प्रतिनिधि/दि.२७
चांदूर बाजार- राज्य सरकार की ओर से करोडो का निधि उपलब्ध कराने के बावजूद भी चांदूर बाजार नगर परिषद की ओर से यहां पर पूरे शहर का कचरा लाकर डाला जा रहा है. वहीं पर प्रदूषण बडे पैमाने पर फैल रहा है. निधि का बीते एक वर्ष से उचित उपयोग न करते हुए जमीन में कचरे को दबाने का प्रयास किया जा रहा है. इस बारे में सामाजिक कार्यकर्ता गौरव भोवते ने ध्यानाकर्षण भी कराया था. बावजूद इसके कचरे को जमीन में दबाने का प्रयास अब भी चल रहा है. इसलिए तहसील में सरकार के स्वच्छता अभियान की पूरी तरह से धज्जिया उडाने का काम किया जा रहा है. यहां बता दे कि, चांदूर बाजार नगर परिषद क्षेत्र का पूरा कचरा जसापुर मार्ग पर स्थित प्लाट नं. १२/१ में जमा किया जाता है. यहां पर जमा कचरे के ढेर को जेसीबी की सहायता से जमीनों में गड्ढे कर घनकचरा दबाया जा रहा हे. समाजिक कार्यकर्ता गौरव भोवते की शिकायत पर काम रोका गया था. परंतु अब नगर परिषद द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उनको वर्ष २०१९ जून माह में राज्य सरकार के नगरविकास विभाग, स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत घनकचरा प्रबंधन प्रकल्प के लिए १ करोड ५७ लाख ८६ हजार १३४.७५ रुपए की निधि को मान्यता दी गई थी. चांदूर बाजार नगर परिषद के पास घनकचरा प्रबंधन के लिए १ करोड ५७ लाख ८६ हजार १३४.७५ रुपयों का निधि उपलब्ध होने पर भी बीते १ वर्ष से संग्रहित कचरे का प्रबंधन व विलिगीकरण को लेकर कोई भी उपाया योजना नहीं की गई है. इसके विपरित घन कचरा जमीन में दबाने का प्रयास करते हुए लाखों रुपए खर्च किए गए है.
डीपीआर के निर्माण कार्य विषयक के अलावा घनकचरा प्रक्रिया करने के लिए होने वाले कामों के लिए प्रशासकीय तथा तकनीकि दिक्कतों को देखते हुए प्रकल्प के कचरे पर प्रक्रिया करने के लिए कम से कम ८ माह का अवधि लगने की संभावना है.
-वानखडे, मुख्यधिकारी
नगर परिषद के पास १ करोड ५७ लाख ८६ हजार १३४.७५ रुपए का पर्याप्त निधि उपलब्ध होने पर भी नगर परिषद की ओर घनकचरा प्रबंधन किए जाने वाले जगह पर बढ रहे प्रदूषण को नजरअंदाज किया जा रहा है. जमीन में ठूंसे गए घनकचरे को जमीन से बाहर निकालकर उस पर कब प्रक्रिया की जाएगी. यह सवाल अब भी बना हुआ है.
-गौरव भोवते समाजिक कार्यकर्ता