां इन प्राध्यापकों व कर्मचारियों के लिए बेहद घातक साबित हो रही है.
गत वर्ष मार्च माह से कोविड संक्रमण के चलते सभी स्कूल व महाविद्यालय बंद है. जिसका झटका निजी अभियांत्रिकी, फार्मसी व पॉलीटेक्नीक कॉलेजों के प्राध्यापकों व कर्मचारियों को झेलना पडा है. साथ ही अमरावती संभाग में इस समस्या ने बेहद गंभीर स्वरूप धारण कर लिया है और वेतन के बिना प्राध्यापकों व कर्मचारियों के लिए अपने परिजनों का उदरनिर्वाह करना बेहद मुश्किल काम साबित हो रहा है.
बता दें कि, महाविद्यालयों में शुल्क निर्धारण व शिक्षा शुल्क समिती के निर्देशानुसार विविध छात्रवृत्तियों का न्यूनतम 70 फीसदी हिस्सा कर्मचारियों के वेतन पर खर्च करने का नियम है. इसके बावजूद यदि निजी अभियांत्रिकी, फार्मसी व पॉलीटेक्नीक महाविद्यालयों के प्राध्यापकों व कर्मचारियों को करीब 27 माह से वेतन नहीं मिला है, तो यह अपने आप में बेहद गंभीर विषय है. छात्रवृत्ति व शिक्षा शुल्क की 70 फीसदी रकम वेतन पर खर्च की जायेगी, ऐसा शपथपत्र सभी संस्थाओं द्वारा संबंधित विभाग को दिया जाता है. किंतु इसके बावजूद कई कर्मचारियो को नौ माह से 27 माह तक वेतन नहीं अदा किया गया है. इस संदर्भ में शिक्षक विधायक ना. गो. गाणार द्वारा उच्च व तंत्रशिक्षा संचालक व सहसंचालक को निवेदन दिया गया है. साथ ही इस गंभीर समस्या को त्वरित हल करने की मांग की गई है.
- अमरावती संभाग के अधिकांश निजी अभियांत्रिकी, फार्मसी व पॉलीटेक्नीक महाविद्यालयों के प्राध्यापकों व कर्मचारियों को विगत करीब डेढ-दो वर्ष से वेतन नहीं दिया गया है. जिससे उन्हें अपना परिवार चलाने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड रहा है. इस बारे में उच्च व तंत्रशिक्षा संचालक एवं सहसंचालक को निवेदन सौंपा गया है.
– प्रदीप खेडकर
अध्यक्ष, शिक्षा मंच