अमरावतीमहाराष्ट्र

आखिर कब बंद होगा कंपोस्ट डिपो से निकलने वाला धुआं

कई वर्षो से धधकती आग से उठ रही जहरीली गैस

जनप्रतिनिधियों सहित प्रशासन को नागरिकों के स्वास्थ की नहीं है कोई सुध
अमरावती/दि.10– इन दिनों शहर के पश्चिमी क्षेत्र सहित शहर के कुछ इलाको के नागरिक पश्चिमी दिशा में स्थित सुकली में शहर का सबसे बडा कचरा डिपो से उठने वाले धुएं से परेशान है. क्योंकि यह से उठने वाला धुआं कुछ दिनों पहले से नहीं बल्कि कई वर्षो से उठ रहा है. कारण की कंपोस्ट डिपो में किसी अज्ञात व्दारा आग लगाए लगाए जाने से यहां से निकलने वाला धुआं शाम सुर्यास्त के समय बस्ती की ओर हवा की दिशा होने से इसी ओर बहता है. जिसके कारण लगभग 5-6 किमी दुरी पर बसे इलाकों के नागरिकों को कई तरह की गंभीर बिमारी होेने का खतरा बना हुआ है.

शहर के रहमतनगर, रौशननगर, जावेदनगर, मद्रासीबाबा नगर, कलीम नगर, सागर नगर, हैदरपुरा, भुरखापुर, कबिरनगर, हनुमाननगर, व्यंकटेश टाऊनशिप, जवादेनगर, पार्वतीनगर, महाजनपुरा, माताखिडकी, लालखडी, रिंग रोड, अलीमनगर, गुलिस्तानगर, उस्माननगर परिसर में रोजाना शाम होने के साथ ही चारों ओर जहरीला धुआ फैल रहा है. कारण की शहर के सुकली- बनारसी इलाके के कंपोस्ट डिपो में लगातार आग धधक रही है. मगर इससे उठने वाला खतरनाक धुआं शाम के समय जहरीली गैस का रुप ले रहा है. जिसके कारण हजारों-लाखों की संख्या में बसे परिसर के नागरिकों को जानलेवा बिमारियों का डर सता रहा है. शाम 5.30 से 7 बजे के बीच कंपोस्ट डिपो से निकलने वाले धुएं के कारण नागरिक परेशान हो रहे है. कई बार मनपा प्रशासन को इसकी शिकायत करने के बाद तथा मनपा के आला अधिकारियों व्दारा दौरे पर दौरा कर कचरा नियोजन का प्लान बनाने के बावजूद भी किसी भी तरह की अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की जा रही. इस जहरीले धुएं से समुचे परिसर में चारों ओर धुआ ही धुआ दिखाई पडता है. जो कि शाम ढलते वक्त जहरीली गैस बन कर नागरिकों के जान का दुश्मन बन रहा है.

जहरीला धुआं बना नागरिकों पर काल
पश्चिम क्षेत्र में स्थापित शहर का सबसे बडा कंपोस्ट डिपो में शहर के कोने कोने से प्लास्टिक व कचरा ला कर फेंका जाता है. वही कई बार तंबाकू युक्त पदार्थ की जप्ती के बाद इसे यहां लाकर नष्ट किया जाता है. जिसके बाद कई बार कचरे को नष्ट करने के लिए आग लगा दी जाती है. मगर यह कचरा जलकर धुआं और जहरीली गैस उत्पन्न करता है. जो आसपास के परिसर में फैले इलाकों में घुसता है. इस धुएं के कारण परिसर में रहने वाले नागरिकों सहित छोटे बच्चों केे लिए घातक साबित हो रहा है. जहरीली गैस से नागरिकों को गंभीर बिमारी होने का खतरा हमेशा रहता है. कई बार शाम के ुसमय रास्ते पर व घरों की छतों पर बैठने वाले नागरिकों को मुंह पर कपडा बांधना पडता है.

किसानों सहित नागरिकों ने की शिकायत
कंपोस्ट डिपो से उठने वाले धुएं के कारण जहरीली गैस से नागरिकों को जान का खतरा सहित आसपास के परिसर में खेती करने वाले किसानों ने कई बार मनपा व प्रदुषण विभाग को इसकी शिकायत करते हुए फसलों की बर्बादी व नागरिकों को गंभीर बिमारी का हवाला दिया. किंतु अभी तक कचरा डिपों से उठने वाली जहरीली गैस को रोकने के लिए किसी तरह का कोई उपाय या योजना मनपा ने नहीं बनाई.

कोरोना काल में भी धुएं से हुई परेशानी
ज्ञात हो कि जिस वक्त कोरोना काल शुरू था. उस समय डॉक्टरों व स्वास्थ विभाग की ओर से नागरिकों को मुंह पर कपडा बांधने की सलाह दी जाने के साथ ही धुल, धुआं आदि से बचने की हिदायत दी गई थी. मगर इसी दौरान मनपा कि ओर से कंपोस्ट डिपो से उठने वाले जहरिले गैस को रोकने के लिए किसी तरह का कोई प्रबंध नहीं किया गया था. वही तात्पुरता के लिए कुछ दिनों तक दमकल विभाग की दो तीन गाडियों से आग बुझाने का कार्य किया गया. मगर उससे भी कोई काम न बनने से आग बुझाने के कार्य को बंद कर दिया गया. लेकिन आज भी इस आग से धुआं और जहरीली गैस लोगों पर काल बन कर नाच रही है.

विशाल पहाड का लिया रुप
शहर के सुकली कंपोस्ट डिपो में शहर से रोजाना हजारों टन कचरा शहर के अलग अलग इलाकों से ट्रकों के जरीए लाया जाता है और कंपोस्ट डिपो में जमा किया जाता है. जिससे कचरे का विशाल पहाड निर्माण हो गया. कचरे से उठने वाली गंदी बदबू, धुआं व जहरीली गैस नागरिकों के स्वास्थ पर गंभीर असर कर रही है. मगर जिले व शहर के समाजसेवकों, जनप्रतिनिधियों तथा प्रशासन को नागरिकों के स्वास्थ की कोई सुध नहीं है. जिसके कारण नागरिकों में जनप्रतिनिधियों को लेकर नाराजगी दिखाई पड रही है.

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