* अनिल खडसे ने पहले ही कर दिया था सरेंडर
* डिजिटल हस्ताक्षर का दुरुपयोग कर 1 करोड रुपए की धोखाधडी का मामला
अमरावती/ दि.14- धारणी तहसील के 6 ग्रामपंचायत के सरपंच, सचिव के डिजिटल हस्ताक्षर का दुरुपयोग कर करीब 1 करोड रुपए की धोखाधडी करने वाले दो ठगबाजों में से मुख्य ठगबाज अनिल खडसे ने अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था. फिलहाल वह जिला मध्यवर्ती कारागृह की सलाखो के पीछे मेहमानी कर रहा है. परंतु इस मामले में दूसरा आरोपी सिध्दार्थ मनोहरे अपराध दर्ज होने के बाद से फरार है. आखिर वह कहा लापता हुआ, इसका सुराग अब तक पुलिस को नहीं लग पाया. पुलिस उसे ढुंड ढुंडकर थक गई.
करीब सवा चार माह से फरार होने के कारण तहकीकात कर रहे पुलिस यंत्रणा के सामने भी सिध्दार्थ गया कहा, ऐसा प्रश्न उपस्थित हुआ है. स्थानीय अदालत समेत मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने भी उसकी गिरफ्तारी से पूर्व अग्रीम जमानत खारीज कर दी. खडसे के बाद मनोहरे भी आत्महसमर्पण करेगा, ऐसी उम्मीद आर्थिक अपराध शाखा पुलिस को थी. परंतु उस उम्मीद पर भी पानी फिर गया. मनोहरे की शहर, जिला व दूसरे राज्य में भी तलाश की गई. इस मामले का मास्टरमाईंड रहने वाले अनिल खडसे ने इसमें उसका कोई दोष नहीं, सबकुछ कर्ताधर्ता मनोहरे है, ऐसा आरोप लगा दिया था. अब पुलिस आज भी मनोहरे की तलाश में है.
ऐसा था मामला
धारणी तहसील के 6 ग्रामपंचायत के सरपंच व सचिव के डिजिटल हस्ताक्षर के सहारे हेराफेरी करने के मामले में अमरावती सिटी कोतवाली पुलिस ने 2 मार्च को अमरावती के अनिल खडसे व अंजनसिंगी के सिध्दार्थ मनोहरे के खिलाफ धोखाधडी का उपराध दर्ज किया था. राज इम्फ्राटेक के संचालक अनिल खडसे ने 25 अप्रैल को अदालत में आत्मसमर्पण किया था. धारणी के बैंक से 33 लाख और अमरावती ग्रामपंचायत के खाते से आरोपियों ने 64 लाख रुपए विड्राल कराये थे.
दोषारोपपत्र में मनोहरे के फरार होने का उल्लेख
इस मामले में तैयार किये गए दोषारोपपत्र में सिध्दार्थ मनोहरे अपराध दर्ज हुआ तब से फरार होने का उल्लेख किया गया है, ऐसा अदालत के समक्ष बताया गया हेै. मनोहरे को फरार घोषित करने की प्रक्रिया न्यायप्रविष्ठ है. उसकी पुलिस तलाश कर रही हेै.
– शिवाजी बचाटे, पुलिस निरीक्षक, आर्थिक अपराध शाखा