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कहां अटकी अमरावती-नागपुर मेट्रो

रेल बोर्ड को प्रस्ताव भेजे 4 माह बीत गए

* किराए पर हो रही माथापच्ची
अमरावती/दि.30- नागपुर से अमरावती, गोंदिया, वर्धा तक मेट्रो ब्रॉड गेज चलाने का प्रस्ताव रेल बोर्ड की उदासीनता से चार माह से अटका पडा हैं. अभी तो प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली जिससे इस सुविधा के क्रियान्वयन को लेकर न जाने कितना समय लगेगा, इस तरह की चर्चा हो रही हैं. सूत्रों की माने तो किराए को लेकर खीचतान हो रही हैं. पहले केेवल 40 पैसे प्रतिकिलो मीटर का लाभ रेलवे को होना था अब यही आंकडा डेढ से दो रुपए करने का प्रस्ताव आया हैं. बढे हुए किराए के प्रस्ताव के कारण ही मामला अटका होने की चर्चा हैं. ब्रॉड गेज मेट्रो रेलवे प्रकल्प नागपुर में ही बाधाएं आने से उसके ठंडे बस्ते में जाने की भी अटकले लग रही हैं.
* कैसा था प्रस्ताव
नागपुर मेट्रो ब्रॉड गेज पर चलाकर आसपास के बडे स्टेशन वर्धा, गोंदिया, अमरावती तक ट्रेन सेवा चलाने का प्रस्ताव बनाया गया था. रेलवे ने निजी कंपनियों के माध्यम से यह सेवा शुरु करने की सोची थी. मगर विदर्भ के उद्योजक से करार की योजना फेल हो गई. फिर रेलवे बोर्ड से ब्रॉड गेज मेट्रो हेतु प्रस्ताव दिया गया. यह प्रस्ताव भेजे काफी समय हो गया है, अब तक उस पर निर्णय नहीं हो पाया हैं.
* वंदे भारत के कोच
रेलवे बोर्ड को भेजे गए प्रस्ताव में अमरावती और अन्य शहरों के लिए नागपुर सेवा शुरु करने वंदे भारत के जैसे कोच उपलब्ध किए जाने थे. जिससे कोच की लागत, राजस्व का बटवारा इन बातों को लेकर टिकट दर और काम की जिम्मेदारी के संबंध में महामेट्रो ब्रॉड गेज प्रोजक्ट को अंतिम रुप देकर ड्रॉफ्ट एमओयू बनाया गया. वह रेल बोर्ड को भेजा गया हैं अब तक निर्णय नहीं हुआ हैं. जबकि अमरावती सहित आसपास के लोग इंतजार कर रहे हैं.
* कितना समय लगेगा
रेल बोर्ड व्दारा प्रस्ताव को अब तक मंजूरी नहीं देने अथवा उस पर कोई निर्णय नहीं होने की सूरत में अनेक प्रकार की चर्चा चल रही हैं. जबकि सबसे पहले यह प्रस्ताव केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और तत्कालीन रेलवे मंत्री पीयूष गोयल के दौर में सामने आया था. अभी भी प्रस्ताव पर निर्णय नहीं हुआ हैं. रेलवे अधिकारी और मेट्रो अधिकारी एक दूसरे की तरफ इशारा कर रहे हैं.

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