अमरावती

शिक्षक कहां से खिलाएं विद्यार्थियों को केले व सेब?

पूरक पोषाहार योजना पर महंगाई का साया

सरकारी व निजी दरों मेें जमीन-आसमान का फर्क
अमरावती/दि.25 – जिला परिषद के मार्फत लाखों विद्यार्थियों को पोषण आहार योजनांतर्गत पूरक आहार के तौर पर प्रति बुधवार केले अथवा स्थानीय स्तर पर उपलब्धतानूसार अन्य फलों का वितरण किया जाता है. परंतु इसमें से ही एक रहने वाले केले व सेब के दाम इन दिनों आसमान छू रहे है. ऐसे में पूरक आहार के तौर पर विद्यार्थियों को केले और सेब कहां से व कैसे लाकर बांटे जाए, इस सवाल से शालेय शिक्षक जुझ रहे है.
बता दें कि, पूरक आहार योजना में जिले के लाखों विद्यार्थियों को फलों का वितरण किया जाता है. जिसके लिए सरकार द्बारा फलों के सरकारी दाम भी तय किए गए है. लेकिन सरकारी दामों और फलों के प्रत्येक्ष दामों में जमीन आसमान का फर्क है. साथ ही विगत कुछ दिनों से सेब व केले के दाम आम नागरिकों की पहुंच से बाहर जा चुके है. अब तक 30 से 40 रुपए दर्जन की दर पर मिलने वाले केले के दाम 50 से 60 रुपए दर्जन तक पहुंच गए है. वहीं सेब के दाम भी 150 से 200 रुपए प्रतिकिलो के स्तर पर है. ऐसे में फलों के दामों में काफी उछाल रहने के चलते शालाओं में विद्यार्थियों को प्रत्येक बुधवार केले व सेब जैसे फल खिलाना मुश्किल हो गया है क्योंकि ऐसा करने के लिए शिक्षकों को अपनी जेब से पैसा खर्च करने की नौबत आन पडी है.
* क्या दिया जाता है पूरक आहार में
प्रतिमाह पहले बुधवार को स्थानीय उपलब्धतानुसार फल, दूसरे बुधवार को मूंगफल्ली लड्डू या चिक्की, तीसरे बुधवार को राजगिरा या मुरमुरा लड्डू, चौथे बुधवार को खजुर या खारिक तथा पांचवे बुधवार को फल ऐसे पूरक आहार का मेन्यू तय किया गया है.
* पूरक आहार के लिए मिलते है कितने पैसे
– 1 ली से 5 वीं हेतु 42 पैसे
सरकारी निर्णयानुसार पोषण आहार योजनांतर्गत पूरक आहार के लिए कक्षा 1 ली से 5 वीें तक के विद्यार्थियों हेतु प्रति विद्यार्थी 42 पैसे का खर्च अपेक्षित किया गया है.
– 6 वीं से 8 वीं हेतु 63 पैसे
वहीं कक्षा 6 वीं से 8 वीं के लिए प्रति विद्यार्थी 63 पैसे का खर्च अपेक्षित किया गया है. ऐसे मेें सबसे बडा सवाल यह है कि, इस दर के आधार पर विद्यार्थियों को पूरक आहार के तौर पर केले व सेब कैसे उपलब्ध कराए जाए.
* उपर के पैसे शिक्षक कहां से दें?
प्रधानमंत्री पोषणशक्ति निर्माण योजनांतर्गत प्रति लाभार्थी विद्यार्थी हेतु आहार खर्च की मर्यादा कक्षा 1 ली से 5 वीं के विद्यार्थियों हेतु 5 रुपए 45 पैसे तथा कक्षा 6 वीं से 8 वीं के विद्यार्थियों हेतु 8 रुपए 17 पैसे तय की गई है. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, इस अत्यल्प राशि में शिक्षकों द्बारा विद्यार्थियों को पोषण आहार कैसे उपलब्ध कराया जाए. क्योंकि इन दिनों सभी वस्तुओं के दामों में मानो आग लगी हुई है और महंगाई आसमान छू रही है. ऐसे में पोषाहार व पूरक आहार उपलब्ध कराने हेतु शिक्षकों को मजबूरन अपनी जेब में हाथ डालकर अपने पल्ले से पैसा खर्च करना पडता है.
* क्या है पूरक आहार के दाम
– राजगिरा
बाजार पेठ में राजगिरा के दाम 250 रुपए प्रतिकिलो है. वहीं 6 से 8 नग राजगिरा लड्डू के लिए 20 रुपए खर्च करने पडते है.
– खारिक
इस समय बाजार में काली खारिक 600 रुपए प्रतिकिलो व पीली खारीक 320 रुपए प्रतिकिलो की दर से बिक रही है.
– मुरमुरे
वजन में बेहद हल्के रहने वाले अच्छी गुणवत्ता वाले मुरमुरे के दाम 70 रुपए प्रतिकिलो के आसपास है.
– हर बुधवार को मेन्यू
वरिष्ठ स्तर से प्रत्येक बुधवार के लिए मेन्यू तय किया गया है. जिसके अनुसार शालेय विद्यार्थियों को पूरक आहार में संबंधित मेन्यू दिया जाता है. इसके तहत स्थानीय स्तर पर उपलब्ध रहने वाले फल एवं पौष्टिक आहार विद्यार्थियों को प्रदान किए जाते है.

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