अमरावती

राज्य सूचना आयोग के कार्यप्रणाली की गति कब बढेगी?

राज्य में 74 हजार मामले प्रलंबित

  • कानून के प्रभावी अमल के लिए कार्यप्रणाली में गति लाना जरुरी

अमरावती/प्रतिनिधि/ दि.३० – कोरोना संक्रमण के कारण राज्य सूचना आयोग का कामकाज अब धीमा हो गया है. इसका जोरदार फटका नागरिकों को लगा हैं. मई महिने के अंत में राज्य में तकरीबन 74 हजार मामले प्रलंबित थे. इन आंकडेवारी को ध्याम में रखते हुए कानून का प्रभावी रुप से अमल करने के लिए राज्य सूचना आयोग के कार्यप्रणाली की गति कब बढेगी, ऐसा सवाल उपस्थित किया जा रहा है.
प्रशासकीय यंत्रणा में त्रुटी के संदर्भ में सभी सामान्य नागरिक सवाल उठा सके और कामकाज में पारदर्शकता बढे, इस उद्देश्य से साल 2005 में सूचना अधिकार कानून को अस्तित्व में लाया गया. सूचना आयोग को प्रमुख रुप से शिकायत व व्दितीय अपील की जाती है. मई 2020 के अंत में राज्य में प्रलंबित शिकायतें व प्रलंबित व्दितीय अपील की संख्या कुल 59 हजार 293 थी. कोरोना महामारी के समय में आयोग के कामकाज की गति धीमी हो गई. जिसके चलते मई 2021 में अपील की संख्या बढकर 74 हजार 240 पर पहुंच गई. सालभर से प्रलंबित मामलों में 14 हजार 947 से बढोतरी हुई है.

  • अमरावती में घटीत मामलों की संख्या

बृहमुंबई, नागपुर व कोकण खंडपीठ को छोडकर अन्य विभाग में प्रलंबित अपील शिकायतों की संख्या बहुत अधिक है. राज्य में सबसे अधिक प्रलंबित मामले पुणे कार्यालय अंतर्गत है. मई के अंत में पुणे में 17 हजार 772 मामले प्रलंबित थे. सालभर में पुणे के प्रलंबित मामलों की संख्या 3 हजार 374 से बढी है. औरंगाबाद में सबसे अधिक यानी 6 हजार 354 प्रलंबित मामले बढे है. मई के अंत में वहां 14 हजार 258 मामले प्रलंबित थे. अमरावती के प्रलंबित मामले कम हुए थे. मई 2021 के अंत में 9 हजार 304 मामले थे. मई 2021 में वह संख्या 9 हजार 136 पर पहुंच चुकी है.

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