अमरावती/दि.21 – राज्य सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए ‘लॉकडाउन’ को 30 जनवरी तक लागू रखा गया है. जिसके मद्देनजर जिलाधीश कार्यालय द्वारा एक आदेश जारी किया गया है. जिसके तहत रात 10-11 बजे तक सभी व्यापारिक आस्थापनाओं को बंद किया जाना जरूरी है. जिनमें परमीट रूम व बीयरबार तथा होटल व रेस्टॉरेंट का भी समावेश है. किंतु इन दिनों शहर सहित ग्रामीण इलाकों के वाईन शॉप व बीयरबार में देर रात तक ‘चीअर्स’ का दौर चलता रहता है. साथ ही यहां पर अच्छीखासी भीडभाड का आलम रहता है. जिसकी वजह से कोरोना को लेकर स्थिति विस्फोटक हो सकती है.
ज्ञात रहे कि, इस समय कोविड वैक्सीन उपलब्ध हो गयी है, लेकिन बीमारी का खतरा अब तक खत्म नहीं हुआ है. ऐसा प्रशासन द्वारा बार-बार बताया जा रहा है. साथ ही कोरोना के संक्रमण को रोकने हेतु लॉकडाउन को समयावृध्दि देने के साथ ही कोविड प्रतिबंधात्मक उपायों को भी कडाई से लागू किया गया है. जिसके तहत शहर के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को रात 10 बजे तक और होटल-रेस्टॉरेंट तथा परमिट रूम व बार को रात 11 बजे तक बंद करने का आदेश जारी किया गया है. किंतु इस समय के बाद सभी परमिट रूम व बीयरबार के मुख्य प्रवेश द्वार तो बंद कर दिये जाते है, किंतु चोरी-छिपे तरीके से दूसरे रास्ते से ग्राहकों को प्रवेश दिया जाता है और देर रात तक जाम से जाम टकराने का सिलसिला चलता रहता है. जिसकी ओर एक्साईज व पुलिस महकमे द्वारा अनदेखी की जा रही है. इन दिनों अमरावती-बडनेरा मार्ग तथा पंचवटी-रहाटगांव मार्ग सहित शहर के विभिन्न हिस्सों में स्थित परमीट रूम व बीयरबार के समक्ष रात 12-1 बजे तक वाहनों की कतारे दिखाई देना बेहद आम बात हो गयी है. जहां पर इन आस्थापनाओं के मुख्य प्रवेश द्वार के शटर तो बंद रहते है, किंतु बार के भीतर व्यवसाय चलता रहता है.
उल्लेखनीय है कि, कई लोगबाग एकांत की खोज हेतु शहर के बाहर स्थित होटल व बीयरबार में जाते है और वहां से शराब पीने के बाद वाहन चलाते हुए घर लौटते है. इस दौरान सडक हादसे घटित होने की अनेकों घटनाएं हुई है. जिसके लिए मुख्य रूप से हाईवे पर देर रात तक चलनेवाले शराब खाने जिम्मेदार है. इस समय सबसे बडा सवाल यह है कि, जिलाधीश द्वारा लॉकडाउन को लेकर जारी आदेशों पर जिले में कडाई के साथ अमल क्योें नहीं हो रहा.
बंद शटर के सामने वाहनों की कतारें
बडनेरा, रहाटगांव, वलगांव व जुना बायपास स्थित होटल व बीयरबार के शटर रात 11 बजते ही बंद कर दिये जाते है, लेकिन इसके बावजूद रात 12-1 बजे तक इन बीयरबारों व होटलों के सामने वाहनों की कतारें लगी रहती है. ऐसे में पुलिस एवं प्रशासन ने इस बात का जवाब खोजना चाहिए कि, आखिर बंद दुकानों के सामने ग्राहकों की भीड क्यों है.
सरकारी कर्मचारियोें की भी भीड
जिलाधीश कार्यालय के पास स्थित तथा रेल्वे स्टेशन रोड पर स्थित परमीट रूम व बीयरबार देर रात तक चोरी-छिपे ढंग से चलते रहते है. जहां पर अधिकांश ग्राहक सरकारी अधिकारी व कर्मचारी ही होते है.
हादसों का प्रमाण बढा
राज्य एवं राष्ट्रीय महामार्ग पर देर रात तक होटल व ढाबे खुले रहते है. जहां पर जमकर शराब पीने के बाद कई लोगबाग वाहन चलाते हुए अपने घर लौटते है और वाहन चलाते समय अपना नियंत्रण खो बैठते है. जिसकी वजह से हाईवे पर सडक हादसों का प्रमाण बढ गया है.
भीतर से होती है शराब की डिलीवरी
ज्ञात रहेें कि, जिले में सभी वाईनशॉप को रात 10 बजे तक तथा बीयरबार व परमीट रूम को रात 11 बजे तक व्यवसाय करने की अनुमति है, लेकिन पीने-पिलाने के शौकीन लोग यह समय खत्म होते-होते ही अपने ‘इच्छित’ स्थलों पर पहुंचते है. ऐसे में संबंधित प्रतिष्ठानों द्वारा भी अपने ग्राहकों की ‘मर्जी’ का पूरा ध्यान रखा जाता है और चोरी-छिपे ढंग से उन्हें ‘माल’ की आपूर्ति की जाती है.
ड्रंकन ड्राईव अभियान भी अनियमित
पुलिस महकमे द्वारा कुछ विशिष्ट मौकों पर ड्रंंकन ड्राईव अभियान चलाया जाता है. जिसे नियमित तौर पर चलाये जाने की जरूरत है. क्योंकि सडकों पर शराब पीकर वाहन चलानेवाले लोग आम दिनों में भी दिखाई देते है. जिनसे सडक हादसे घटित होने की संभावना लगातार बनी रहती है.
- देर रात तक बीयरबार अथवा वॉईन शॉप को खुला रखना जिलाधीश के आदेश का उल्लंघन है. ऐसे में एक्साईज निरीक्षकों को ऐसे आस्थापनाओें के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये है. साथ ही मोबाईल दस्ते द्वारा भी लगभग सभी जगहों पर कार्रवाई की जा रही है.
– स्नेहा सराफ
प्रभारी अधीक्षक, आबकारी विभाग.