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कहां है तुषार भारतीय? क्या सचमुच राणा का काम नहीं करेगे!

कल बावनकुले भी मनाने में नाकामयाब रहें

अमरावती/दि.02– भारतीय जनता पार्टी के जिले के प्रमुख नेताओं में से एक और देवेन्द्र फडणवीस के खासमखास विधायक श्रीकांत भारतीय के भाई तुषार भारतीय इन दिनों भाजपा में राजनितिक रुप से कहीं भी सक्रिय दिखाई नहीं दे रहे है. पता चला है कि तुषार भारतीय भारतीय जनता पार्टी की अधिकृत उम्मीदवारी नवनीत राणा को दिए जाने से खासे नाराज है और उन्होनें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को पहले से ही जता दिया था कि वे नवनीत के उम्मीदवारी के खिलाफ है और यदि नवनीत को उम्मीदवारी मिलती है तो वे (तुषार भारतीय) उनका काम नहीं करेगें.

गौरतलब है कि इस लोकसभा चुनाव में अमरावती और बडनेरा दोनों विधानसभा क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है. भाजपा में इन दोनों विधानसभा क्षेत्र पर तुषार भारतीय की खासी पकड है. अमरावती महानगर पालिका की राजनिती में भी तुषार भारतीय सबसे बडे व अहम नेता है. तुषार भारतीय की राजनितीक महत्वकांशा है कि वे बडनेरा विधानसभा से विधायक का चुनाव लडे. लेकिन नवनीत राणा के भारतीय जनता पार्टी में आने से तुषार को अपना राजनितीक भविष्य खतरे में दिखाई दे रहा है. यह भी गौरतलब है कि तुषार भारतीय और रवी राणा की अदावत काफी पुरानी है. पिछले लोकसभा चुनाव के बाद रवी राणा के दायों-बायों ने तुषार भारतीय के घर पर हमला किया था. इस हमले से भारतीय की बहुत किरकिरी हुई क्योंकि अंदरबट्टे उस समय के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस नवनीत राणा के साथ थे और उन्होनें भाजपाईयों को टेलीफोन पर राणा का काम करने के आदेश दिए थे. लेकिन उस समय भी तुषार इसके लिए तैयार नहीं हुए और उन्होनें आनंदराव अडसुल का ही काम किया था.

पिछले 6 माह से अंदाज लगाया जा रहा था कि नवनीत राणा को ही भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवारी देकर कमल चुनाव चिन्ह थमाएगीं तथा कुछ अदृश्य शक्तियों के बल पर सुप्रीम कोर्ट में भी जात प्रमाण पत्र का विषय सुलटा दिया जाएगा. लेकिन तुषार भारतीय ने अपना विरोध नहीं छोडा और समय समय पर रवी राणा के खिलाफ हमला करते रहे. नवनीत राणा को उम्मीदवारी मिलने के दो दिन पहले भी तुषार भारतीय उस कंपू में सबसे आगे थे जिसने नागपुर जाकर नवनीत राणा का पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के पास जमकर विरोध किया. तुषार भारतीय को यह विश्वास था कि नवनीत राणा को उम्मीदवारी नहीं मिलेगी. लेकिन जिले की भाजपा सार्वजनिक रुप से नवनीत के खिलाफ जाते ही पार्टी के शीर्षस्थ नेताओं ने आनन फानन में नवनीत को पार्टी में प्रवेश कराने के पहले उन्हें अपनी उम्मीदवारी घोषित कर दी. नवनीत की उम्मीदवारी घोषित होने के बाद पार्टी प्रवेश के लिए जब जिले के सभी नेताओं को नागपुर बुलाया गया तो केवल तुषार भारतीय और उनके गुट का कोई नेता नागपुर नहीं गया. तुषार भारतीय के खासमखास पूर्व महापौर चेतन गावंडे भी उस समय नागपुर नहीं गए थे.

इसके बाद जब भाजपा कार्यालय में नवनीत राणा का प्रथम प्रवेश हुआ. तब भी तुषार भारतीय नदारद थे. जबकि इस कार्यक्रम में जिले के भाजपाई नेताओं में नवनीत की तारीफ करने की होड सी मची हुई थी. नवनीत के भाजपा में प्रवेश के बाद प्रथम बार पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले कल शाम अमरावती आए और उन्होनें शहर जिला भाजपा पदाधिकारियों की एक बैठक ली, जिसमें झाडपोंछ कर सभी भाजपा नेता उपस्थित थे. केवल तुषार भारतीय की अनुपस्थिती चर्चा का विषय बनी हुई थी.
हद तो तब हो गई जब तुषार भारतीय को मनाने के लिए चंद्रशेखर बावनकुले व चैनसुख संचेती स्वयं अपने दल बल के साथ तुषार के घर पहुंचे. यहां भी आधा घंटे चर्चा चली. मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में भी तुषार नवनीत राणा के फेवर में काम करने के लिए राजी नहीं हुए है. हमे जो जानकारी मिली है उसके अनुसार तुषार नवनीत के विरोध में भी काम नहीं करेगें. यह बता दें कि तुषार भारतीय रोज ग्रामीण भागों का दौरा कर रहे है. इस दौरे में तुषार भारतीय अपने समर्थकों, पार्टी पदाधिकारियों को क्या आदेश दे रहे है, इसका पता नहीं चल सका.

तुषार की क्या नाराजगी?
पार्टी विथ डिफरेंस और विश्व की सबसे बडी पार्टी भाजपा का मोदी के नेतृत्व में कोई नेता मोदी के चुनाव में ऐसा करेगा इस पर विश्वास करना थोडा मुश्किल है, लेकिन तुषार भारतीय और रवी राणा की अदावत किसी से छुपी नहीं है. ये एक दुसरे को मारने-पीटने की बयानबाजी भी कर चुके है. विकास कामों को लेकर भी दोनों कई बार आमने-सामने आ चुके है. तुषार भारतीय बडनेरा से विधानसभा चुनाव लडना चाहते है और उनका मानना है कि पार्टी निष्ठा यह उनकी संपत्ती है कमजोरी नहीं. कोई भी आएगा और टपली मार कर जाएगा, इतने हम कमजोर नहीं. तुषार यह भी मान रहे है कि वे नवनीत की उम्मीदवारी से नाराज नहीं दुखी है. नाराजगी दुर कर सकते है. लेकिन मन से हम दुखी हुए है वह कैसे होगा.

तुषार के अनुसार भाजपा की अन्य पार्टियों से एकदम भिन्न परंपरा है. हमारी निष्ठा पार्टी के प्रति है. जिस भाजपा कार्यालय पर राणा ने हमला किया, कार्यकर्ताओं को मारापीटा. हम जो काम मंजुर करते है, उन्हें रुकाने का प्रयास किया. प्रत्येक काम का श्रेय लुटने का काम किया. फिर हम किस बल पर ऐसे व्यक्ति के लिए काम करें. तुषार भारतीय सार्वजनिक रुप से भी रवी राणा पर कई बार हमला कर चुके है.

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