जहां सहज प्रवेश, वहां लॉटरी की जरुरत क्यों
पहले की तरह निजी अंग्रेजी शालाओं में आरटीई प्रवेश देने की हो रही मांग
अमरावती/दि.25– शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरु हो चुकी है. जिसके तहत अभिभावकों को 30 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत करने की अवधि दी गई है. परंतु नये नियमों के मुताबिक प्रवेश हेतु रहने वाली शर्तों की वजह से अभिभावकों की द्वारा संतप्त प्रतिक्रिया दी जा रही है. जिसके तहत पूछा जा रहा है कि, जिन शालाओं में जाने के बाद तुरंत ही प्रवेश मिल जाता है. उसके लिए ऑनलाइन एवं लॉटरी की प्रक्रिया से जाने की क्या जरुरत है.
इस बार आरटीई प्रवेश हेतु प्रशासन ने जिले की एक हजार 997 शालाओं को प्रकिया के लिए पात्र ठहराया है. इन पात्र शालाओं में आरटीई प्रवेश हेतु कुल 22 हजार 401 सीटें उपलब्ध है. नये नियमों के अनुसार विद्यार्थियों के घर से 1 से 3 किमी के दायरे में यदि कोई जिला परिषद मनपा अथवा निजी अनुदानित शाला रहती है, तो संबंधित विद्यार्थी को उसी शाला में आरटीई के जरिए प्रवेश लेना अनिवार्य किया गया है. साथ ही घर के आसपास 1 से 3 किमी के दायरे में अनुदानित शालो उपलब्ध नहीं होने पर ही संबंधित विद्यार्थी बिना अनुदानित शाला में प्रवेश हेतु पात्र माना जाएगा.
उल्लेखनीय है कि, आरटीई प्रवेश हेतु पात्र रहने वाले प्रत्येक विद्यार्थी के अभिभावक की इच्छा व अपेक्षा होती है कि, उनके पाल्यों को आरटीई के तहत अच्छी शैक्षणिक व्यवस्था रहने वाली निजी अंग्रेजी शाला में प्रवेश मिले. वहीं दूसरी ओर मराठी शालाओं को पटसंख्या के लिए भी आवश्यक विद्यार्थी नहीं मिलते समय उन शालाओं में आरटीई के तहत प्रवेश की प्रक्रिया चलाये जाने को लेकर अभिभावकों द्वारा अपना संताप व्यक्त किया जा रहा है और साथ ही पूछा जा रहा है कि, इन शालाओं में जाने के बाद तुरंत ही प्रवेश मिल सकता है. वहां पर प्रवेश के लिए ऑनलाइन व लॉटरी की प्रक्रिया से होकर जाने की क्या जरुरत है.