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लोगों को जब भी जररुत पड़ती है तब महादेव अपनी कृपा का भंड़ार खोलते है

जयस्वाल परिवार द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा का आज से हुआ शानदार आगाज

* पं.प्रदीप महाराज मिश्रा के अनमोल वचन
* एक लोटा जल सभी समस्याओं का हल का नारा लगाया भक्तोें ने
* 1 लाख भक्तोें ने लिया भोजन प्रसादी का आनंद
परतवाड़ा/दि.6- देवा दी देव महादेव संसार में सबसे बड़े है वे महादेव है जब कभी भी संसार में भक्तों को उनके चाहने वालों को उनकी कृपा, उनके आशिर्वाद की जरुरत पड़ती है बाबा कृपा का भंडार खोलते है. ऐसा प्रतिपादन आज पंडीत प्रदीप मिश्रा ने किया. कथा का आज पहला दिन था, कथा का आरंभ सुबह 9.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक चली. कथास्थल भक्तों से खचाखच भरा हुआ दिखाई दिया. इतना ही नहीं तो पंड़ाल के बाहर तक लोगों की भारी भीड़ रही.
बता दे कि, स्व.श्री नंदकिशोर बलबद्रलालजी जयस्वाल व देवकाबाई स्व. नंदकिशोरजी जयस्वाल की स्मृति में तथा कथा आयोजक ओमप्रकाश जी जयस्वाल, प्रकाशजी जयस्वाल, मंगलेशजी जयस्वाल, मुख्य नियोजक अजय मोरय्या, एड.अमोल जयस्वाल, सचिन जयस्वाल कलमेश्वरवाले, दिलीप जयस्वाल, शशिकांत जयस्वाल इनके मार्गदर्शन में परतवाड़ा शहर के सावली मार्ग पर स्थित विजयश्री पार्क के पिछे आज से भव्य पैमाने पर कथाकार पं.प.पुज्य प्रदीपजी मिश्रा (सिहोरवाले) की मधुर वाणी में श्री शिवमहापुराण कथा का शुभारंभ हुआ है. जो परतवाड़ा शहर के लिए एक अभूतपूर्व अनुभव साबित हो रहा है. पुरे 100 एकड़ की जमीन पर आयोजित यह आयोजन शहर में एक नया इतिहास रच रहा है. कथा के पहले दिन पंडीत प्रदीप महाराज मिश्रा ने कथा का आरंंभ करते हुए बाबा महादेव का गुणगान गाते हुए भक्तों को बाबा की महिमा बताई. एक लोटा जल सभी समस्याओं का हल के नारों से सारा पंड़ाल गूंज उठा.
कथा के पहला दिन बाबा भालेनाथ की महिमा
कथा में पंड़ीत मिश्रा ने देवश्री नारदजी कैसे बाबा भोलेबाबा को भूलकर सभी से मदद मांगते है और अंत में जब बाबा भोले के पास जाते है तो बाबा फट से कहते है अरे देवश्री नारद आप यहां कैसे बोलो क्या कष्ट है. जिस पर देवश्री नारद को पता चलता है कि, बाबा भोलेनाथ कैसे सभी का दुख जल्दी से समझ जाते है. कथा का पहला दिन था और भोलेबाबा के भक्तों का उत्सास चरम सीमा पर था. एक लोटा जल सभी समस्याओं का हल और भोले बाबा के जयकारों से सारे भक्त भावविभोर होते दिखाई दिये. पंडीत मिश्राजी ने आगे बताया कि, किसी के कष्ट को मिटाना है तो भोलेबाबा उसे शिवपुराण में बुलाता है. शिवालय तक पहुंच गये तो समझो शंकर ने बुलाया है तभी तुम पहुंचते हो. जब आपको हिचकी आती है तो सभी कहते है मुझे मेरी बेटी, बेटे ने याद किया, कभी नहीं कहते कि, सिहोर वाला बाबा याद कर रहा है, कुबरेश्वर धाम वाला याद कर रहा अब कभी भी हिचकी आये तो कहना कि, मेरा भाई सिहोरवाला बाबा याद कर रहा है, यह बात सुनकर सारे भक्त खिलखिलाकर हंसने लगे.
15 मई से रुद्राक्ष का वितरण
बाबा ने आगे बताया कि, 15 मई से सुबह 10 से शाम 5 बजे तक सिहोर में रुद्राक्ष का वितरण हो रहा है. जिसका आप आनंद ले. साथ ही उन्होने कहा कि, सिहोर में एक वृद्ध महिला पंधरा दिन से आयी थी जो जा ही नहीं रही थी, हमारे लोगों ने आकर बताया कि वो नहीं जा रही फिर हमने जाकर पूछा तो बोली मायके आये है साडी कौन देगा. यह श्रद्धा है बाबा के प्रति भक्तोें की. जिसे हमें बरकरार रखना है. आगे ऐसे ही कथा में पंडीतजी ने कहा हर कोई अच्छी जगह जाना चाहता है. कोई कभी स्मशान नहीं जाना चाहता बल्कि जीवन का सत्य यह है कि, अंत में वहीं जाना होता है. एक पति ने अपनी पत्नी को कहा शादी की सालगिरह पर स्मशान जायेंगे, जिस पर पत्नी ने बोला पागल हो क्या वहां कौन जाता है जिस पर पति बोला पगली अंत में वहीं जाना होता है जीवन का सत्य वहीं है.
बाबा रखता है आपका हिसाब
पंडीत मिश्राजी ने आगे काशी विश्वेश्वर धाम की महिमा भी सुनाई वहां के जल का महत्व बताया. साथ ही कहा कि, शिव महापुराण कथा कहती है तिरथ पर जाना कल्याण होगा जहां जाये वहां से कुछ भी ला सकते है मगर काशी से नदी का जल ना लाये और लाये तो शिवजी को चढाकर लाये बाबा की आज्ञा से लाये उसका महत्व भी वे यहां बता गये. पंड़ीत प्रदीपजी मिश्रा ने कथा के आयोजक ओमप्रकाश, प्रकाश जी को धन्यवाद देते हुए कहा कि, आपने आपके माता-पिता के स्मृति में इतना बड़ा आयोजन किया वह सबके लिए वरदान साबित होगा. मैं आपका इस आयोजन के लिए धन्यवाद देता हूं. आपके माता-पिता पुण्यवान आत्मा है जिनके प्रताप से यह सब हो रहा है. साथ ही वे बोले कि, आप जो भी जितना भी कमाते हो उसका हिसाब घरवालों के पास रहेगा मगर जो लोग भक्तों की सेवा करेंगे उसका हिसाब भोले बाबा के पास रहेगा. अच्छे कर्मो का हिसाब भोले के पास रहेगा. जिस प्रकार घर का व्यक्ति सब देखता है, चुपचाप रहता है, मगर जब जरुरत पड़ती है तब तिजोरी का ताला खोलकर मदद करता है. वैसे ही भोले बाबा सबकी जरुरत पड़ने पर मदद करता है, हम पर कृपा लुटाता है. भक्तों को जब-जब जरुरत पडी तब देवा दी देव महादेव ने अपने कृपा का भंड़ार खोलकर भक्तों पर लुटाया है. इस वक्त सारे भक्त
बाबा बडा है दयालु भोले नाथ डमरुवाला
जिसके गले विषधारा काला निलकंठ वाला,
भोलेनाथ बाबा बड़ा है दयालु भोलेनाथ डमरुवाला
इस भजन पर सारा पंड़ाल जो भकतों से खचा खचा भरा वो झुम उठा.
साथ ही भोला सब दुख काटों म्हारा… की लय पर सारे भक्त झुम उठे.
भक्तों के साथ हुए चमत्कार
इसी बीच पंडीत मिश्राजी ने एक बेटी के गर्भाशय में गठान की बात बताते हुए उनका पत्र पढा. बुलढाणा जिले के मेहकर तहसील से मिनाक्षी किशोर सोलकर यहां आई थी उन्होने पत्र में लिखा था गुरुजी मेरे हार्ट में छेद था. 2017 में ऑपरेशन किया तीन महिने ठीक रही. उसके बाद सुजन रही सात साल तक इलाज किया मगर आराम नहीं फिर डॉक्टर को बताया तो वे बोले कि बच्चे दानी पर गठान है गठान निकालना जरुरी है. डॉक्टर ने ऑपरेशन का कहा फिर में घर आई पडोसन के कहने पर शिवपुराण की कथा सुनी, मेरे रिश्तेदारों ने कहां सिहोरा वाला महाराज कहता है कि शिवपुराण की कथा सुनों, जहां कथा होती है वहां की रज शरीर पर लगाना चाहिए सब ठीक होता है तब आपकी कथा चालीस गांव में होे रही थी. वहां पहुंचने के बाद खडे-खडे कथा सुनना नहीं हो रहा था, दुसरे दिन बैठकर सुनी. बाबा को कहा तुम्हारे भरोसे आई हूं तब भालेबाबा पर भरोसा किया तिसरे दिन बैठकर कथा सुनी. चौथे दिन, पांचवे भी सुनी और फिर क्या दिन पेट दर्द दूर हुआ. फिर अस्पताल में गई तो डॉक्टर ने कहा कि तुम्हारे पेट की गठान गायब हो गई जो है वो तेजी से कम हो रही है यह चमत्कार सुनकर सारे भक्त भावविभोर हो गये. इस महिला ने हाथ हिलाकर अभिवादन किया और बाबा के पास जाकर उनका आशिर्वाद लिया.
इसके साथ ही मंजू सचिन लोखंडे नामक महिला की 2013 में शादी हुई थी.परंतु संतान नहीं थी. 2 जून 2013 को शादी हुई संतान नहीं थी जिससे लेकर काफी परेशान थी. बाबा की कथा में सुने मुताबिक बैसाख के महिने में मिट्टी के बर्तन का जल चढाना शुरु किया और 29 अगस्त 2023 को संतान की प्राप्ती हुई. यह चमत्कार भी भक्तों के लिए काफी रोमांचकारी रहा. उसी तरह जिले के अंजनगांव सुर्जी तहसील में आनेवाले विहीगांव निवासी संगीता बावणे को फोर्थ स्टेज का कॅन्सर था उनके पेट में पांच लीटर पानी भरा था. चिठ्ठी में लिखा था कि, मुझे फोर्थ स्टेज का कॅन्सर ऑपरेशन हुआ मगर कॅन्सर खत्म नहीं हुआ, गठाने बहोत थी. डॉक्टर ने कहा इनका किमो करना होगा क्योंकि ऑपरेशन नहीं हो सकता अगर हुआ भी तो युरिनर निकालना पड़ेगा, फोर्थ स्टेज का कॅन्सर वापिस आ गया. मगर फिर उनकी बेटी ने पशुपतिनाथ का व्रत किया उनकी बेटी जल लाती उन्हें पिलाती पांच पशुपतिनाथ व्रत हो गये फिर डॉक्टर को बताया तब डॉक्टर ने ऑपरेशन करने कहा था तो उन्हें बताने गये. उसी समय उनकी बेटी ने कहीं से रुद्राक्ष लाया उसका पानी पिया डॉक्टर भी कहता है कहीं ओर से दवाई ले रही हो, उनकी गठाने ठीक हो रही है. यह सुनकर बाबा को प्रणाम किया और यह चमत्कार सुनकर सभी भक्तों की आंखे नम हो गई. भोलेनाथ दया करता है मै तेरे भरोसे हूं. मेरा बाबा दया करना कहते हुए बाबा का महिला ने धन्यवाद अदा किया.
इसके बाद पंड़ीतजी ने एक पत्र पढ़ा जिसमें लिखा था मेरा नाम श्वासा अनिल पाटे, बोदवड़ से आई बोदवड की शाला में प्राध्यापिका पद पर कार्यरत हूं. आापकी शिवमहापुराण की कथा काफी दिन से सुन रही हूं. शिवजी की कथा सुनना शुरु किया तब मुझे लगा कि मेरी बेटी के लिए प्रार्थना करना चाहिए. क्योंकि उनकी बेटी अमेरिका में रहती है जिसे एक बेटा हुआ उसके बाद संतान नहीं हुई. तब आकडे की जड़ बांधने को बेटी को कहा. उसने कहा कि, मैं अमेरिका में कहां से लाऊंगी तब इस महिला ने दामाद के दोस्त के हाथ से आंकडे की जड़ भेजी उनकी बेटी ने अमेरिका के शिव मंदीर में जाकर प्रयोग किया. मगर दो महिेने हो गये लाभ नहीं हुआ उनकी बेटी हंसने लगी और कहा कि किसी भी बाबा के चक्कर में फंस जाती है. मगर बेटी को तीन माह तक विश्वास करने को कहा इस बीच 7 अक्तूबर 2023 को उनको संतान हुई. बेटी के घर दुसरे संतान के रुप में बेटी आई है जिसका नाम बिल्वा रखा. क्योंकि वे बेलपत्री शिवजी पर चढ़ाती थी. इसके साथ ही उनके बेटे को कम सैलेरी थी, अच्छा जॉब नहीं था बेटे को शिवजी पर जल चढाने बोला. आज उनका बेटा इन्फोसेंस कंपनी में काम करता हैं ऐसी बात उन्होने कही. ऐसे चमत्कार सुनकर सारे भक्त आश्चर्यचकीत हो गये.
मतदान का महत्व बताया
पंड़ीत प्रदीप महाराज मिश्रा ने इस समय कथा के दौरान मतदान का महत्व बताया. लोग कहते है धुप है गर्मी है हम नहीं जायेंगे. मगर फिर आज उंगली पर साही नहीं लगाई तो फिर पांच साल उंगली मत उठाना. आज कुछ नहीं किया तो आगे कुछ नहीं हो रहा ऐसा आरोप मत लगाना और एक वोट सनातन के लिए ऐसा कहते हुए सभी को मतदान का महत्व बताया.
जयस्वाल परिवार व शहर के मान्यवरों ने की आरती
कार्यक्रम के अंत में इसरजी और गौराजी की जिवंत झांकी का स्वागत कर पंडीतजी ने आशिर्वाद दिया. साथ ही इस समय पुरे जयसवाल परिवार ने आरती की. साथ ही पंडीतजी ने ओमप्रकाश नंदकिशोरजी सीमा ओमप्रकाशजी जयस्वाल जयस्वाल परिवार को मंच पर आमंत्रित किया और साथ ही शहर के मान्यवरों ने आरती की.
शहरवासियों से किया कथा श्रवण करने का अनुरोध
परतवाड़ा शहर पुरी पहाडियों से घिरा शहर है, यह संतों की नगरी है यहां गुलाब बाबा, संत गाडगे बाबा जैसे संत हो गये जिनके चरणस्पर्श से पावन हुई धरा को हम नमन करते है. यहां की धर्ती पर जयस्वाल परिवार द्वारा शिवमहापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है, यह काफी सौभाग्य की बात है. हम यहां की जनता से निवेदन करते है कि, कथा का समय सुबह 9.30 से दोपहर 12.30 तक है सभी भक्त कथा सुने और फिर 12.30 के बाद दुकान खोले, अपने काम करे. कथा स्थल पर लोगों की मदद करे, लोगों को पानी पिलाये, घर से बेसन रोटी बनाकर लाये, भक्तों को खिलाये. पुरे परतवाड़ा को निवेदन करते है बाबा रोज तुम्हारे दरवाजे पर नहीं आता है. बैसाख माह में पुण्य करने का सौभाग्य मिल रहा है जिसमें शामिल हो और सबकी सेवा करे.
पंड़ीतजी के ठीक होने के बाद पहली कथा परतवाड़ा में
पंडीत प्रदीप मिश्रा ने सभी भक्तों को कहा कि, आप बड़े भाग्यशाला ही सोमवार हर माह की शिवरात्री पर हमारे ठीक होने के बाद की पहली कथा परतवाड़ा में हो रही है आप पक्की किस्तम लिखाकर लाये है यह कहने पर सारा पंडाल खुशी से हंसने लगा. इस पर पंडीतजी ने कहा कि तुमसे ज्यादा हमें प्रसन्नता हो रही है कि यह कथा मासिक शिवरात्रि पर सोमवार के दिन हो रही है. इससे बड़ा चमत्कार क्या होगा हम भी इतनी बड़ी समस्या से अभी ठीक हुए जिसमें बोल बम का नारा है भोलनाथ प्यारा है.
एक लोटा जल सारी समस्याओं का हल कहते हुए सारा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गुंज उठा.
सभी समितियां कर रही उम्दा कार्य
पंडीत प्रदीप महाराज मिश्रा की कथा का आनंद लेने 1 से डेढ लाख से अधिक भक्त पंडाल में पहुंचे. जिसमें परतवाड़ा, अचलपुर के साथ-साथ आस पास के गांव खेडों से भी आये भक्तों का समावेश है. कई लोग मुंबई, दिल्ली, पुना, जालना, धुले न जाने कितने गांव से यहां पहुंचे है. इन सभी भक्तोें के लिए सभी सेवाधारी दिन रात काम में जुटे है. सभी समितियां अपनी अपनी तरफ से सेवा प्रदान कर लोगों को राहत दे रहे है. भोजन समिति का कार्य अत्यंत ही प्रशंसनिय साबित हो रहा है. जिसकी सभी तारीफ करते नजर आये सुबह से ही भोजन का कार्यक्रम आरंभ हुआ. यहां लगभग 1 से डेढ लाख भक्तों ने भोजन का आनंद लिया और भोजन दान का कार्य दिन-रात अविरत जारी है.

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