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एक जैसा कपास लाए कहां से!

कॉटन व्यवसायी पनपालिया का प्रश्न

* बीआईएस गुणवत्ता का नियम रद्द करें
अमरावती/दि.31- विदर्भ कॉटन असो. के तगडे विरोध की वजह से सरकार ने कपास गांठ गुणवत्ता नियंत्रण कानून 1 वर्ष के लिए स्थगित कर दिया है. किंतु इसे रद्द करने की मांग अमरावती के कपास कारोबारी अनिल पनपालिया ने की है. अमरावती मंडल से खास बातचीत में पनपालिया ने बताया कि जिनर्स देश में ही कपडा मिलों को गांठें बेचते हैं. देश में एक जैसा कपास नहीं होता. एक ही पौधा चार-पांच बार कपास देता है. हर बार उसकी क्वॉलिटी अलग तरह की होती है. सरकार को कानून रद्द कर देना चाहिए.
* किसान आएंगे संकट में
पनपालिया ने बताया कि बीआईएस की शर्त से कपास उत्पादक किसान दिक्कत में आएंगे. उन्हें पता है कि एक जैसी बोंड किसी पौधे पर नहीं आती. सरकार समझ नहीं रही और भारतीय मानक का दमनकारी नियम ला रही है. इसका सीधा असर किसानों पर पडेगा. लिहाजा सरकार को बीआईएस की शर्त रद्द कर देने की मांग उन्होंने की.
* कल से बैठक, होगी चर्चा
अमरावती के जिनर्स के साथ कल से बडनेरा रोड के महेश भवन में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित किए जाने की जानकारी देते हुए पनपालिया ने बताया कि कपास फेडरेशन को गांठें बेचने अथवा न बेचने के बारे में विचार कर निर्णय किया जाएगा. उन्होंने कहा कि विदर्भ के जिनर्स देश में ही कपडा मिलों को गांठे बेचते हैं. सरकार को बीआईएस शर्त निर्यातकों पर लगाना चाहिए. बैठक में विदर्भभर के जिनिंग संचालक शामिल होंगे. अमरावती के इब्राहिम मंसूरी, आयुष नेमानी, राजूसेठ पमनानी, अनूप राठी, शंकर आहूजा और अन्य 60-70 जिनर्स, व्यवसायी सहभागी होंगे. उन्होंने बताया कि कपास के एक पौधे पर 5 से 6 बार बोंड आते हैं. बार-बार चुनना पडता है. पहली बार की गुणवत्ता और फिर हर बार गुणवत्ता गिरती है. छोटे किसान सारा माल एक ही जगह पर रखता है और गाडी में लादकर बेचने लाता है. वहां कैसे गुणवत्ता देखी जाए, यह भी सवाल है.

* एक जैसा बीज दें
पनपालिया ने कहा कि बीआईएस शर्त लगाने से पहले सरकार को पूरे देश में एक जैसा बीज सुनिश्चित करना होगा. बीज की तरफ ध्यान देने पर भी भारतभर में एक ही क्वॉलिटी का कपास होगा.

* तब बेकार गया था 70 प्रतिशत माल
पनपालिया ने बताया कि 4 वर्ष पूर्व कपास पर गुलाबी बोंड इल्ली का भारी प्रकोप हो गया था, जिससे माल बेहद खराब हो गया. इतना कि 70 प्रतिशत माल किसी काम में ही नहीं आया. किसान के पास एक जैसी गुणवत्ता नहीं रहने पर वह माल कैसे और कहां बेचेगा, यह प्रश्न भी पनपालिया ने उपस्थित किया.

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