चुनाव लडने के शेष इच्छुक अब कहां है?
कोई तटस्थ बैठा है, कोई खुले तौर पर प्रचार कर रहा
अमरावती /दि.22– लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले लगभग सभी राजनीतिक दलों में टिकट पाने के लिए एक से अधिक दावेदार थे. जिसमें से कुछ दावेदारों ने तो अपने-अपने स्तर पर मोर्चाबंदी करते हुए निर्वाचन क्षेत्र में तैयारी भी करनी शुरु कर दी थी. लेकिन इन दावेदारों में से किसी एक को ही पार्टी द्वारा टिकट दी गई. जिसके चलते टिकट मिलने से वंचित रहने वाले कुछ दावेदारों ने अपनी नाराजगी जताते हुए तटस्थ रहना स्वीकार किया. वहीं कुछ दावेदारों ने पार्टी के आदेश को स्वीकार करते हुए पार्टी प्रत्याशी का प्रचार करना शुरु कर दिया. वहीं कुछ ने बगावत करते हुए पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ अपनी दावेदारी पेश कर दी. इस तरह का चित्र फिलहाल अमरावती जिले में दिखाई दे रहा है.
ज्ञात रहे कि, अमरावती संसदीय क्षेत्र के चुनाव हेतु कई पार्टियों में चुनाव लडने के इच्छुक विगत एक वर्ष से तैयारियों में जुटे थे. जिनमें भाजपा से नवनीत राणा व सिद्धार्थ वानखडे, कांग्रेस से दर्यापुर के विधायक बलवंत वानखडे व पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी किशोर बोरकर, शिवसेना उबाठा से दिनेश बूब, शिंदे गुट वाली शिवसेना सेे पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल तथा वंचित बहुजन आघाडी से पार्टी के जिलाध्यक्ष शैलेश गवई आदि का नाम चर्चा में चल रहा था. इसमें से कई लोगों के हिस्से में दावेदारी नहीं आयी, तो इनमें से कुछ इच्छुकों ने पार्टी के आदेश को मान्य कर लिया. वहीं किसी ने दूसरी पार्टी में प्रवेश करते हुए अपनी दावेदारी पेश कर दी. साथ ही कोई न विरोध न समर्थन की भूमिका अपनाते हुए पूरी तरह से तटस्थ हो गया.
* किशोर बोरकर
कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारी किशोर बोरकर ने अमरावती संसदीय सीट हेतु कांग्रेस की टिकट के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी. लेकिन पार्टी द्वारा विधायक बलवंत वानखडे को अपना प्रत्याशी बनाया गया. जिसके चलते बोरकर की कुछ हद तक नाराजगी हुई थी. लेकिन इसे परे रखते हुए वे पूरी ताकत के साथ पार्टी प्रत्याशी वानखडे के प्रचार ेमें जुट गये है.
* अभिजीत अडसूल
शिंदे गुट वाली शिवसेना की ओर से पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल ने लोकसभा चुनाव हेतु अपनी दावेदारी पेश की थी. किंतु भाजपा सेना महायुति के तहत अमरावती संसदीय सीट भाजपा के हिस्से में चली गई और भाजपा द्वारा नवनीत राणा को उम्मीदवारी दी गई. जिसके चलते फिलहाल अडसूल पिता पुत्र पूरी तरह से तटस्थ दिखाई दे रहे है.
* शैलेश गवई
वंचित बहुजन आघाडी ने अमरावती संसदीय क्षेत्र में रिपब्लिकन सेना के प्रत्याशी आनंदराज आंबेडकर को समर्थन घोषित किया है. वहीं पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रा. शैलेश गवई ने पार्टी की भूमिका के खिलाफ जाते हुए आंबेडकरी समाज के वोटों विभाजन टालने हेतु महाविकास आघाडी की ओर से कांग्रेस प्रत्याशी रहने वाले बलवंत वानखडे को समर्थन घोषित कर दिया है. जिसके चलते शैलेश गवई एवं उनके अन्य कुछ समर्थकों को वंचित बहुजन आघाडी ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
* दिनेश बूब
शिवसेना के साथ हमेशा ही निष्ठावान रहने वाले दिनेश बूब ने अमरावती संसदीय सीट हेतु शिवसेना उबाठा से टिकट मांगी थी. परंतु हमेशा ही शिवसेना के हिस्से में रहने वाला यह निर्वाचन क्षेत्र इस बार कांग्रेस के हिस्से में दे दिया गया. जिससे संतप्त हुए दिनेश बूब ने अपना अलग रास्ता पकड लिया है और उन्हें विधायक बच्चू कडू की प्रहार जनशक्ति पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाते हुए मैदान में उतार दिया.